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राजस्व मंत्री के गृह जिले में ही प्रशासन को लगाया जा रहा चूना, आखिर किसकी शह पर चल रहा ये खेल ?

  बलौदाबाजार. राजस्व मंत्री के गृह जिले में रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन की शिकायतों के बाद गुरुवार को प्रशासन जागा. कलेक्टर चंदन कुमार के ...

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 बलौदाबाजार. राजस्व मंत्री के गृह जिले में रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन की शिकायतों के बाद गुरुवार को प्रशासन जागा. कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देश पर बलौदाबाजार के सभी विकासखंड के अनुविभागीय अधिकारी तहसीलदार की विशेष टीम बनाकर एक साथ दबिश दी गई. रात में शुरु हुई इस कार्रवाई में बड़ी मात्रा में बगैर रायल्टी पर्ची और ओवर लोड गाड़ियों को जब्त किया गया है.

 

रात में संचालित खदानों से सात चैन माउंटेन मशीन और रेत का परिवहन करते लगभग 50 से ज्यादा हाईवा समेत ट्रैक्टरों पर कार्रवाई की गई है. फिलहाल शासकीय आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हुए हैं. लिहाजा ये आंकडा बढ़ भी सकता है. वहीं कार्रवाई की जानकारी ना तो खनिज अधिकारियों को दी गई और ना ही पुलिस विभाग को. कार्यवाही प्रारंभ होने पश्चात लगभग 10 बजे पुलिस को जानकारी दी गई. अवैध परिहवन से प्रशासन को राजस्व की हानि होती है.

अधिकारी-कर्मचारियों को भी पहुंच रहा हिस्सा

जानकारी के मुताबिक रेत खदान संचालकों द्वारा एक पर्ची काटकर दो से तीन बार उस गाड़ी को महानदी से रेत परिवहन के लिए दिया जाता है. वहीं रायल्टी पर्ची एक हाईवा का 2500 रुपये काटा जाता है. लेकिन वाहन मालिक से 8500 रुपये अतिरिक्त रेत भरने का लिया जा रहा है. जिससे आम नागरिक को रेत की बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है. सूत्र ये भी बताते हैं कि इस खेल में खनिज अधिकारियों का भी हाथ होता है. जिन्हें एक बड़ी रकम हर महीने पहुंचा दी जाती है. इतना ही नहीं प्रशासनिक कर्मचारियों को भी हिस्सा दिया जाता है. ताकि शासन की कार्रवाई के पहले ही खदान संचालकों को कार्रवाई की भनक लग सके. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण पिछले साल पलारी विकासखंड के मोहान रेत खदान में देखने मिला था. जहां कार्रवाई की सूचना मिलते ही वाहन महानदी से गायब हो गये थे. अब देखना ये होगा कि इस बड़ी कार्रवाई के बाद राज्य शासन को राजस्व की हानि पहुंचाने वाले रेत खदानों के माफियाओं पर क्या कार्रवाई होती है.