कवर्धा कवर्धा, कृषि विज्ञान केन्द्र में शनिवार को एक दिवसीय अनुसूचित जाति के ग्रामीण युवाओं, महिला एवं पुरूषों के उद्यमिता विकास एवं कौशल ...
कवर्धा
कवर्धा, कृषि विज्ञान केन्द्र में शनिवार को एक दिवसीय अनुसूचित जाति के ग्रामीण युवाओं, महिला एवं पुरूषों के उद्यमिता विकास एवं कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण का आयोजन अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (औषधीय एवं संगंध फसल) के अंतर्गत, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के पादप कार्यिकी कृषि जैव रसायन औषधीय एवं संगंध विभाग के संयुक्त तत्वाधान में संपन्न हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कबीरधाम जिले के ग्राम जेवड़न कला, रहंगी, भालुचुवां एवं अन्य गांवो के युवाओं, महिला एवं पुरूषों को प्रशिक्षित किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में वैज्ञानिक डॉ. येमन देवांगन, द्वारा प्रशिक्षणार्थियो को औषधीय एवं संगंध फसलों की वैज्ञानिक खेती, समन्वित कृषि प्रणाली, जैसे लेमनग्रास, सिट्रोनेला, पामारोजा, गिलोय, पुदीना, ब्राम्ही, अश्वगंधा, सर्पगंधा, नीम, तुलसी, अदरक, हल्दी, खस, बच की उन्नत खेती की तकनीक, औषधीय महत्व, विभिन्न तैयार होने वाले उत्पादों, बाजार की उपलब्धता एवं मूल्य संवंर्धित सामाग्री जैसे इत्र, साबुन, अगरबत्ती बनाने का जीवंत प्रदर्शन कर दिखाया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य कृषिरत कृषकों, महिलाओं एवं युवाओं की आय में वृद्धि करना है।
वैज्ञानिक डॉ. एलिस तिर्की, ने विभिन्न सुगंध फसलों जैसे निम्बूघास, सिट्रोलेना, पामारोसा, तुलसी,पान, पुदीना, केवड़ा इत्यादि एवं औषधीय पौधों अश्वगंधा, काली हल्दी, सर्पगंधा, बच, मण्डूकपर्णी, केंवाच, चरौटा, कालमेघ इत्यादि पौधों की उन्नत किस्मों के गुण, पहचान एवं उपयोग की विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. बी.पी. त्रिपाठी ने औषधीय एवं सुगंधित पौधों की व्यवसायिक खेती की जानकारी एवं खेती की संभावनाओं की जानकारी दी। साथ ही प्रतिभागियों को कृषि विज्ञान केन्द्र, प्रक्षेत्र नेवारी में समन्वित कृषि प्रणाली अंतर्गत, पशुपालन, मुर्गीपालन, मछलीपालन, बटेर पालन इकाई का भ्रमण कराया गया। प्रशिक्षण में भाग लिए प्रशिक्षणार्थियों को अतिथियो द्वारा प्रमाण पत्र एवं औषधीय पौधे प्रदाय किए गए एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गईं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के श्री बी. एस. परिहार, विषय वस्तु विशेषज्ञ एवं इंजी. टी. एस. सोनवानी, विषय वस्तु विशेषज्ञ उपस्थित थे