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नियमितीकरण की पूरी प्रक्रिया की होगी समीक्षा, पार्किंग स्थल का नियमितीकरण हो सकता है निरस्त, पार्किंग स्थल का नियमितीकरण करना दुर्भाग्यपूर्ण - वित्त मंत्री श्री चौधरी

नियमितीकरण की पूरी प्रक्रिया की होगी समीक्षा, पार्किंग स्थल का नियमितीकरण हो सकता है निरस्त, पार्किंग स्थल का नियमितीकरण करना दुर्भाग्यपूर्ण...

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नियमितीकरण की पूरी प्रक्रिया की होगी समीक्षा, पार्किंग स्थल का नियमितीकरण हो सकता है निरस्त, पार्किंग स्थल का नियमितीकरण करना दुर्भाग्यपूर्ण - वित्त मंत्री श्री चौधरी  


छत्तीसगढ़.

 असल बात न्यूज़. 

 विधानसभा में वित्त विभाग, आवास एवं पर्यावरण तथा योजना आर्थिक तथा सांख्यिकी विभाग के अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान  कल- कारखानों,क्रेशर से फैलने वाले प्रदूषण,स्थानीय निकायों के द्वारा किए जा रहे भवनों तथा व्यावसायिक स्थलों के नियमितीकरण, कॉलोनाइजर्स  के द्वारा अवैध कॉलोनियों को बसाने, शहरों में बढ़ते अतिक्रमण, विधायक निधि के मद के कार्यों  इत्यादि विषयों पर काफी चर्चा हुई. वित्त मंत्री श्री चौधरी के बोलने के दौरान वरिष्ठ सदस्य राजेश मूणत ने राजधानी रायपुर में कमर्शियल स्थलों के पार्किंग स्थल के नियमितीकरण का मुद्दा उठाया तो इसके बाद सत्ता पक्ष के कई सदस्य इस पर बोलने लगे और पार्किंग स्थल के नियमितीकरण पर जमकर आपत्ति जताई. सदस्यों की आपत्तियों को देखते हुए वित्त मंत्री श्री चौधरी ने संपूर्ण भवनों के नियमितीकरण की पूरी प्रक्रिया की समीक्षा करने की घोषणा कर दी है. वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में नई सरकार ने अपने बजट में कोई नया करने नहीं लगाया है औऱ ना ही किसी कर में कोई बढ़ोतरी की है. लेकिन इस संकट की स्थिति में भी राज्य सरकार अपने सारे संकल्पों को पूरा करने की ओर आगे बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि हम जीएसटी से बड़े राजस्व की प्राप्तियां करेंगे.

 वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने चर्चा पर बोलते हुए कहा कि नई सरकार में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में वित्त विभाग में आमूल चूल परिवर्तन आने की कोशिश की जा रही है. हम इसमें क्रांतिकारी नीतियों को लागू करने की कोशिश में लगे हुए हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की कल्पना की है और हम भी इसी विजन के अनुरूप छत्तीसगढ़ राज्य को भी विकसित राज्य बनाने के मिशन पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में हम अमृत काल विजन डॉक्यूमेंट प्रस्तुत करने जा रहे हैं जिसे राज्य के स्थापना दिवस 1 नवंबर 2024 के अवसर पर प्रस्तुत किया जाएगा. इसी के साथ छत्तीसगढ़ इकोनामी एडवाइजरी कमेटी भी बनाई जा रही है. उन्होंने उल्लेख करते हुए कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने थे भारत देश की दुनिया में 11वीं अर्थव्यवस्था थी. लगातार सुधारो के साथ आगे बढ़ते हुए अब इस देश की अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया में पांचवें स्थान पर आ गई है. छत्तीसगढ़ की जीडीपी को भी हमने 5 साल में 10 लाख करोड़ तक करने का लक्ष्य रखा है. विभिन्न लीकेज और गड़बड़ियों को ठीक करते हुए हम इस रास्ते पर आगे बढ़ेंगे.

 उन्होंने उद्योगों से फैलने वाले प्रदूषण का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसी शिकायतें  हैं कि उद्योगों में प्रदूषण रोकने के लिए मशीन लगी हुई है लेकिन उन्हें चालू नहीं किया जाता. प्रदूषण रोकने वाले सिस्टम के काम करने की रिपोर्ट वहां के प्रबंधन के द्वारा हमारे विवाह को दी जाती है अभी से अपडेट किया जा रहा है. उद्योगों की चिमनियों में हमारे विभाग के द्वारा उपकरण लगाए जाएंगे जिससे वहां के प्रदूषण लेवल की रिपोर्ट सीधे हमारे पास पहुंचेगी.इसकी रिपोर्ट के अनुसार प्रदूषण बढ़ने की सूचना आने पर हम उद्योग को बंद करने की ओर काम करेंगे.

 इस बीच वरिष्ठ सदस्य राजेश मूणत ने खड़े होकर बोलना शुरू किया कि राजधानी रायपुर में शास्त्री चौक पर प्रदूषण मापक यंत्र लगाया गया है, उसे अराजक तत्व उठकर चले गए हैं. तो उसको कैसे करेंगे. वह उन्होंने रायपुर शहर मैप मास्टर प्लान की बात उठाते हुए कहा कि राजधानी रायपुर में पार्किंग की जगह को रेगुलराइज किया जा रहा है. शहर के मास्टर प्लान और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की व्यवस्था की धज्जिया उडाते हुए यह रेगुलाइजेशन किया गया है पार्किंग की जगह पर दुकान निकालना गई और उसका रेगुलराइजेशन कराया गया. उसे कमर्शियल कर दिया गया.

 इसी पर बोलते हुए वरिष्ठ सदस्य अमर अग्रवाल ने कहा कि यह समस्या सिर्फ रायपुर शहर की नहीं हैं. पूरे प्रदेश की समस्या है. सारे नियमों को तोड़कर पार्किंग स्थलों की दुकानों का रेगुलाइजेशन कर दिया गया. उन्होंने इस सारे नियमितीकरण को रद्द कर देने को कहा. वरिष्ठ सदस्य अजय चंद्राकर ने भी नियमितीकरण में गड़बड़ियों का मामला उठाया.

 विभाग मंत्री श्री चौधरी ने इस पर बोलते हुए कहा कि सदस्यों ने जो चिंता उठाई है वह वाजिब है उन्होंने उल्लेख करते हुए कहा कि भवनो के अतिरिक्त निर्माण के नियमितीकरण का कार्य वर्ष 2018 के दौरान भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में शुरू हुआ था. उस समय कई अलग प्रावधान थे. कमर्शियल जगह को नियमित नहीं करने की व्यवस्था नहीं थी. पार्किंग की जगह को रेगुलराइज करने का कोई प्रावधान नहीं था. पिछले पांच वर्षों के द्वारा व्यवस्था बदल दी गई.यह दुर्भाग्य जनक हुआ है. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि नियमितीकरण की पूरी प्रक्रिया की समीक्षा की जाएगी और नए नियमों से जो परेशानियां आई रही हैं उसे दूर करते हुए नियमितीकरण की नई योजना बनाई जाएगी.

 वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि जब कोई सिस्टम सुधरता है तो भ्रष्टाचारियों की जेब में कम पैसा जाता है और शासन के खजाने में अधिक पैसा आता है. छत्तीसगढ़ में अब सिस्टम सुधार रहा है. यहां जीएसटी से राजस्व की प्राप्तियां भी कई गुना बढ़ जाने की संभावना है