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अधिकारियों कर्मचारियों को अब हर हालत में सेवानिवृत्ति के दिन से ही मिलने लगेगा पेंशन, संचालक पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद महादेव कावरे ने पेंशन विभाग के कामकाज में भी कसावट लाने की शुरू की मुहिम

सेवानिवृत अधिकारियों कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ में अब नहीं भटकना पड़ेगा पेंशन के लिए,, संचालक श्री कावरे ने  कमिश्नर और कलेक्टर को पेंशन समस्...

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सेवानिवृत अधिकारियों कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ में अब नहीं भटकना पड़ेगा पेंशन के लिए,, संचालक श्री कावरे ने  कमिश्नर और कलेक्टर को पेंशन समस्याओं  के निराकरण के लिए त्वरित कार्रवाई करने के दिए निर्देश   

छत्तीसगढ़.

असल बात न्यूज़. 

 छत्तीसगढ़ राज्य में अधिकारियों कर्मचारियों को सेवानिवृत होने के बाद.पेंशन के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा.नई सरकार बनने के बाद  भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी महादेव कावरे, राज्य में कोष लेखा एवं पेंशन विभाग के संचालक बनाए गए हैं और उन्होंने सेवानिवृत अधिकारियों कर्मचारियों को पेंशन के लिए भटकने के जैसी  समस्याओं को गंभीरता से लिया है.श्री कावरे को दुर्ग में संभागआयुक्त रहने के दौरान प्रशासनिक कामकाज में कसावट लाने के लिए पूरे संभाग में लगातार छापा मारने और उनके छापे के दौरान अनियमितताये मिलने पर कड़ी कार्रवाई करते हुए कर्मचारियों को निलंबित कर देने के लिए भी जाना जाता है.माना जा रहा है कि श्री काँवरे ने कोश पेंशन विभाग की जिम्मेदारी संभालने के बाद यहां भी प्रशासनिक कामकाज में कसावट लाने के लिए मुहिम शुरू कर दी है. इन प्रकरणों इन प्रकरणों पर अब ऑनलाइन भी काम किया जा रहा है. पिछले 3 महीने के भीतर विभाग को पेंशन के ऑनलाइन 668 प्रकट मिले जिसमें से 498 प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है.

 शासकीय अधिकारी कर्मचारी जब तक कुर्सी पर रहते हैं तब तक उनकी अलग-अलग चमक दमक नज़र आती है.लेकिन सेवानिवृत होने के बाद उन्हें कई तरह की दिक्कतों से जूझना पड़ता है जिसमें पेंशन स्वीकृत होने में तेरी होने की समस्या का उन्हें सबसे अधिक सामना करना पड़ता है. उनके लिए सेवानिवृत्ति के बाद यह सबसे बड़ी समस्या बन जाती है. प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में पिछले 6 महीने से पेंशन के 800 से अधिक प्रकरण लंबित है.इन सभी प्रकारणों मे विभाग के द्वारा संबंधित कर्मचारी को एनओसी नहीं दिए जाने भी पाए गए हैं. ज्यादातर प्रकरणों में कर्मचारियों के खिलाफ लेनदारी बाकी है जिसका निराकरण नहीं होने की वजह से पेंशन के प्रकरण लंबित हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी रायपुर संभाग में 240 दुर्ग संभाग में 100 बिलासपुर संभाग में 253 बस्तर में 117 और सरगुजा संभाग में पेंशन के 96 प्रकरण लंबित है. श्री कावरे को जब इस विभाग का संचालक बनाया गया,तब से उम्मीद की जा रही है कि यहां जो समस्याएं सामने आ रही हैं उनके शीघ्र निराकरण के लिए भी कुछ नया कदम उठाया जाता नजर आएगा.

 सेवानिवृत अधिकारियों कर्मचारियों को पेंशन के लिए क्यों भटकना पड़ रहा है इसके बारे में हमने विभाग के संचालक श्री महादेव कावरे से जानकारी लेने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि  हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि किसी भी अधिकारी, कर्मचारियों को सेवानिवृत होने के बाद पेंशन के लिए भटकना न पड़े. राज्य भर में सभी कमिश्नर्स कलेक्टर्स और कोष लेखा के अधिकारियों की बैठक ली गई है. इस दौरान सभी जिले के कलेक्टर को उनके टीएल बैठक में पेंशन से संबंधित समस्याओ की भी समीक्षा करने को कहा गया है.उन्होंने सभी कमिश्नर्स को भी पेंशन संबंधित समस्याओं को गंभीरता से लेने को कहा है.

 प्राप्त जानकारी के अनुसार कोष लेखा एवं पेंशन विभाग के द्वारा पेंशन से संबंधित समस्याओं का ऑनलाइन भी निराकरण किया जा रहा है. इस के लिए आभार आपकी सेवाओं का पोर्टल बनाया गया है. जिसमें संबंधित विभाग के द्वारा कर्मचारियों का पेंशन ऑनलाइन भेजा जाता है और संयुक्त संचालक कोष लेखा के द्वारा इसके परीक्षण के बाद पेंशन के प्रकार की स्वीकृति दे दी जाती है. इस तरह से राज्य में पेंशन की प्रक्रिया को सरल और व्यवहारिक  किया जा रहा है. इसमें एक बात यह अभी एक जानकारी अभी सामने आ रही है कि राज्य शासन के द्वारा भी पेंशन से संबंधित समस्याओं को गंभीरता से लिया गया है तथा विभागीय अधिकारियों को पेंशन के प्रकरणों को किसी भी कर्मचारी अधिकारी के रिटायर होने के 2 साल पहले से तैयार कर लेने और प्रस्तुत करने को कहा गया है. ताकि उसके रिटायरमेंट के दिन संबंधित कर्मचारी अधिकारी को उसका पेंशन आर्डर मिल जाए.