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Breaking, खनिज विभाग का पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान 15 जुलाई 2020 से जारी कई आदेश निरस्त

छत्तीसगढ़. असल बात न्यूज़..  पिछली सरकार के कार्यकाल में खनिज परिवहन की अनुमति देने की प्रक्रिया को ऑनलाइन से ऑफलाइन कर देने के मामले में वि...

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छत्तीसगढ़.

असल बात न्यूज़..

 पिछली सरकार के कार्यकाल में खनिज परिवहन की अनुमति देने की प्रक्रिया को ऑनलाइन से ऑफलाइन कर देने के मामले में विधानसभा में आज ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई है और राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सदन में  जुलाई 2020 की अवधि के दौरान पिछली सरकार के कार्यकाल में कोल्र परिवहन की अनुमति की प्रक्रिया को ऑनलाइन से ऑफलाइन कर देने के सारे निर्देशों को निरस्त कर दिया है. आसंदी से विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने भी इस निर्देश कोशिश कहा तथा इस के बाद इस विषय पर और आगे चर्चा की अनुमति नहीं दीं.

 सदन में वरिष्ठ सदस्य राजेश मूनत ने  ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए इस मुद्दे को उठाया था.. सदन में विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि संचालक भूमि खनिज तथा खनिकर्म द्वारा जारी पत्र दिनांक 15 जुलाई 2020 के तहत यह निर्देश जारी किया गया कि छत्तीसगढ़ खनिज नियम 2009 के तहत अभिवहन पास में अंकित गंतव्य स्थान से अभिवहन स्थान परिवर्तित किया जाना प्रतिबंधित है. अतः परिवर्तन किए जाने हेतु अभिवहन पास में गंतव्य स्थान के कॉलम में अंतिम गंतव्य स्थान दर्ज करते हुए  लाइसेंसी, कोल,वाशरी, कोल डिपो क्रेशर आदि के माध्यम से कला प्रदान किया जा रहा है उसे भी स्थान सहित अभियान पास में अंकित किया जाना आवश्यक मानते हुए सभी प्रकार के रेल द्वारा परिवहन सीसीएल रेलवे साईंडिंग अन्य साइडिंग कोल वासिरी हेतु परिवहन के संबंध में आवेदन के साथ रेलवे का फॉरवर्डिंग साईंडिंग प्रपत्र को  लगाया जाकर अनुमति हेतु आवेदन संबंधी जिले के खनिज शाखा में प्रस्तुत किया जाए जिस पर उपसंचालक खनिज अधिकारी सहायक खनिज अधिकारी द्वारा उचित जांच कर कोल परिवहन की अनुमति जारी की जाएगी.

 उक्त निर्देश के तहत भंडारण अनुज्ञप्तिधारियों को भी खनिज ऑनलाइन पोर्टल से रॉयल्टी अभिवहन पास जारी करने के पूर्व संबंधित कोयला भंडार अनुज्ञप्तधारियों को निर्धारित प्रारूप में उपसंचालक सहायक खनिज अधिकारी की अनुमति लेने के लिए निर्देश दिए गए थे.सदस्य श्री मूनत ने सदन में चर्चा के दौरान बताया कि इसी अनुक्रम में प्रवर्तन निदेशालय ने जांच उपरांत विशेष न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया है जो कि विचाराधीन है. साथ ही भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य की एंटी कॉरपोरेशन ब्यूरो में प्रकरण दर्ज कराया है जो विवेचना अधीन है.

 इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सदन में जवाब देते  हुए बताया कि संचालक भूमि भौतिकी  तथा खनिज कर्म द्वारा जारी पत्र दिनांक 15 जुलाई 2020 के तहत यह निर्देश जारी किया गया कि छत्तीसगढ़ खनिज खनन परिवहन तथा भंडारण नियम 2009 के तहत अभिवहन पास में अंकित गंतव्य स्थान से अन्यत्र स्थान परिवर्तित किया जाना प्रतिबंधित है. परिवहन हेतु जारी किए जाने वाले अभिवहन पास में गंतव्य स्थान के कालम में अंतिम गन्तव्य विस्तार दर्ज करते हुए जी लाइसेंस से कोल वासिरी,कॉल डिपो, क्रेशर आदि के माध्यम से कोयला प्रदान किया जा रहा है उसे भी स्थान सहित अभिवहन पास में अंकित किया जाना आवश्यक मानते हुए सभी प्रकार के रेल द्वारा परिवहन एसईसीएल, रेलवे साइडिंग हेतु परिवहन के संबंध में आवेदन के साथ रेलवे का फॉरवर्डिंग नोट लगाया जाकर अनुमति हेतु आवेदन संबंधी जिले के खनिज शाखा में प्रस्तुत किया जाए जिस पर उपसंचालक खनिज अधिकारी सहायक अधिकारी द्वारा उचित जांच कर कला परिवहन अनुमति जारी की जाएगी.

 विभाग के इस निर्देश के तहत भंडारण अनुज्ञप्तिधारियों को भी खनिज ऑनलाइन पोर्टल से रॉयल्टी पैड अभिवहन पास जारी करने के पूर्व संबंधित कोयला भंडारण  अनुज्ञप्तिधारियों  को निर्धारित प्रारूप में उपसंचालक खनिज अधिकारी सहायक खनिज अधिकारी की अनुमति लेने के निर्देश दिए गए थे. इस निर्देश के उपरांत खनिज अम्लों के द्वारा भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया के उपरांत की ट्रांजिट पास जारी करने की व्यवस्था की गई थी जिसके कारण भ्रष्टाचार एवं अवैध उगाही. के आरोप लगे.

 उन्होंने अपने जवाब में बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने जांच उपरांत सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया है जो विचाराधीन है साथ ही भ्रष्टाचार के मामले में निदेशालय ने राज्य के एंटी करप्शन ब्यूरो में प्रकरण दर्ज कराया है जो की विवेचनाधीन है.

वरिष्ठ सदस्य राजेश मूनत ने इस संबंध में यह भी पूछा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है और राज्य में कोल परिवहन को अनुमति देने  की प्रक्रिया जब ऑनलाइन चल रही थी तो उसे किसकी सहमति से ऑफलाइन किया गया.. यह सम्बन्ध में खनिज मंत्री मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि इसका आदेश संचालक के द्वारा जारी किया गया जो कि अभी जेल में है. उन्होंने सदन में संचालक के नाम का उल्लेख करते हुए  समीर बिश्नोई का नाम बताया. सदस्य राजेश मूनत  ने इस मामले में यह भी सवाल उठाया कि प्रदेश में आखिर ऐसी कौन सी आपदा आ गई थी कि कोल परिवहन के अनुमति देने  की प्रक्रिया को ऑनलाइन से ऑफलाइन करना पड़ा.