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PM मोदी ने ‘आचार्य श्री विद्यासागर की समाधि’ को कहा 'व्यक्तिगत क्षति', भावुक होकर दी श्रद्धांजलि

  नई दिल्ली। विश्व प्रसिद्ध दिगंबर जैन मुनि संत परंपरा के आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज ने शनिवार देर रात डोंगरगढ़ की चंद्रगिरी में...

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 नई दिल्ली। विश्व प्रसिद्ध दिगंबर जैन मुनि संत परंपरा के आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज ने शनिवार देर रात डोंगरगढ़ की चंद्रगिरी में अंतिम सांस ली. इस खबर के बाद समस्त जैन समाज समेत उनके दुनियाभर में मौजूद अनुयायियों में शोक की लहर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के ब्रह्मलीन होने पर शोक व्यक्त किया है.



आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भारत मंडपम में आयोजित भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान श्री विद्यासागर जी महाराज को याद कर पीएम मोदी भावुक हो उठे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह पिछले साल के अंत में डोंगरगढ़ में चंद्रगिरि जैन मंदिर की अपनी यात्रा को कभी नहीं भूल सकते हैं. उस समय उन्होंने महाराज जी के साथ समय बिताया था.

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में पीएम मोदी ने कहा, ‘नड्डा जी के माध्यम से मैं आप सबका अभिनंदन करता हूं. आज मैं समस्त देशवासियों की तरफ से संत शिरोमणि आचार्य श्री पूज्य विद्यासागर महाराज को श्रद्धा और आदरपूर्वक नमन करते हुए श्रद्धांजलि देता हूं. उनकी समाधि लेने की सूचना मिलने के बाद उनके अनुयायी शोक में हैं. हम सभी शोक में हैं.

आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा… pic.twitter.com/mvJJPbiiwM

— Narendra Modi (@narendramodi) February 18, 2024

उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए तो यह एक व्यक्तिगत क्षति जैसा है। वर्षों तक मुझे व्यक्तिगत रूप से अनेक बार उनसे मिलने और उनका मार्गदर्शन प्राप्त करने का अवसर मिला है. कुछ महीने पहले ही ऐसे मन कर गया तो मैं प्रवास कार्यक्रम को बदलकर उनके पास पहुंच गया था. तब पता नहीं था कि उनसे दोबारा नहीं मिल पाऊंगा. उनके दर्शन नहीं कर पाऊंगा. ये मेरा सौभाग्य रहा है कि पिछले 50 से भी ज्यादा वर्षों से मुझे देश के गणमान्य आध्यात्मिक मूर्तों का आशीर्वाद पाने का अवसर मिला है. इसलिए मैं उस शक्ति को जानता हूं, अनुभव करता हूं.’