भिलाई. असल बात news. स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग ने बॉयोइनोवेल लाइफसाइंस प्राव्हेट लिमिटेड बै...
भिलाई.
असल बात news.
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग ने बॉयोइनोवेल लाइफसाइंस प्राव्हेट लिमिटेड बैंगलुरू तथा माइक्रोबॉयोलाजी सोसायटी, इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में आण्विक विज्ञान व्यवहारिक प्रशिक्षण पर सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में स्नातकोत्तर कक्षा के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया तथा नई-नई आण्विक तकनीक जैसे पादप जंतु ऊत्तकों से डीएनए निष्कर्षण, रेस्ट्रीकेशन डायजेशन, लाइगेशन वैद्युतकण संचालन तकनीक, पीसीआर तकनीक, आदि तकनीकी के बारे में जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. शमा ए. बैग ने बताया कि यह कार्यक्रम छात्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। औद्योगिक क्षेत्रों मे नवीन तकनीकी के उपयोग में बढ़ोतरी हुई है यह कार्यक्रम छात्रों को उन नवीन तकनीकी तथा उपकरण संचालन के लिए प्रशिक्षित करेगा जिससे रोजगार के नए तथा उन्हें सुनहरे अवसर प्राप्त होगें।
मुख्य अतिथी डॉ. ए. एम. देशमुख ने कहा कोविड से दुनिया को बचाने में आण्विक विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका थी और भविष्य में भी विद्यार्थी आण्विक विज्ञान की तकनीकी को सीखकर इन गंभीर बीमारियों का निदान कर पायेंगे।
प्रशिक्षक देबासीस साहो ने बताया इस तकनीकी को सीखकर विद्यार्थी नये उद्यमिक कार्य शुरू कर सकते है। छात्रों को इस प्रकार के कोर्सेस में भाग लेना चाहिए तथा नयी तकनीकी को सीखना चाहिए।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने इस कार्यशाला की सराहना की तथा छात्रों को सभी तकनीकी को ध्यानपूर्वक सीखने की सलाह दी।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम विद्यार्थियों के व्यवहारिक ज्ञान को बढ़ाने में उपयोगी सिद्ध होगा, इस तरह के कार्यशाला का आयोजन समय-समय पर करवाना चाहिए।
अक्षिता पांडे, छात्रा एमएससी माइक्रोबॉयोलाजी ने कहा हमने नयी तकनीकी को सीखा व उससे डीएनए निष्कर्षण किया। हर्षा सिंह एमएससी माइक्रोबॉयोलॉजी ने कहा हमारे लिए यह बहुत अच्छा अनुभव था तथा आगे भी ऐसे कोर्सेस होने चाहिए।
कार्यक्रम का समापन प्रमाणपत्र वितरण से किया गया। कार्यक्रम का संचालन स.प्रा. समीक्षा मिश्रा सूक्ष्मजीवविज्ञान ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन स.प्रा. योगिता लोखंडे सूक्ष्मजीवविज्ञान ने दिया।