दुर्ग. असल बात news. यह कोई सिर्फ सामान्य न्यूज़ नहीं है,इस न्यूज़ के माध्यम से हम यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि आज जब चांद में पहुंचन...
दुर्ग.
असल बात news.
यह कोई सिर्फ सामान्य न्यूज़ नहीं है,इस न्यूज़ के माध्यम से हम यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि आज जब चांद में पहुंचने की बात की जा रही है,लड़कियां पढ़-लिख कर दुनिया भर में ऊंचे ओहादों पर पहुंच रही हैं,लेकिन अपराधी,आज भी किस तरह से बालिकाओं को अपने जाल में फंसा ले रहे हैं,उनका शोषण कर रहे हैं और उनकी जिंदगी तबाह कर दे रहे हैं यह सब ऐसी खबरों से पता चलता है और दुख की बात है कि ऐसी घटनाएं हमारे आसपास भी घटित हो रही हैं.इस घटना में आरोपी,पीड़ित बालिका का दोस्त था और भाई का एक्सीडेंट हो जाने पर आरोपी, उससे मिलने उसके घर आने जाने लगा और आरोपी पीड़िता का मोबाइल नंबर लेकर उससे लगातार बात करने लगा और उससे शारीरिक संबंध बना लिया. इसी दौरान उसकी न्यूड वीडियो बना ली और उसे इंस्टाग्राम पर वायरल कर दिया.वह उसे,उसकी सहेलियों से भी बातचीत नहीं करने देता था तथा कहना नहीं मानने पर जान से मारने की धमकी देने लगा था. प्रकरण में न्यायालय ने आरोपी के खिलाफ दोष सिद्ध पाया है और उसे लैंगिक अपराधों से बालकों संरक्षण अधिनियम 2012 के अपराध में बीस साल के सश्रम कारावास और ₹5000 अर्थदंड की सजा सुनाई है. प्रकरण में आरोपी के इंस्टाग्राम वाले फेक आईडी का पता लगाना भी कठिन काम रहा था अच्छी बात है कि न्यायालयों के द्वारा ऐसे मामलों में शीघ्र से शीघ्र फैसला सुनाया जा रहा है.
यह जीआरपी भिलाई थाना क्षेत्र के अंतर्गत की घटना है जिसमें 16 फरवरी 2022 को एफ आई आर कायम हुआ. प्रकरण में अपरसत्र न्यायाधीश चतुर्थ एफटीएससी विशेष न्यायालय लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम श्रीमती संगीता नवीन तिवारी के न्यायालय ने सजा सुनाई है. न्यायालय ने प्रकरण में विचारण और सुनवाई करते हुए सिर्फ एक साल 3 महीने के भीतर फैसला सुना दिया है.
अभियोजन के अनुसार प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि अभियुक्त एवं आरोपी एक दूसरे को जानते पहचानते हैं. 16 में 2022 को आरोपी की शादी हो गई है. प्रकरण में पीड़िता के द्वारा स्वयं रिपोर्ट दर्ज कराई गई.वह लगभग 17 वर्ष की छात्रा है और दसवीं कक्षा में पढ़ाई करती थी. फरवरी वर्ष 2021 में उसके भाई का एक्सीडेंट हुआ था तब से आरोपी उसका दोस्त होने के बहाने उसके घर में आने आने लगा. यहीं से आरोपी ने पीड़िता ने उससे दोस्ती कर ली और बहला--फुसला कर उससे शारीरिक संबंध बना लिया. इस दौरान वह उसकी न्यूड फोटो, वीडियो में भी बना लिया करता था.अभियोकत्री ने परेशान होकर अपना मोबाइल नंबर बंद कर दिया. आरोपी ने इंस्टाग्राम पर फेक आईडी भी बना रखा था. जिससे उसने इंस्टाग्राम पर न्यूड वीडियो और फोटो वायरल कर दिया.
आरोपी 17 फरवरी 2022 से गिरफ्तारी के बाद लगातार न्यायिक अभिरक्षा में निरुद्ध है. न्यायालय ने अभियोकत्री को उसके अपराध के समय से मानसिक व शारीरिक पीड़ा को देखते हुए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 357 क के अंतर्गत पुनर्वास हेतु आहत प्रतिकर योजना की राशि प्रदान करने का भी निर्देश दिया है.
प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक वियोजक संतोष कसार ने पैरवी की.
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