दुर्ग दुर्ग। भिलाई इस्पात संयंत्र अपना अस्तित्व एवं वजूद खोने के कगार पर है उसके निजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है अगर निजीकरण को रोकना है ...
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दुर्ग। भिलाई इस्पात संयंत्र अपना अस्तित्व एवं वजूद खोने के कगार पर है उसके निजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है अगर निजीकरण को रोकना है तो दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी राजेंद्र साहू को जीताना होगा और केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनानी पड़ेगी। आज भिलाई इस्पात संयंत्र में 32 हजार ठेका श्रमिक है जिनकी हालत दयनीय है उनकी पीड़ा को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार एवं मौजूदा सांसद विजय बघेल ने कभी नहीं सुना उनकी पीड़ा और दर्द को सुनने के लिए कांग्रेस पार्टी के लोकप्रिय प्रत्याशी राजेन्द्र साहू उनके बीच नगर निगम रिसाली के अंतर्गत आने वाले वार्ड क्रमांक 37 जोरातराई पंहुचे इस दौरान लगभग तीन सौ से ज्यादा ठेका श्रमिक उपस्थित थे उनके अंदर भिलाई इस्पात संयंत्र के निजीकरण को लेकर भारी आक्रोश है ठेका श्रमिकों ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र के निजीकरण को रोकना है तो राजेन्द्र साहू को जिताना पड़ेगा क्योंकि मौजूदा सांसद विजय बघेल उनकी पीड़ा को सुनने से इंकार कर दिया है उन्होंने ठेका श्रमिको के हितों को कभी संसद में नहीं उठाया है। ठेका श्रमिकों ने अपनी मांगों और पीड़ा को राजेन्द्र साहू के समक्ष रखा उन्होंने मांग रखते हुए कहा कि हमे प्रति माह छब्बीस हजार रुपये वेतन सहित आवास चिकित्सा नाइट भत्ता एवं आने जाने के लिए गाड़ी मिलना चाहिए। यह हमारा हक है जिसको भारतीय जनता पार्टी हमेशा दरकिनार करने का काम किया है भिलाई इस्पात संयंत्र पर उद्योपति अडानी की नजर है अगर हमको निजीकरण से बचाना है तो इसके लिए हम सभी लोगों को दो नम्बर पर लोकतंत्र के महापर्व सात मई को पंजा चाप पर बटन दबाकर राजेन्द्र साहू को जिताना है क्योंकि वे ही हमारे हक की लड़ाई लड़ने का माद्दा रखते हैं। राजेन्द्र साहू ने उनकी मांगो को गम्भीरता से सुना और कहा कि अगर आप लोगो ने मुझे चुनकर संसद में पहुँचाया तो मैं भिलाई इस्पात संयंत्र का निजीकरण होने नही दूंगा चाहे इसके लिए जान भी देना पड़े तो दे दूंगा आपकी सभी मांगो को हरहाल में पूरा किया जाएगा। इस दौरान मनोज बंजारे पूर्व पार्षद ममता बाघ सहदेव बांधे दिलीप मिर्जा लोचन वर्मा ललित कोसरे ढेलु साहू दीपक साहू सुरेश डाहरे सेनन सोनवानी प्रहलाद साहू पार्षद रोहित धनकर सहित सैकड़ों की संख्या में ठेका श्रमिक एवं वार्डवासी उपस्थित थे