कवर्धा कवर्धा, राजपूत क्षत्रिय समाज 3738 द्वारा गुरूवार को सुधा वाटिका परिसर में महाराणा प्रताप के प्रतिमा पर पूजा-अर्चना, पुष्पहार पहनाकर ...
कवर्धा
कवर्धा, राजपूत क्षत्रिय समाज 3738 द्वारा गुरूवार को सुधा वाटिका परिसर में महाराणा प्रताप के प्रतिमा पर पूजा-अर्चना, पुष्पहार पहनाकर मेवाड के 13 वें राजा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई। अंग्रेजी कैलेंडर अनुसार हर साल महाराणा प्रताप की जयंती 9 मई को मनाई जती है। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य भी कार्यक्रम में शामिल हुए। राजपूत क्षत्रिय समाज के नगर अध्यक्ष चंद्रिका सिंह ठाकुर, भूपेन्द्र सिंह, पंकज सिंह, जितेन्द्र सिंह, मनोज सिंह, दुर्गेश सिंह ने संबोधित करते हुए बताया कि महाराणा प्रताप भारत के सबसे बहादूर राजपूत शासकों में एक थे, जिन्होंने लगाभग 35 वर्षो तक राजस्थान के मेवाड़ पर शासन किया था। इस अवसर पर पूर्व नगर अध्यक्ष रामसिंह ठाकुर, खुमान सिंह, विजय सिंह राजपुत, मालिक राम ठाकुर, सुनील सिंह ठाकुर, हेमलाल ठाकुर, नितेश सिंह, मोहन सिंह, अजय सिंह ठाकुर, सुमित सिंह ठाकुर, अमन ठाकुर, ध्रुव, हरि, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के परस चंद्राकर, संजय धुव्र, अभिषेक दुबे, अतुल पाण्डेय सहित राजपूत क्षत्रिय समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।
भारत के सबसे मजबूत योद्धा थे महाराणा प्रताप-
राजपूत क्षत्रिय समाज 3738 कवर्धा परिक्षेत्र के मीडिया प्रभारी अमन ठाकुर ने बताया कि महाराणा प्रताप को भारत के अब तक के सबसे मजबूत योद्धाओं में से एक माना जाता है। इसलिए उन्हें मांउटेन मैन भी कहा जाता है। महाराणा प्रताप 2.26 मीटर (7 फीट 5 इंच) लंबे थे। वह 72 किलो ग्राम वजनी बॉडी आर्मर यानी कवच भी पहनते थे। 81 किलो का भाला रखते थे। इसके अलावा उनके पास दो वजनी तलवारे भी थी। कुल मिलाकर लगभग 208 किलोग्राम वजन वह अपने साथ लेकर चलते थे