भिलाई. असल बात न्यूज़. स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित बीएड प्रशिक्षार्थियों के लिए फ्लिप क्लास...
भिलाई.
असल बात न्यूज़.
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित बीएड प्रशिक्षार्थियों के लिए फ्लिप क्लास सात दिवसीय टीचिंग एवं लर्निंग कार्यशाला का सफलतापूर्वक समापन संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम प्रभारी स.प्रा. पूनम शुक्ला, शिक्षा विभाग ने बताया बीएड चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों का सर्वप्रथम चार-चार समूह बनाकर विभिन्न शिक्षण कौशल, सहायक शिक्षण सामग्री, शिक्षण विधि, शिक्षण सूत्र, शिक्षण तकनीक, सूक्ष्म शिक्षण, शिक्षण प्रविधि एवं शिक्षण सिद्धांत विषय पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया। इससे विद्यार्थियों का शिक्षण कौशल के विकास के साथ विषय-वस्तु को खुद से सीखने के कौशल का विकास होगा।
फ्लिप क्लास“ एक मनोवैज्ञानिक शिक्षण पद्धति है जिसमें विद्यार्थी पहले किसी अध्याय का अभ्यास करते है उसकी तैयारी करते है। शिक्षक बाद में संबंधित पाठ में आने वाली समस्याओं का समाधान करते है यह पारंपरिक शिक्षण विधि जिसमें पहले शिक्षक पाठ को समझाते थे बाद में होमवर्क दिया जाता था उससे ठीक उल्टा है। ”फ्लिप क्लास“ वास्तव में ”स्वयं करके सीखने” पर बल देता है। सात दिवसीय ”फ्लिप क्लास“ में बीएड प्रशिक्षार्थियों का चार-चार का समूह बनाया गया जिसमें प्रत्येक ग्रुप ने अलग-अलग प्रकरण पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया गया।
प्रथम दिवस- सहायक शिक्षण सामग्री पर रितिका, गायत्री, पूर्णिमा, स्वाति ने अपना व्याख्यान दिया जिसमें श्रव्य सामग्री, दृश्य सामग्री, श्रव्य-दृश्य सामग्री के बारे में एवं उसकी उपयोगिता, सावधानियाँ एवं महत्व की ओर प्रकाश डाला।
द्वितीय दिवस- शिक्षण प्रविधि पर अभिषेक, गरिमा, पूजा पटेल, पूजा सरकार ने किसी प्रकरण को पढ़ाते समय कौन-कौन से शिक्षण प्रविधि का उपयोग करना चाहिए। प्रश्नोत्तरी, कथन प्रविधि, उदाहरण प्रविधि, प्रदर्शन प्रविधि, स्पष्टीकरण प्रविधि आदि।
तृतीय दिवस - विभिन्न विषयों – बॉयो, गणित, सामाजिक विज्ञान, भौतिक विज्ञान, शिक्षण, हिन्दी शिक्षण, अंग्रेजी शिक्षण को किस प्रकार पढ़ाये साक्षी, सीमा, सौम्या, योगेश ने अपने प्रभावपूर्ण प्रस्तुतीकरण द्वारा विद्यार्थियों को समझाया।
चतुर्थ दिवस - सूक्ष्म शिक्षण द्वारा विभिन्न शिक्षण कौशल श्यामपट्ट, प्रस्तावना, उद्दीपन-परिवर्तन, पुर्नबलन, प्रश्नपूछना, पाठ समापन कौशल आदि के बारे में जयश्री जुरेसिया, जयश्री कुंजाम, गरिमा, सुनीता ने प्रस्तुतीकरण दिया। पंचम दिवस – आस्था, पुकेश्वर, मनहरण, हर्ष ने शिक्षण सूत्र पर अपना व्याख्यान दिया जिसमें 14 शिक्षण सूत्र “ज्ञात से अज्ञात की ओर”, ””सुगम से कठिन की ओर” “प्रत्यक्ष से अप्रत्यक्ष की ओर” शिक्षण सूत्र का उपयोग कर शिक्षण को सरल एवं प्रभावपूर्ण बनाना बताया।
षष्टम दिवस - शिक्षण सिद्धांत एवं सूक्ष्म शिक्षण पर अंकिता रॉय, कंचन, दिव्या, दामिनी ने अपना व्याख्यान दिया जिसमें विभिन्न शिक्षण सिद्धांत के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
सप्तम दिवस - सप्तम दिवस समापन समारोह में शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों के त्रुटियों की ओर ध्यान आकर्षित किया एवं सुधार करने के सुझाव दिये गये।
कार्यक्रम में विशेष सहयोग एवं मार्गदर्शन डॉ. दुर्गावती मिश्रा सह-प्राध्यापक एवं डॉ. शैलजा पवार प्राध्यापक, शिक्षा विभाग ने प्रदान किया। इस अवसर पर बीएड चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थीगण एवं प्राध्यापक उपस्थित थे।
कार्यशाला के महत्व पर फीडबैक देते हुये अंकिता रॉय बीएड चतुर्थ सेमेस्टर ने कहा इस प्रकार के प्रशिक्षण से हमें शिक्षण के विभिन्न पहलुओं एवं सूक्ष्म बिंदुओं के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। जयश्री जुरेसिया ने अपने फीडबैक में कहा कि सूक्ष्मशिक्षण द्वारा हमने विभिन्न शिक्षण कौशल, श्यामपट्ट का सही उपयोग एवं प्रस्तावना प्रश्न बनाने में सावधानी आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई। सुनीता बीएड छात्रा ने कहा विभिन्न शिक्षा प्रविधि विषय को किस शिक्षण विधि से पढ़ाये आदि का ज्ञान इस कार्यक्रम से प्राप्त हुआ जो हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण एवं उपयोगी था।