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आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को हथकड़ी लगाने का काम किया था कांग्रेस ने - भाजपा, जनता के संवैधानिक अधिकारों का हनन करने के लिए कांग्रेस ने लगाया था आपातकाल - भाजपा

दुर्ग दुर्ग। आपातकाल लागू किए जाने की 49 वीं वर्षगांठ पर दुर्ग जिला भाजपा  कार्यालय में मुख्य वक्ता पुरंदर मिश्रा की विशेष उपस्थिति में विचा...

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दुर्ग। आपातकाल लागू किए जाने की 49 वीं वर्षगांठ पर दुर्ग जिला भाजपा  कार्यालय में मुख्य वक्ता पुरंदर मिश्रा की विशेष उपस्थिति में विचार गोष्ठी का कार्यक्रम हुआ, जिसमें मीसाबंदियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के दौरान मीसाबंदियों ने आपातकाल के विरोध में किए गए संघर्षो और अपने अनुभवों को साझा किया।


विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता के तौर पर रायपुर उत्तर के विधायक पुरंदर मिश्रा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का आज जो विशाल स्वरूप दिखाई देता है वह हमारे पूर्वजों द्वारा किए गए त्याग, तपस्या और बलिदान के कारण है। कांग्रेस ने हमेशा संविधान का मखौल उड़ाने का काम किया। संवैधानिक व्यवस्था का दुरुपयोग करते हुए देश को आपातकाल में धकेल कर जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करने से भी कांग्रेस पीछे नहीं हटी। यह प्रामाणिक तथ्य है कि संविधान में सबसे ज्यादा संशोधन कांग्रेस पार्टी की सरकार ने किया हैं और संविधान के स्वरूप को बदलने में कांग्रेस पार्टी सबसे आगे रही है। 


जिला भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा ने कहा कि आपातकाल के दौर में विपक्षियों को जेल में डाल दिया गया, मीडिया और प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा दिया गया। लोकतंत्र को कारागार में डालकर तानाशाही के साथ देश को चलाने का प्रयास किया गया। आपातकाल इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस देश के संविधान के लिए सबसे बड़ा खतरा है। 


विधायक ललित चंद्राकर ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए जिन लोगों ने आपातकाल के दौर में संघर्ष किया उनके संघर्षों को नमन करने के साथ-साथ आपातकाल को स्मरण करना जरूरी है क्योंकि आपातकाल हमें यह याद दिलाता है कि देश का शासक जब पद लोलुप और पथभ्रष्ट हो जाए तो उसका खामियाजा देश की जनता को भुगतना पड़ता है, ऐसे राजनीतिक दलों और नेताओं से देश को सावधान रहने की आवश्यकता है। 


विधायक गजेंद्र यादव ने कहा कि हर राजनीतिक दल के लिए लोकतंत्र की रक्षा सर्वोपरि होना चाहिए लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने हमेशा लोकतंत्र को खतरे में डालने का काम किया और आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या करने से भी कांग्रेस पीछे नहीं हटी। लेकिन जनसंघ, सोशलिस्ट पार्टी और तत्कालीन सामाजिक नेताओं ने अपने संघर्षों से लोकतंत्र और संविधान को बचाने का जो काम किया वह अभिनंदनीय है। 


जिला भाजपा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार ने कहा कि 12 जून को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्वाचन को जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध करार देकर शून्य घोषित किया तब पद छोड़ने की बजाय उन्होंने अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए 25 जून को देश में आपातकाल लगा दिया। देश के सारे विपक्ष को बंधक बनाकर और मीडिया पर प्रतिबंध लगाकर उन्होंने तानाशाही शासन के रूप में जो दमन का कुचक्र चलाया, उसकी कोई मिसाल नहीं है। आपातकाल के दौर के पुलिसिया आतंक, बेतहाशा भ्रष्टाचार, निरंकुश नौकरशाही से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ था। कांग्रेस ने किस प्रकार से संविधान को ताक में रखकर लोकतंत्र की हत्या की, यही बताने के लिए आपातकाल स्मृति दिवस प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। 


कार्यक्रम संयोजक अजय तिवारी द्वारा कार्यक्रम की भूमिका रखी गई एवं आभार प्रदर्शन कार्यक्रम सहसंयोजक मनोज सोनी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन जिला भाजपा महामंत्री सुरेंद्र कौशिक ने किया। विचार गोष्ठी के दौरान मीसाबंदी राम पाटणकर,  जनार्दन सिंह ठाकुर, डोमार चंद्राकर, राम अवतार यादव, किशोर टाटीबंधवाले, गोवर्धन जायसवाल का सम्मान मुख्य वक्ता पुरंदर मिश्रा, जिला अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा, विधायक ललित चंद्राकर व गजेंद्र यादव एवं प्रीतपाल बेलचंदन द्वारा किया गया। 


उपस्थितगणों में पूर्व अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक प्रितपाल बेलचंदन, जिला भाजपा उपाध्यक्ष दिलीप साहू, विनायक नातू, जिला मंत्री आशीष निमजे, रोहित साहू, दीपक चोपड़ा, नीलेश अग्रवाल, दिनेश देवांगन, मनोज अग्रवाल  विजय ताम्रकार, सुनील अग्रवाल, सुनील साहू, साजन जोसफ, दिव्या कलिहारी, नरेश शर्मा, रीता मेश्राम, महेंद्र लोढ़ा, भारतेंदु गौतम, अनूप गटागट, प्रकाश साहू, हेमंत गोयल, शुभम साहू, मंजू पांडेय, बिंदु सिंह भुवाल, पूनमचंद सपहा, दीपक सिन्हा, टीकम साहू, उदय शंकर त्रिपाठी, केवल देवांगन, शिवेंद्र परिहार, रितेश जैन, महेंद्र चोपड़ा, भास्कर तिवारी, ममता देवांगन, धनंजय राजपूत, वसीम कुरैशी, ताम्रध्वज साहू सहित अनेकों कार्यकर्ता और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे