भिलाई भिलाईनगर। नगर निगम भिलाई के सभागार में आज कैच द रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (जल संरक्षण) के प्रारंगिक तौर तरिके को समझाने के लिए श्र...
भिलाई
भिलाईनगर। नगर निगम भिलाई के सभागार में आज कैच द रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (जल संरक्षण) के प्रारंगिक तौर तरिके को समझाने के लिए श्रद्वा सुबरी समाज सेवी संस्था पन्डूना मध्यप्रदेश से संस्था को जिला प्रशासन द्वारा आमंत्रित किया गया है। उसी संस्था का सेमिनार निगम के सभागार में आयोजित की गई थी। जिसमें समन्वयक नीरज वानखेड़े ने स्व सहायता समूह की संगठिकाएं, शहरी अजीविका मिशन की सीओ, प्रोजेक्ट मैनेजर को समझाये की किस प्रकार से छोटी छोटी सावधानी करके हम अपने जमीन के जल स्त्रोत को बढ़ा सकते है। वर्षा का जल बहुमुल्य है। उसे बचाना ही हमारा धर्म है। विज्ञान कितना भी तरक्की कर ले सहज रूप से पानी नहीं बना सकता हम पानी बचा करके ही जल स्त्रोत को बढ़ा सकते है। प्रोजेक्टर के माध्यम से देश के पहाड़ी क्षेत्रो, मैदानी क्षेत्रो, वनांचल क्षेत्रो में आवासीय परिसरो में, छोटे बड़े घरो में किस प्रकार से कैच द रेन के माध्यम से पानी को संरक्षित कर सकते है। इसकी छोटी छोटी चल चित्र भी दिखाएं गये। साथ में ये भी बताया गया कि हम पानी नहीं बचाएंगे आने वाले समय में बहुत भयावय स्थिति होगी। उन्होने उधारण स्वरूप में बताया की सामान्यतः घरेलू महिलाएं रात में भरा हुआ एक गुंडी पानी यह करके नाली में गिरा देगे की बासी हो गया। उतने ही पानी से उसी बर्तन को साफ करती है, हाथ पैर घोते है फिर कहीं जाकर एक गुंडी पानी भरती है। औसतन देखा गया है एक गुंडी पानी भरने के लिए तीन गुंडी पानी बर्बाद करते है।
नगर निगम भिलाई के मुख्य कार्यालय में बने कैच द रेन हेतु बने सोखता पिट को भी दिखाया गया, उन्हे यह समझाया गया कि किस प्रकार से छोटे रूप में आप अपने घरो में भी वर्षा का जल संरक्षित कर सकते है। समिनार के दौरान प्रीतम छीर सागर, प्रणय वारकुल, सागर वानखेड़े, चिरांस वारंगे, दौलत चंद्राकर, अमन पटले, आदि उपस्थित रहे।