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बाढ़ आपदा-बचाव और प्रबंधन के लिए कलेक्टर ने अलग-अलग विभागों को सौपे दायित्व, बाढ़ आपदा एवं बचाव सहित आवश्यक तैयारियां विभाग सुनिश्चित करें- कलेक्टर श्री महोबे

 कवर्धा कलेक्टर ने नदियों एवं मध्यम जलाशय किनारे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का चिन्हांकन कर उन क्षेत्रों में राहत शिविर के लिए भवन सहित सभी आवश्...

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 कवर्धा



कलेक्टर ने नदियों एवं मध्यम जलाशय किनारे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का चिन्हांकन कर उन क्षेत्रों में राहत शिविर के लिए भवन सहित सभी आवश्यक तैयारियां रखने के निर्देश दिए

कवर्धा,। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने आगामी मानसून 2024 को दृष्टिगत रखते हुए प्राकृतिक आपदा से बचाव-राहत एवं बाढ़ से निपटने तथा संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा सहित आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के विभिन्न विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है। कलेक्टर ने बैठक में जिले के प्रमुख सकरी, हाफ, फोक नदिया सहित जिले के सभी मध्यम जलाशयों के किनारे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की चर्चा करते हुए और उन क्षेत्रों में बाढ़-आपदा प्रबंधन सहित आवश्यक तैयारियां रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविरों के लिए शासकीय भवन, पर्याप्त सुरक्षा स्थान, और ऐसे पहुंच विहिन क्षेत्रों में जहां बाढ़ की स्थिति में पहुंचना संभव नहीं है, ऐसे स्थानों को चिन्हांकित कर वहां पर्याप्त मात्रा में खाद्य समाग्री, नमक, कोरोसीन, जीवन रक्षक दवाइयां आदि संग्रहित करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए है।

कलेक्टर श्री महोबे ने बैठक में आगामी मानसून 2024 में प्राकृति आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था करने के संबंध में अलग-अलग विभाग के अधिकारियों को दायित्व भी सौपे है। कलेक्टर ने जिले में स्थापित वर्षामापक यंत्रों का उचित संधारण कर नियमित जानकारी का प्रेषण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिन-जिन तहसीलों में वर्षामापी यंत्र नहीं लगाए है,वहां वर्षामापी यंत्र तत्काल स्थापित करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वाथ्य एवं जीवन रक्षक दवाईयां भण्डारण करने के निर्देश दिए है। उन्होने बाढ़ प्रभावित एवं पहुंच विहिन क्षेत्रों के लिए डाक्टर्स की दल गठन करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के निर्देशित किया है। साथ ही राजस्व लेखा शाखा को आवश्यक तैयारियां की जानकारी अवगत कराने सहित समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में मानूसन के दौरान सर्प एवं अन्य जीवन जन्तू काटने से मृत्यु होने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए सर्प दंश के बचाव के लिए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने पीएचई विभाग को वर्षा ऋतु में जलजनित बीमारियों के रोकथाम एवं नियंत्रण के बचाव के लिए पेयजल की शुद्धता एवं स्वच्छता को दृष्टिगत रखते हुए कुंओ, हैण्डपंप आदि में बलीचिंग पाउडर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।

  कलेक्टर ने जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों जैसे सकरी नदी, हाफ नदी, के तटीय क्षेत्रों के ग्रामों में सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर शीघ्रता से पहुंचाने एवं ठहराने की व्यवस्था की जा सके। इन क्षेत्रों में अस्थाई  कैप के लिए सुरक्षित शासकीय, अशासकीय भवन, धर्मशाला, गोदामों, स्कूलों आदि को चिन्हांकित करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने राहत शिविरों में नियमित चिकित्सा जांच की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए राहत शिविरों में बुखर,उल्टी-दस्त, मलेरिया आदि लक्षणों वाले लोगों को अलग-थलग रखने के लिए सभी तैयारियां रखने के निर्देश दिए है, ताकि बीमारी के प्रसार को रोका जा सके। अश्रयों, राहत शिविरों के कीटाणु शोधन और स्वच्छता के लिए अतिरिक्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने इस के लिए जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार, खाद्य अधिकारी एवं सभी जनपद पंचायत सीईओ को निर्देशित किया है। बैठक में कलेक्टर ने बाढ़ से बचाव संबंधित जो उपकरण के लिए जिला सेनानी को आवश्यक निर्देशित किया है। उन्होने जिला नगर सेनानी को बाढ़ से बचाव संबंधी जो उपकरण जिले में उपलब्ध है यथा प्रशिक्षित जवान, तैराक, मोटर बोट, लाइफ जैके, मेगाफोन, तारपोलीन, दस्ताने, ड्रम, बोल्ट कटर, रस्सी, सर्च लाईट, ट्रक के ट्यूबस आदि की दुरूस्ती कराकर उपयोग के लिए तैयार रखने के लिए निर्देशित किया है, ताकि आवश्यकता पड़ने  पर त्वरित उपयोग में लाया जा सके। मोटर बोट की उपलब्धता होने पर आयुक्त कार्यालय को जानकारी उपलब्ध कराई जाए, ताकि मांग आने पर अन्य जिलों में बोट तथा प्रशिक्षित जवानों को तुरन्त रवाना किया जा सके। कलेक्टर ने जिले के सभी नगरीय क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति निर्मित न हो इसके लिए नगरी क्षेत्रों के सभी प्रमुख छोटे-बड़े नालों की सफाई रखने के निर्देश दिए है। साथ ही शहर के भीतर बाढ़ वाले क्षेत्रों में पोर्टेबल डायविंग पंपो की व्यवस्था की जाए। विशेष रूप से तटी क्षेत्रों में भवन,घरों की गैर आरआरसी छतों को सुरक्षित करने के लिए यू-हुक प्रणाली का उपयोग किया जाना चाहिए।

कलेक्टर ने जिले में स्थित मध्यम सिंचाई  परियोजनाओं से जल छोड़ने पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए है। जलस्तर के खतरे के निशान पर पंहुचने की संभावना होने पर इसकी सूचना राज्य स्तरीय कंट्रोल रूप तथा निचले जिलों को लगातार देने की व्यवस्था सुनिश्चित करे तथा तत्काल सुरक्षा उपाय करने के निर्देश दिए। जलाशयों से जल छोड़ने पर विशेष ध्यान रखा जाए। जलाशयों में नियमित रूप से निकासी के प्रयास किए जाए,ताकि बाढ़ की स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके और बांधों का जल स्तर बढ़ने पर जल निकासी के लिए निचले जिलों, तहसीलों, ग्रामों एवं सीमावर्ती राज्यों को 12 घंटे पूर्व सूचना दी जाए।


जिले में बाढ़ आपदा नियत्रंण कक्ष एवं कंट्रोल रूम स्थापित


कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने निर्देश पर जिले में बाढ़ आपदा नियत्रंण कक्ष एवं कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूम का दूरभाष नम्बर 07741-232038 है। उक्त नियंत्रण कक्ष 24 घंटा क्रियाशील रहेगा। इसके अतिरिक्त आपात स्थिति में इन दूरभाष नंबर एवं अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है। इन अधिकारियों में कवर्धा नगर पालिका अधिकारी श्री नरेन्द्र वर्मा का सपर्क नम्बर 94077-60744, जिला नगर सेनानी एवं प्रभारी फायर बिग्रेड अधिकारी, पुलिस नियत्रंण कक्ष 07741-232674,231887,100 अथवा 112, जिला चिकित्सालय  07741-233553 अथवा 108 पर त्वरित सूचना प्रेषित किया जा सकता है। इसके लिए अतिरिक्त संबंधित विभाग को कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने और इसकी सूचना जिला कार्यालय को प्रेषित करने के निर्देश दिए। जिला स्तरीय बाढ़ आपदा नियत्रंण कक्ष एवं कंट्रोल रूम में 24 घंटे कर्मचारियों की तैनाती के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।l