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कवर्धा
कवर्धा, करें योग रहे निरोग की अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए स्वस्थ जीवन एवं सामाजिक समरसता का संदेश देते हुए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कबीरधाम जिले में निर्मित अमृत सरोवर के तट पर एवं अन्य स्थानों में जिले के वनांचल क्षेत्र से लेकर मैदानी क्षेत्र तक योग अभ्यास का आयोजन किया गया। जिसमें ग्रामीणों ने उत्साह पूर्वक भाग लेते हुए स्वस्थ मानसिक एवं शारीरिक जीवन के गुण सीखे। योग अभ्यास के दौरान विभिन्न प्रकार के आसनों को बताते हुए उसके फायदे ग्रामीणों को बताए गए। इस दौरान आगामी वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए जल ही जीवन है एवं जल है तो कल है का संदेश प्रसारित किया गया। ग्रामीणों को योग अभ्यास के दौरान बताया गया कि पर्यावरण संरक्षण नितांत आवश्यक है तथा जल संरक्षण करते हुए भविष्य के लिए पानी की आवश्यकता पर सभी का ज्ञानवर्धन किया गया।
कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने बताया कि गत वर्ष मनरेगा योजना अंतर्गत निर्मित अमृत सरोवर के तट पर सामूहिक योग अभ्यास का कार्यक्रम हुआ था। इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर स्वस्थ जीवन एवं पर्यावरण संरक्षण के साथ जल है तो कल है का संदेश देते हुए योगाभ्यास का संचालन किया गया।जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं एवं पुरुषों ने भाग लेकर स्वस्थ जीवन का लाभ लेते हुए पर्यावरण संरक्षण के महत्व को जाना।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि जिले में योग दिवस के अवसर पर योग अभ्यास के साथ-साथ जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिससे की इस वर्षा ऋतु में जल संचय का कार्य और बेहतर तरीके से हो सके। यही कारण है कि महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत निर्मित अमृत सरोवर के तट पर योग अभ्यास का कार्यक्रम किया गया है। साथ ही ग्रामीणों को जल संरक्षण के महत्व को बताते हुए नारी शक्ति से जल शक्ति हेतु प्रेरित किया जा रहा है।
मिशन अमृत सरोवर पर एक नजर.......
आजादी के 75 वे सालगिरह के अवसर पर भारत सरकार द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसी परिपेक्ष में देश के प्रत्येक जिलों में कम से कम 75 जल स्रोतों का निर्माण करने के लिए मिशन अमृत सरोवर चलाया जा रहा है। एक ओर जहां अमृत सरोवर के बनने से जल संरक्षण के साथ जल संचय होकर भू-जल स्तर में वृद्धि होगी तो वही दूसरी ओर अमृत सरोवर को आजीविका के कार्य से जोड़ने की भी योजना है जिसमें स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा। प्रत्येक अमृत सरोवर कम से कम 1 एकड़ के क्षेत्र में निर्मित किया गया है जिसमें 10000घनमीटर जलभराव की क्षमता होगी। इस कार्य से ग्रामीणों को जल संरक्षण के साथ रोजगार के पर्याप्त अवसर मिल रहे हैं जो सही मायने में ग्रामीणों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहा है। गत वर्ष महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना अंतर्गत 81अमृत सरोवर का निर्माण किया गया है।इस कार्य में 4 लाख 20 हजार से अधिक मानव दिवस का रोजगार ग्रामीणों को मिला। वही चालू वित्त वर्ष में 22 नए अमृत सरोवर का निर्माण विभिन्न ग्राम पंचायतो में हो रहा है जिसमें 33 हजार से अधिक मानव दिवस का रोजगार अभी तक ग्रामीणों को मिला है