दुर्ग 1 जुलाई 2024 से अंग्रेजो के जमाने से चले आ रहे कानून को बदल कर भारतीय न्याय संहिता पूर्ण रूप से हो जाएगा लागू भारत सरकार द्...
दुर्ग
1 जुलाई 2024 से अंग्रेजो के जमाने से चले आ रहे कानून को बदल कर भारतीय न्याय संहिता पूर्ण रूप से हो जाएगा लागू
भारत सरकार द्वारा राजपत्र में प्रकाशित तीन नवीन आपराधिक कानून 01 जूलाई 2024 को लागू होने के पूर्व *पुलिस अधीक्षक दुर्ग, श्री जितेन्द्र शुक्ला* के द्वारा जिले के शासकीय एवं अशासकीय कॉलजो में तीन नवीन अपराधिक कानून के प्रशिक्षण एवं प्रचार-प्रसार के लिए दुर्ग पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश देने पर आज दिनांक को भारती विश्वविद्यालय पुलगांव के सभा गृह में 01 दिवसीय नवीन भारतीय न्याय संहिता विषय पर कार्यशाला आयोजन किया गया।
*जिसमें श्री सुखनंदन राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर* द्वारा बताया गया कि नवीन भारतीय न्याय संहिता आम जनता को न्याय दिलाने के लिए बनाया गया है जिससे आम जनता एवं पीडित को न्याय मिलने में विलंब न हो और इसके अंतर्गत पुलिस एवं न्यायालय के लिए भी समय निर्धारित किया गया है नये कानून के अंतर्गत महिलाओं एवं बच्चो से संबंधित अपराध के लिए अलग अलग क्लीरिफिकेशन करते है परिभाषा को एकजाई किया गया है जिसमें बच्चो की परिभाषा दी गई है कि बच्चा कौन है महिलाओं से संबंधित अपराधों में दण्ड का प्रावधान करते हुए महिलाओं से संबंधित अपराधो को कठोर बनाया गया है। किसी भी अपराध में गवाह का फोटो एवं वीडियोग्राफी की जायेगी जिसे न्यायालय मे मान्य होगा जिससे पीडित को न्याय मिलने में आसानी होगी।
*श्री चिराग जैन, (भापुसे) नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग* के द्वारा अपने उद्बोंधन में बताया गया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अंतर्गत कही अपराध होता है और आप वहां उपस्थित नहीं है उस स्थिति में आप जहा कही भी हो वही नजदीकी थाना से एफआईआर करा सकते है एफआईआर करना पुलिस का दायित्व है वह इनसे इंकार नहीं करेगा साथ ई एफआईआर के अंतर्गत आप घर में चोरी या घटना दुर्घटना होती है तो आप रजिस्टेªड ई मेल के माध्यम से पुलिस के रजिस्ट्रेड ई मेल या वाट्सअप के माध्यम से सूचना भेज सकते है और तीन दिवस के भीतर अंदर संबंधित थाने में उपस्थित होकर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा।
*श्री उत्तम ध्रुव , अनुविभागीय दण्डाधिकारी,* द्वारा अपने उधबोधन मे कहा गया की नये कानून भारतीय न्याय सहिता मे महिलाओ एवं बच्चों से सम्बंधित अपराधों मे अपराधी को कठोर दंड का प्रावधान दिया गया बताया गया। साथ ही कहा गया की हम सभी एक समाज मे रहते है तो हम सभी कर्तव्य है की समाज मे रहकर कानून के नियमों का पालन करे।
कार्यशाला में उपस्थित में *श्री सतीष ठाकुर, उप पुलिस अधीक्षक, यातायात* द्वारा बढती सडक दुर्घटनाओं को रोकने एवं मृत्यु दर में कमी लाने हेतु बताया गया कि जिस प्रकार आप मोबाईल की सुरक्षा के लिए कव्हर लगाते है उसी प्रकार दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट अवश्य पहने ताकि अचानक किसी सडक दुर्घटना के शिकार होते है तो हेलमेट आपके सर को सुरक्षित रखता है उसी प्रकार चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट अवश्य लगाये किसी प्रकार के नशे का सेवन कर वाहन न चलाये और एक छात्र अपने स्कूल/कॉलेज में जिस प्रकार अनुशासन में रहता है उसी प्रकार सडक में भी अनुशासन में रहकर वाहन चलाये।
आज के इस कार्यशाला में श्री चंद्रशेखर चंद्राकर, नायब तहसीलदार, थाना प्रभारी पुलगांव निरीक्षक पुष्पेन्द्र भट्ठ, श्री सुशील चंद्राकर, चांसलर, डॉ आलोक भट्ट वाईस चांसलर, डॉ वीरेन्द्र स्वर्णकार, रजिस्टार एवं नर्सिग कॉलेज के छात्र/छात्राएं व शिक्षकगण उपस्थित रहें