कवर्धा कवर्धा,1 जुलाई 2024 जिले में 0-5 वर्ष के बच्चों में मृत्यु का एक मुख्य कारण डायरिया भी है, जिसका शीघ्र निदान एवं उपचार से शिशु मृत्य...
कवर्धा
कवर्धा,1 जुलाई 2024 जिले में 0-5 वर्ष के बच्चों में मृत्यु का एक मुख्य कारण डायरिया भी है, जिसका शीघ्र निदान एवं उपचार से शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। बच्चों में डायरिया से होने वाली मृत्यु की रोकथाम के उद्देश्य से डायरिया रोको अभियान 2024 का आयोजन जिले में 01 जुलाई से 31 अगस्त 2024 तक किया जा रहा है। आज शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कैलाशनगर कवर्धा में जिला स्तरीय टीम डॉ. मुकुंद राव, डॉ. ताराचंद साहू, श्री जंयत कुमार एवं टीम के द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं को डायरिया प्रबंधन, हाथ धुलाई की विधि, मलेरिया व डेंगू से बचाव व उपाय के संबंध में जानकारी दी गई। इस अभियान का क्रियान्वयन महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, स्थानीय प्रशासन, आजीविका मिशन एवं अन्य शासकीय विभागों के साथ आपसी समन्वय स्थापित करते हुए आयोजित किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. बी.एल. राज ने बताया कि समुदाय, ग्राम स्तर पर मितानिन द्वारा सभी 05 वर्ष तक के बच्चों के घरों में 02 ओ.आर.एस. पैकेट एवं 14 जिंक की गोली रोग निरोधी रणनीति के अंतर्गत डायरिया प्रबंधन के लिए वितरण किया जाएगा तथा इसके उपयोग एवं महत्व के संबंध में जानकारी प्रदान करना व मितानिनों के द्वारा ओ.आर.एस. घोल बनाने की विधि का प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी परिवारों को स्वच्छता पर भी जानकारी दी जाएगी। डायरिया प्रकरणों की पहचान, ए.एन.एम., स्वास्थ्य केन्द्रों पर संदर्भन एवं मां को खतरे के लक्षणों के बारे में स्वास्थ्य शिक्षा दी जाएगी।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती अनुपमा तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ए.एन.एम. द्वारा टीकाकरण सत्र, स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्रों में ओ.आर.एस. व जिंक की महत्ता, दस्त होने पर भी मां को दूध पिलाने की आवश्यकता, हाथ धोने की एवं शौच के लिए टॉयलेट के उपयोग के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही चिरायु दलों द्वारा स्कूलों का भ्रमण कर बच्चों को हाथ धुलाई की विधि एवं डायरिया से संबंधित जानकारियां एवं बचाव के उपाय बताया जाएगा। स्वास्थ्य केन्द्रों के ओ.पी.डी. तथा आई.पी.डी. वार्ड में ओ.आर.एस.-जिंक कार्नर की स्थापना डायरिया केस के उपचार के लिए किया जाएगा। इसे अस्पताल के प्रवेश द्वार के पास आसानी से ध्यान आकर्षित किये जाने वाले स्थल पर स्थापित किया जाएगा।