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स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कार्यशाला का आयोजन

  भिलाई. असल बात न्यूज़.     उच्च शिक्षा विभाग छतीसगढ़ शासन द्वारा स्वामी श्री स्वरूपानंद महाविद्यालय हुडको भिलाई में आईक्यूएसी सेल द्वारा राष...

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भिलाई.

असल बात न्यूज़.    

उच्च शिक्षा विभाग छतीसगढ़ शासन द्वारा स्वामी श्री स्वरूपानंद महाविद्यालय हुडको भिलाई में आईक्यूएसी सेल द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के  क्रियान्वयन की जानकारी देने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें स्वरूपानंद महाविद्यालय हुडको भिलाई व महिला महाविद्यालय सेक्टर-9 के प्राध्यापक व कार्यालयीन कर्मचारी उपस्थित हुए।

कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए डॉ. शमा ए बैग विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को कौशलपरक एवं रोजगारमूलक शिक्षा प्रदान करना है इस परिप्रेक्ष्य में उच्च शिक्षा में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में आमूलचुक परिवर्तन हुआ है जिसे प्राध्यापक बारीकी से समझ सके इसके लिये उच्च शिक्षा विभाग छतीसगढ़ शासन द्वारा प्रशिक्षण  कार्यशाला का आयोजन किया गया है। 

कार्यशाला में प्रशिक्षक डॉ. जगजीत कौर सलूजा प्राध्यापक भौतिक शास्त्र विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग व डॉ. तापस मुखर्जी प्राध्यापक अंग्रेजी, शासकीय महाविद्यालय बोरी उपस्थित हुए। डॉ. तापस मुखर्जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये कहा अभी का समय मल्टी डिसिप्लिनरी का है कोई भी विद्यार्थी अपने पसंद का विषय पढ़ सकता है कोविड ने हमें सिखाया संकट का सामना मिलकर करना है जिसमें चिकित्सा कम्प्यूटर, आईटी, वाणिज्य सभी संकायों विशेषज्ञों ने मिलकर काम किया भारतीय अर्थव्यवस्था को अनुकूल करने के लिए हमें विद्यार्थियों के ज्ञान को विस्तृत करना होगा उन्होंने बताया उच्च शिक्षा के लिये भारत के विद्यार्थी विदेश जाते है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विश्व स्तरीय शिक्षा भारत में ही देने का प्रावधान है जिससे प्रतिभा पलायन न करें। हमें विश्वगुरू कहा जाता था नालंदा जैसे गुरूकुल की प्रतिष्ठा विश्व स्तर पर थी। हमें अपने पुरानी शिक्षा पद्धति जो संस्कृति पर आधारित थी पुनः जुड़ना होगा हमारे देश की प्रतिभा पलायन कर रही है आज कनाडा जैसे देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है अतः हमें सभी विषयों तकनीकी कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, वाणिज्य, चिकित्सा में तालमेल बिठाकर चलना होगा।

डॉ. जगजीत कौर सलूजा ने नई शिक्षा नीति के बारे में विस्तृत जानकारी दी व बताया इस शिक्षा पद्धति में छह से आठ सेमेस्टर होंगे जो चार वर्षीय पाठ्यक्रम है अगर वह एक वर्ष में अपना अध्य्यन छोड़ता है, व उसके पास 44 क्रेडिट अंक है तो उसे प्रमाणपत्र दो साल में 88 क्रेडिट अंक मिलने पर डिप्लोमा व तीन वर्ष में 120 क्रेडिट अंक मिलने पर डिग्री व चार साल में आनर्स की डिग्री मिलेगी।

चौथे साल में जो विद्यार्थी रिसर्च के फिल्ड में जाना चाहते है वह महाविद्यालय में जहां स्नातकोत्तर कक्षायें संचालित है वहां रिसर्च भी कर सकते है। आंतरिक मूल्यांकन पर 30 प्रतिशत अंक निर्धारित है व आंतरिक एवं बाह्य मूल्यांकन को मिलाकर 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करना आवश्यक है। प्रत्येक सेमेस्टर में आंतरिक मूल्यांकन के अंतर्गत दो टेस्ट, क्विज परीक्षा एवं एक असाइनमेंट होगा। यह शिक्षानीति स्वध्यायी विद्यार्थियों पर भी लागू होगा उन्हें भी आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य है, उन्होंने बताया नई शिक्षा नीति चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम जिसके अंतर्गत एक संकाय के विद्यार्थी दूसरे संकाय में के भी विषय पढ़ सकते है। विद्यार्थी को यह पाठ्यक्रम सात वर्ष की समयावधि में पूर्ण करना है। 

महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मदनमोहन ने बताया हमें सबसे पहले प्रथम सेमेस्टर पर ध्यान देने की आवश्यकता है धीरे-धीरे सारी प्रणाली लचीली हो जायेगी। यह शिक्षा प्रणाली लचीली होने के साथ-साथ बहुवैकल्पिक है विद्यार्थियों को अपने पसंद के विषय का विकल्प चुनने की स्वतंत्रता होगी व विद्यार्थी स्नातक से ही शोध कार्य की ओर आकर्षित होगें।

प्राचार्य डॉ. श्रीमती हंसा शुक्ला ने दोनों प्रशिक्षको का राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सुक्ष्म एवं व्यावहारिक जानकारी देने के लिये धन्यवाद दिया एवं कहा कि उच्च शिक्षा एवं विश्वविद्यालय द्वारा लगातार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सम्बन्ध में जो जानकारी दी जा रही है उससे महाविद्यालयों में प्रथम सेमेस्टर की कक्षाये राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप सुचारू रूप से संचालित हो सकेगी।

महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा व डॉ. मोनिषा शर्मा शंकराचार्य महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कार्यक्रम आयोजन के लिए बधाई दी। 

कार्यक्रम में मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शमा ए बेग विभागाध्यक्ष माइक्रोबॉयोलाजी ने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. रजनी मुदलियार नई शिक्षा नीति प्रभारी डॉ. शिवानी शर्मा आईक्यूएसी प्रभारी ने विशेष योगदान दिया। कार्यक्रम मे महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक व कार्यालयीन कर्मचारी शामिल हुए।