नई दिल्ली . असल बात न्यूज़. देश में पिछले महीने भर के भीतर प्रमुख मंडियों में चना , तुअर और उड़द की कीमतों में 4 प्रतिशत तक की गिरा...
नई दिल्ली .
असल बात न्यूज़.
देश में पिछले महीने भर के भीतर प्रमुख मंडियों में चना, तुअर और उड़द की कीमतों में 4 प्रतिशत तक की गिरावट आई है, यहां यह भी जानकारी सामने आई है कि इस कमी के बावजूद तिलहन मार्केट में इनकी कीमतों में कमी नहीं की गई है और चिलहर विक्रेता इसमें भारी मुनाफा वसूली कर रहे हैं. इधर हर जगह से खरीफ और दलहन की फसलों की अच्छी बुवाई होने की खबरें आ रही हैं.उपभोक्ता मामलों के विभाग ने भारतीय खुदरा विक्रेता संघ (आरएआई) के साथ बैठक कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की है जिसमें यह जानकारियां सामने आई है. विभाग ने कारोबारियों को निर्धारित स्टार्ट से अजय की स्टाफ नहीं रखने अन्यथा कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी की है..
इस बैठक में दालों के मूल्य निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों की लाइसेंसिंग स्टॉक सीमाओं और आवागमन प्रतिबंधों को हटाने के विषयों के साथ तुअर और चना के लिए स्टॉक सीमाओं के अनुपालन पर चर्चा की गई . बैठक की अध्यक्षता भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव श्रीमती निधि खरे ने की।आरएआई के 2300 से अधिक सदस्य हैं और देश भर में इसके लगभग 6,00,000 से अधिक बिक्री केन्द्र (आउटलेट) हैं।
उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव श्रीमती खरे ने बताया कि पिछले एक महीने में प्रमुख मंडियों में चना, तुअर और उड़द की कीमतों में 4 प्रतिशत तक की गिरावट आई है, लेकिन इनकी खुदरा कीमतों में ऐसी कोई गिरावट नहीं देखी गई है।इसके थोक मंडी की कीमत और खुदरा कीमतों के बीच काफी अंतर देखा जा रहा है,, जिससे लगता है कि खुदरा विक्रेताओं को ज़्यादा मुनाफ़ा मिल रहा है।
बैठक में बताया गया कि सरकार ने प्रमुख खरीफ दलहन उत्पादक राज्यों में तुअर और उड़द के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं, जिसमें नेफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का वितरण शामिल है। कृषि विभाग सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य कृषि विभागों के साथ निरंतर संपर्क में है।
मौजूदा मूल्य परिदृश्य और खरीफ संभावना को ध्यान में रखते हुए, सचिव ने खुदरा उद्योग से कहा कि वे दालों की कीमतों को उपभोक्ताओं के लिए किफायती बनाए रखने के सरकार के प्रयासों में हर संभव सहायता प्रदान करें। उन्होंने बताया कि बड़े खुदरा विक्रेताओं सहित सभी स्टॉकहोल्डिंग संस्थाओं की स्टॉक स्थिति पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्धारित सीमा का उल्लंघन न हो। स्टॉक सीमा का उल्लंघन, बेईमान सट्टेबाजी और बाजार से जुड़े लोगों की ओर से मुनाफाखोरी पर सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
खुदरा उद्योग से जुड़े प्रतिभागियों ने भरोसा दिलाया कि वे अपने खुदरा मार्जिन में आवश्यक सुधार करेंगे तथा उपभोक्ताओं को किफायती मूल्य पर कीमतें उपलब्ध कराने के लिए इसे नाममात्र स्तर पर बनाए रखेंगे।
इस बैठक में आरएआई, रिलायंस रिटेल, डी मार्ट, टाटा स्टोर्स, स्पेंसर, आरएसपीजी, वी मार्ट आदि के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।