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केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की ओर से पेश केन्द्रीय बजट 2024 को विकासपरक, समावेशी एवं रोजगारोन्मुखी बजट निरूपित, कृषि विवि के कुलपति डॉ. चंदेल ने कहा- कृषि और ग्रामीण विकास को नई दिशा करेगा प्रदान

  रायपुर।  इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की ओर से पेश केन्द्रीय बजट 20...

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 रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की ओर से पेश केन्द्रीय बजट 2024 को विकासपरक, समावेशी एवं रोजगारोन्मुखी बजट निरूपित किया और इसे देश में कृषि एवं ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने वाला बजट बताया।



डॉ. चंदेल ने कहा कि वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष के बजट से 27 हजार करोड़ रुपए अधिक है। इस तरह कृषि के बजट में लगभग 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इससे कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा मिलेगा तथा ग्रमीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से परिचित कराया जाएगा। सरकार दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए उत्पादन, भंडारण और विपणन को बढ़ाने की योजना बना रही है। बजट में जलवायु अनुकूल किस्मों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और विकास पर जोर दिया गया है। अगले 2 वर्षों में किसानों द्वारा खेती के लिए 32 कृषि फसलों और 109 बागवानी फसलों की नई उच्च उपज वाली और जलवायु लचीली किस्में जारी की जाएंगी। दालों और तिलहनों के उत्पादन, भंडारण और विपणन को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने के साथ अनुसंधान और विकास पहलों के लिए महत्वपूर्ण धनराशि आवंटित की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों में “आत्मनिर्भरता“ हासिल करना है। सब्जियों की आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ाने के लिए बजट में प्रमुख उपभोग केन्द्रों के पास सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर विकसित करने का प्रस्ताव है। संग्रह, भंडारण और विपणन सहित सब्जियों की आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए किसान उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियों और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख उपभोग केंद्रों के करीब सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। वित्त वर्ष 2025 में 400 जिलों में खरीफ के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसमें 6 करोड़ किसानों और उनकी भूमि को किसान और भूमि रजिस्ट्री में एकीकृत किया जाएगा।

पांच राज्यों में जन-समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने की सुविधा दी जाएगी। जलीय कृषि में क्षमता को पहचानते हुए, बजट में झींगा ब्रूडस्टॉक्स के लिए न्यूक्लियस प्रजनन केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। यह भी कहा गया कि झींगा पालन, प्रसंस्करण और निर्यात के वित्तपोषण को नाबार्ड के माध्यम से सुगम बनाया जाएगा।

डॉ. चंदेल ने कहा कि बजट में ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपए प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है, इससे ऑटोमोबाइल-विशेष रूप से एंट्री-टू-लेवल-टू-व्हीलर और ट्रैक्टरों की ग्रामीण मांग को लाभ मिल सकता है। इसके अलावा, सरकार ने राज्य सरकार के साथ साझेदारी में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की सुविधा के लिए तीन साल की योजना की घोषणा की है। यह डिजिटल ढांचा किसानों को मौसम, फसल सलाहकार सेवाओं और बाजार मूल्यों की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। इसके अलावा इस बजट में युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं, जिसमें 4.1 करोड़ युवाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपए के केन्द्रीय परिव्य के साथ पांच योजनाओं का प्रधानमंत्री पैकेज दिया गया है। इस पैकेज के तहत आने वाले पांच सालों में चार करोड़ से अधिक युवाओं को रोजगार, कौशल एवं अन्य अवसर की सुविधा प्रदान की जाएगी। 1 करोड़ युवाओं को पांच साल में स्किल्ड किया जाएगा। 1 करोड़ युवाओं को देश की 500 टॉप कम्पनियों में इंटर्नशिप के दौरान 12 महीनों के लिए 5 हजार रुपए प्रतिमाह भत्ता दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में कर्ज की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई है। इसके साथ ही सरकार द्वारा 3 प्रतिशत ब्याज दर पर एजुकेशन लोन देने की घोषणा भी की गई है, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।