कवर्धा कवर्धा, । कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन @ 2047 के डाक्यूमेंट तैयार करने के सं...
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कवर्धा, । कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन @ 2047 के डाक्यूमेंट तैयार करने के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली। कलेक्टर श्री महोबे ने कहा कि अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन @ 2047 डाक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है। इसके लिए सभी विभाग के अधिकारी दिए गए 12 थीम के आधार पर जिले से संबंधित विभिन्न सुझाव विजन के लिए तैयार कर प्रस्तुत करें। विभाग के सभी अधिकारी लक्ष्य लेते हुए सभी कर्मचारी सहित जिले के नागरिकों, स्कूल, महाविद्यालय में अध्यनरत् विद्यार्थियों को शामिल करते हुए राज्य नीति आयोग द्वारा लान्च किए गए नागरिक पोर्टल पर क्यूआरकोड़ को स्कैन कर अपने विचार साझा करने के लिए शामिल करें। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ विजन @ 2047 डाक्यूमेंट को सर्वसमावेशी बनाए जाने के उद्देश्य से आमलोगों से सुझाव आमंत्रित करने के लिए नीति आयोग द्वारा पोर्टल https://sdgspc.cg.gov.in/viksitcg/#/home ‘‘मोर सपना मोर विकसित छत्तीसगढ़’’ तैयार किया गया है। लिंक पर जाकर या क्यू आर कोड स्कैन कर अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन / 2047 पर अपने सुझाव भेज सकते हैं।
कलेक्टर श्री महोबे ने कहा कि अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन @ 2047 के डाक्यूमेंट तैयार करते समय 5 साल, 10 साल एवं 25 सालों में क्या-क्या किया जाना है, उपलब्ध संसाधन सहित चुनौतियों को विशेष रूप से ध्यान में रखना है और इसी के अनुरूप विजन तैयार करना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास के लिए जिले से संबंधित विजन 2047 के लिए क्या कर सकते है, क्या इसके लिए चुनौतियां आएगी और इसके लिए क्या किया जाना चाहिए, इस संबंध में चर्चा करते हुए सुझाव मांगी गई। बैठक में संयुक्त कलेक्टर श्रीमती मोनिका कौड़ो सहित अन्य विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में स्वस्थ छत्तीसगढ़, सुखी छत्तीसगढ़ के तहत सार्वभौमिक, किफायती, सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा, युवाओं, आदिवासियों और वरिष्ठ नागरिकों पर ध्यान देने के साथ समावेशी स्वास्थ्य सेवा, रोग प्रोफाईल के विकास के लिए स्वास्थ्य सेवा का विकास, पहुंच व गुणवत्ता एवं सेवा में सुधार के लिए डिजिटल का लाभ उठाना, बेहतर बुनियादी ढांचा और अच्छी तरह से प्रशिक्षित कार्य बल, नवाचारी एवं प्रशिक्षित मानव संसाधन के अंतर्गत सभी के लिए परिणामोन्मुख मूलभूत शिक्षा, उच्च शिक्षा व नए युग के विषयों और उद्यमिता पर ध्यान, उद्योग-प्रासंगिक व उच्च मांग वाला कौशल विकास, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से आदिवासियों के बीच अंतर को पाटना, सीखने के परिणामों को समान रूप से बेहतर बनाने के लिए डिजिटल का लाभ उठाना, बेहतर बुनियादी ढांचा और अच्छी तरह से प्रशिक्षित कार्यबल, नवीकरणीय ऊर्जा, कार्बन और ऊर्जा उत्सर्जन में कमी, कला और संस्कृति की नई पहचान एवं सुपरफूड्स शक्ति के संबंध में चर्चा की गई