रायपुर . असल बात न्यूज़. विधानसभा में एक विधेयक को पास करने के मुद्दे पर आकस्मिक मत विभाजन की नौबत आ गई.यह महत्वपूर्ण विधेयक छत्तीसगढ़...
रायपुर .
असल बात न्यूज़.
विधानसभा में एक विधेयक को पास करने के मुद्दे पर आकस्मिक मत विभाजन की नौबत आ गई.यह महत्वपूर्ण विधेयक छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक 2024 को पारित करने को लेकर था. विपक्ष के सदस्यों की ओर से इस पर मतदान करने का प्रस्ताव किया गया और आसदी से स्पीकर डॉ रमन सिंह ने इसे स्वीकार कर लिया तथा मत विभाजन की व्यवस्था कराई.
सत्ता पक्ष के सदस्यों के लिए सदन में loby में दाई ओर तथा विपक्ष के सदस्यों के लिए लाबी में बाई ओर मतदान की व्यवस्था की गई विधानसभा में ऐसे ही कई बार विभिन्न मुद्दों पर बहस के दौरान मत विभाजन के नौबत आ जाते हैं जिसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों को तैयार रहना होता है.
आज मत विभाजन में कुल 90 सदस्यों में से 74 सदस्यों ने हिस्सा लिया. अभी यहां सत्ता पक्ष भारतीय जनता पार्टी के 53 सदस्य हैं और कांग्रेस के 35 सदस्य. वही एक सदस्य गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का है. इसमें से सत्ता पक्ष के 47 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया.
विधेयक के विरोध में 27 सदस्यों ने वोट किया. इस तरह से यह विधेयक छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी संशोधन विधायक 2024 सदन में पारित हो गया.
इसके पहले कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने सदन में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक 2024 सदन में प्रस्तुत किया. उन्होंने इसे प्रस्तुत करते हुए सदन को बताया कि यह किसानों के कल्याण के लिए संशोधन है. राज्य सरकार ऐसा कोई काम नहीं करेगी जिससे किसानों का कल्याण नहीं होता. उन्होंने अभी कहा कि इसके अलावा इसमें कोई परीक्षण की जरूरत होगी तो उसे भी समय-समय पर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरे देश में ओपन मार्केट चल रहा है. इससे किसानों को काफी फायदा मिला है. उन्होंने सदस्यों से पूछा कि कृषि मार्केट ओपन होना चाहिए कि नहीं. ओपन मार्केट होने से किस पूरे देश में बाजार की स्थिति की देख सकता है और अपने फसल की दाम तय कर सकता है. तब उसे स्वाभाविक रूप से अधिक फायदा मिलेगा.
वही विधेयक के विरोध में बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वरिष्ठ सदस्य भूपेश बघेल ने कहा कि विधायक किस तरह से कम कर रहेगा उसे अंदर का कृषि मार्केट पर भी बड़े-बड़े व्यापारियों का कब्जा हो जाएगा छोटे-छोटे व्यापारी इस मार्केट से बाहर हो जाएंगे. अभी जिओ हमारे सामने उदाहरण है. उसमें देख सकते हैं कि कैसे एक उद्योग समूह का कब्जा हो गया है. वैसे ही छोटे व्यापारियों का कृषि व्यापार खत्म हो जाएगा चौपट हो जाएगा. हरियाणा की स्थिति को देखकर हम समझ सकते हैं कि वहां एक ही व्यक्ति से खरीदता है. इस तरह से यह कोई छोटा संशोधन नहीं है.उन्होंने कहा कि यह विधायक लाने से छत्तीसगढ़ में धीरे-धीरे कृषि बाजार में एक व्यक्ति का एक अधिकार हो जाएगा. ऐसा लग रहा है कि इस तरह से छोटे व्यापारियों को कृषि के बाजार से बाहर करने की साजिश की जा रही है. छत्तीसगढ़ में कृषि ही नहीं यहां लघु वनोपाल का जितना अधिक उत्पादन होता है उतना देश के दूसरी जगह कहीं नहीं होता. उन्होंने यह भी उठाया कि इसमें जो भी व्यापारी खरीद करेगा वह अधिकतम समर्थन मूल्य से कम दर पर खरीदी नहीं करेगा. वरिष्ठ सदस्य भूपेश बगल में अभी बात उठाई कि कृषि मंडी के पैसे का उपयोग सिर्फ कृषि व किसानों के कल्याण में ही होना चाहिए. उन्होंने यह आशंका जताई कि इस विधेयक से आने वाले समय में कॉरपोरेट हाउस का कृषि क्षेत्र पर कब्जा जाएगा.