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गरियाबंद को मिली बड़ी उपलब्धि, 99 पंचायतों को भारत सरकार से मिला टीबी मुक्त पंचायत का दर्जा

  गरियाबंद । जिला प्रशासन की सक्रियता और स्वास्थ्य क्षेत्र में किये गये बेहतर कार्य से जिले के गांवों को महत्वपूर्ण सम्मान मिला है। भारत सरक...

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 गरियाबंद। जिला प्रशासन की सक्रियता और स्वास्थ्य क्षेत्र में किये गये बेहतर कार्य से जिले के गांवों को महत्वपूर्ण सम्मान मिला है। भारत सरकार द्वारा जिले के 99 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत का दर्जा दिया गया है। यह उपलब्धि पिछले वर्ष जिला प्रशासन द्वारा चलाये गये टीबी मुक्त गरियाबंद अभियान के फलस्वरूप प्राप्त हुई है। इस अभियान के तहत जिले से टीबी को हराने के लिए घर-घर जाकर ढाई लाख से अधिक टीबी स्क्रिनिंग की गई थी। साथ ही 350 से अधिक निक्षय मित्र के रूप में आमजन, जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारी-कर्मचारियों ने भी टीबी मरीजों के सहायता के लिए भागीदारी सुनिश्चित की थी। सबके सफल सहयोग एवं प्रयास से जिले को बहुत बड़ी उपलब्धि मिली है। इस पर कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने खुशी जताते हुए स्वास्थ्य विभाग एवं जिलेवासियों को शुभकामनाएं दी है।



उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में भारत सरकार द्वारा टीबी मुक्त पंचायत अभियान चलाया गया था। इसका उद्देश्य टीबी को जड़ से मिटाना, टीबी मरीजों के प्रति संवेदनशीलता लाना और टीबी को हराने में सबका सहयोग सुनिश्चित करना था। इसके तहत टीबी को हराने विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया गया था। साथ ही वृहद जनजागरूकता अभियान चलाया गया था। इसी तारतम्य में गरियाबंद जिले में भी टीबी मुक्त अभियान चलाया गया। इसके तहत घर-घर जाकर टीबी संदिग्ध लोगों के सैम्पल लिये गये थे। इसके तहत ढाई लाख से अधिक स्क्रिनिंग की गई। इस दौरान 344 से अधिक टीबी संदिग्ध लोगों का सैंपल भी लिया गया, जिसमें से बहुत कम टीबी मरीजों की पुष्टि हुई थी।

जिला प्रशासन द्वारा जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों, सामाजिक, व्यापारिक, राईस मिलर्स संगठनों, अधिकारी-कर्मचारियों सहित अन्य लोगों को प्रेरित कर टीबी मरीजों के सेहत में सुधार लाने के लिए उन्हें निक्षय मित्र बनने के लिए प्रेरित किया गया था। इसके तहत 350 से अधिक लोगों ने निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को टीबी से उबरने में सहायता की। साथ ही टीबी मरीजों को पोषण किट का भी वितरण किया था, जिससे टीबी मरीजों को टीबी बीमारी से उबरने में मदद मिली।

भारत सरकार द्वारा टीबी मुक्त पंचायत का दर्जा पाने वाले ग्राम पंचायतों में रानीपरतेवा, कसेकेरा, अमलोर, जामली, पाटसिवनी, खैरझिटी, करकरा, पक्तियाँ, मुरमुरा, फुलझर, पोंड, सिवनी, टेंगनाबासा, सेम्हारा, दादरगांव नया, रसेला, द्वारतरा, करचाली, मोंगरा, दादरगांव पुराना, टोनहीडबरी, कुटेना, लोहझर, गिरसूल, मोखागुड़ा, फालसापारा, कुम्हड़ईखुर्द, लाटापारा, कोदोभाटा, सुकलीभाटा पुराना, दर्लीपारा, सितलिजोर, झिरीपानी, निस्टिगुडा, दहीगांव, पुरनापानी, खुटगांव, घोघर, कदलीमुड़ा, सिनापाली, रोहनागुड़ा, बहेराबुड़ा, कोदोबदत, कस, घुटकू नवापारा, बारबहारा, कौंदकेरा, फुलकर्रा, पीपरछेड़ी कला, मौहाभाठा, लोहारी, गुजरा, मरोदा, बेंदकुरा, बिन्द्रानवागढ़, खुर्सीपार, खरता, मोंहदा, देहारगुड़ा, मैनपुरखुर्द, शोभा, गोपालपुर, गरहाडीह, कोकड़ी, खजूरपदर, ढोढरा, भेजीपदर, छोटेगोबरा, दबनई, मैनपुरकला, तौरेंगा, भूतबेड़ा, कुचेंगा, धनोरा, चलनापदर, उरमाल, धरनीधोरा, सोनेसिल्ली, पेंड्रा, जामगांव, रजकट्टी, कुम्ही, धमनी, बरूला, चौबेबांधा, श्यामनगर, कोपरा, धुरसा, रवेली, कुंड, चरोदा, चारभट्ठी, बोड़की, परसदाजोशी, गुंडरदेही, खुटेरी, पोखरा, पितईबंद एवं ग्राम पंचायत रोहिना शामिल है।