भिलाई, रिसाली रिसाली निगम का आधे से ज्यादा वार्ड स्लम क्षेत्र है। कितने क्षेत्रफल में आबादी है, इसका रिकार्ड भी नहीं है। जहां आबादी बसी है व...
भिलाई, रिसाली
रिसाली निगम का आधे से ज्यादा वार्ड स्लम क्षेत्र है। कितने क्षेत्रफल में आबादी है, इसका रिकार्ड भी नहीं है। जहां आबादी बसी है वह बी.एस.पी. क्षेत्राधिकार में है। नगर पालिक निगम स्लम क्षेत्र का जल्द ही सर्वे कर आबादी क्षेत्र और रिक्त भूमि का रिकार्ड तैयार करेगी। उक्त निर्णय महापौर शशि सिन्हा की अध्यक्षता में महापौर परिषद के सद्स्यों ने ली है।
वर्तमान में बड़े प्रोजेक्ट के लिए रिसाली निगम के पास जमीन नहीं है। एम.आई.सी. के सद्स्यों का कहना था कि जो जमीन हस्तांतरण में मिली है उसमें कितनी जमीन खाली है, इस बात की जानकारी नहीं है। बी.एस.पी. के खाली जमीन पर लगातार अतिक्रमण भी हो रहा है। परिषद के सद्स्यों ने निर्णय लिया है कि निगम प्रशासन एक दल का गठन करे, जो वार्डवार आबादी और खाली जमीन की विस्तृत जानकारी तैयार करे। महापौर परिषद की बैठक में चन्द्रभान ठाकुर, गोविन्द चतुर्वेदी, चन्द्रप्रकाश सिंह, अनुप डे, सनीर साहू, सोनिया देवांगन, परमेश्वर कुमार, डाॅ. सीमा साहू उपस्थित थे।
मृत जानवरों के लिए इंसीनरेटर
वर्षो से नेवई में अघोषित टेªचिंग ग्राउंड को निगम प्रशासन ने समाप्त कर दिया है। ट्रेचिंग ग्राउंड खत्म होने से मृत पशु को दफनाने की समस्या है। यही वजह है कि एनीमल इंसीनरेटर स्टाल करने रिसाली निगम ने राशि स्वीकृति के लिए प्रस्ताव शासन को भेजने निर्णय लिया है। एनीमल इंसीनरेटर ऐसे स्थान में लगाया जाएगा जहां आबादी प्रभावित न हो।
शारदा विद्यालय के पास बनेगा अटल चैक
समस्त नगरीय निकाय मंे अटल चैक का निर्माण प्रस्तावित है। रिसाली निगम क्षेत्र में स्थल चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं होने से मामला अधर में अटका था। महापौर परिषद के सद्स्यों ने अटल चैक शारदा विद्यालय के सामने खाली जमीन पर बनाने निर्णय लिया। चैक लगभग 50 लाख से बनेगा।
जर्जर अवास के बदले नया अवास
महापौर परिषद ने रिसाली निगम के पुरैना में बने अटल अवास को तोड़कर प्रधानमंत्री अवास योजना के तहत नए अवास बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
पार्षदों के सुझाव को हरी झंडी
महापौर शशि सिन्हा ने सभी पाषर्दो से आवश्यकता अनुसार विकास के लिए सुझाव मांगे थे। सभी पाषर्दो ने वाटर ड्रेन निर्माण, सड़क चैड़ीकरण, पाॅथवे निर्माण, भवन निर्माण के लिए सुझाव दिया था। परिषद ने सभी पार्षदों के प्रस्ताव को स्वीकृत कर शासन को भेजने का निर्णय लिया।