Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


एफ एस एन एल के निजीकरण पर रोक लगाने विधायक ने कलेक्टर को लिखा पत्र, फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड का विनिवेश की कार्यवाही से नाराज कर्मचारियों ने विधायक से मुलाकात कर सौंपा ज्ञापन

 भिलाई भिलाई. भिलाई नगर विधायक ने देवेंद्र यादव ने फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड का निजीकरण एवं विनिवेश के संबंध में कलेक्टर को पत्र लिखा है और ...

Also Read

 भिलाई



भिलाई. भिलाई नगर विधायक ने देवेंद्र यादव ने फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड का निजीकरण एवं विनिवेश के संबंध में कलेक्टर को पत्र लिखा है और उन्हें कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक उपक्रम के निजीकरण पर तत्काल रोक लगाने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की है।

विधायक ने कर्मचारियों की मांग पर त्वरित कार्यवाही करते हुए कलेक्टर को पत्र लिखा है। जिसमें यह कहा गया है कि फेरो  स्क्रैप निगम लिमिटेड( एफएसएनएल) इस्पात मंत्रालय के अधीनस्थ एक अर्ध शासकीय सहयोगी उपक्रम है। यह संस्था स्टील उपक्रम जैसे सेल,आर आईएनएल एवं एनएमडीसी में स्क्रैप प्रदान करने का कार्य करती है। 

यहां कार्य करने वाले कर्मचारी योग्य और अनुभवी है। यहां कर्मचारी उद्योग अधिनियम के अंतर्गत ही अपनी सेवाएं देते है। यह संस्था  कभी घाटे में भी नहीं रही। फिर भी केंद्र सरकार द्वारा वर्तमान में एफएसएनएल का निजीकरण किए जाने के उद्देश्य से भर्तियों पर रोक लगा दी और अब लाभ देने वाली इस सार्वजनिक उपक्रम को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी चल रही है। जो कि कर्मचारियों की हित और स्थानीय युवाओं को रोजगार प्रदान करने की दृष्टिकोण से उचित नहीं है।

विधायक ने आगे यह भी कहा है कि

निजीकरण और भर्ती पर रोक लगाने के विरोध में कर्मचारियों ने समय-समय पर ज्ञापन के माध्यम से शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है।  इसके  बावजूद कर्मचारियों के हित और उनके भविष्य को नजरअंदाज कर सार्वजनिक क्षेत्र के इस उपक्रम को विनिवेश एवं निजीकरण करने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है।

जिसे लेकर वहां काम करने वाले कर्मचारियों में भारी आक्रोश आक्रोश है।

अतः कर्मचारियों हितों को ध्यान में रखते हुए सेल के साथ रणनीतिक विलय पर तत्काल रोक लगाने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई किया जाए । ताकि भविष्य में विवाद की  स्थिति न बने