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बीएसएफ हेडक्वाटर रिसाली में भारतीय न्याय संहिता विषय एवं यातायात नियम पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया कि अंग्रेजो द्वारा बनाया गया कानून दण्ड के आधार पर था और नवीन कानून पीडित को समय पर न्याय दिलाने के लिए बनाया गया है

दुर्ग 1 जुलाई 2024 को पूरे भारत मे अंग्रेजो के जमाने से चले आ रहे कानून को बदल कर भारतीय न्याय संहिता पूर्ण रूप से लागू किया गया दुर्ग पुलिस...

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दुर्ग



1 जुलाई 2024 को पूरे भारत मे अंग्रेजो के जमाने से चले आ रहे कानून को बदल कर भारतीय न्याय संहिता पूर्ण रूप से लागू किया गया

दुर्ग पुलिस के यातायात अभियान फालो गुड हेबिटस के तहत 21 डे चैलेज की जानकारी जवानो को दी गयी

          भारत सरकार द्वारा राजपत्र में प्रकाशित तीन नवीन आपराधिक कानून 1 जूलाई 2024 को लागू होने पर *पुलिस अधीक्षक दुर्ग, श्री जितेन्द्र शुक्ला के* द्वारा जिले के शासकीय एवं अशासकीय संस्थानों / कॉलेज में तीन नवीन अपराधिक कानून के प्रशिक्षण एवं प्रचार-प्रसार के लिए दुर्ग पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को दिये गये निर्देश पर आज दिनांक को बीएसएफ हेडकॉटर रिसाली में 01 दिवसीय नवीन भारतीय न्याय संहिता विषय पर कार्यशाला आयोजन किया गया। 


       आज के इस कार्यक्रम में *(डीआईजी बीएसएफ) श्री अजय अग्रवाल, श्री बलवंत सिंह, श्री आर.सी.बगरिया, (डीसी बीएसएफ)  श्री एम.एम. थपलियार, श्री शंभू कुमार, (ए.सी. बीएसएफ) श्री अजय पाल सिंह, श्री मनीष, (नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर) श्री सत्यप्रकाश तिवारी, (उप पुलिस अधीक्षक, यातायात) श्री सतीष ठाकुर एवं बीएसएफ के जवान उपस्थित रहें।* 

       कार्यक्रम की शुरूआत में *श्री सुखनंदन राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, (शहर)* के द्वारा पूर्व के कानून भारतीय दण्ड संहिता पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि यह कानून अंग्रेजो के द्वारा 1857 की विद्रोह के बाद भारतीयों पर अपना दबाव एवं नियंत्रण मे रखने के लिए दण्ड के आधार पर 1861 मे लागू किया गया था इस दण्ड के कानून को भारत सरकार द्वारा 01 जुलाई 2024 से न्याय का कानून *भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम* पीडित को समय पर न्याय दिलाने के लिए लागू किया गया है,जिससे आम जनता एवं पीडित को न्याय मिलने में विलंब न हो और इसके अंतर्गत पुलिस एवं न्यायालय के लिए भी समय निर्धारित किया गया है नये कानून के अंतर्गत महिलाओं एवं बच्चो से संबंधित अपराध के लिए अलग अलग क्लीरिफिकेशन करते है परिभाषा को एकजाई किया गया है जिसमें बच्चो की परिभाषा दी गई है कि बच्चा कौन है महिलाओं से संबंधित अपराधों में दण्ड का प्रावधान करते हुए महिलाओं से संबंधित अपराधो को कठोर बनाया गया है। किसी भी अपराध में गवाह का फोटो एवं वीडियोग्राफी की जायेगी जिसे न्यायालय मे मान्य होगा जिससे पीडित को न्याय मिलने में आसानी होगी। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अंतर्गत कही अपराध होता है और आप वहां उपस्थित नहीं है उस स्थिति में आप जहा कही भी हो वही नजदीकी थाना से जीरो एफआईआर करा सकते है एफआईआर करना पुलिस का दायित्व है वह इनसे इंकार नहीं करेगा साथ ई एफआईआर के अंतर्गत आप घर में चोरी या घटना दुर्घटना होती है तो आप रजिस्टेड ई मेल के माध्यम से पुलिस के रजिस्ट्रेड ई मेल या वाट्सअप के माध्यम से सूचना भेज सकते है और तीन दिवस के भीतर अंदर संबंधित थाने में उपस्थित होकर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा। आतंकवाद से संबंधित भी नये कानून में दर्शाया गया है जो देश के नुकसान से संबंधित कार्य करता है तो उसे देश द्रोह होगा जिसमें मृत्यु दण्ड का प्रावधान किया गया है इसी प्रकार बच्चे से संबंधित कोई अपराध करवाता है और जो इस अपराध में संबंधित रहेगा उसे भी सजा सामातर प्रावधान किया गया है।नये कानून में पुलिस दायित्वो को भी बताते हुए जो प्रार्थी रहेगा उसे समय समय पर विवेचना का प्रोग्रेस रिपोर्ट बताना होना एवं पीडित एवं अपराधी को कार्यवाही की कापी मोहिया करवाई जावेगी। 


      कार्यक्रम कें अंत में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा दुर्ग पुलिस के अभियान फालो गुड हेबिटस के तहत 21 डे चैलेंज की जानकारी जवानो को प्रदान की गई कि आप 21 दिन तक यातायात नियमों का पालन करें वाहन चलाओगें तो वह आदत में शुमार हो जायेगी।