हंसी ठहाकों के बीच रेडी टू ईट आपूर्ति के ठप्प पडने के मुद्दे पर हुई चर्चा, विभागीय मंत्री ने बताया कि अब सब व्यवस्थित हो गया है, स्पीकर डॉ ...
हंसी ठहाकों के बीच रेडी टू ईट आपूर्ति के ठप्प पडने के मुद्दे पर हुई चर्चा, विभागीय मंत्री ने बताया कि अब सब व्यवस्थित हो गया है, स्पीकर डॉ रमन सिंह हेड मास्टरजी की भूमिका में दिखे,, क्या सवाल पूछना है और कितना जवाब देना है सिखाते दिखे, वरिष्ठ सदस्य भूपेश बघेल ने भी विषय पर बोला तो सदन में कका शब्द एक बार फिर गुंजा, विपक्ष के सदस्यों ने उत्तर से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन कर दिया ,
रायपुर
असल बात न्यूज़
राज्य में पिछले 6 महीने के दौरान कुछ क्षेत्रों में रेडी टू ईट की आपूर्ति ठप्प रहने का मुद्दा विधानसभा में आज,जोरशोर से उठा.विपक्ष के सदस्यों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए इस मुद्दे को उठाया. सदस्यों ने इस पर बोलते हुए आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में रेडी टू ईट की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. विभागीय मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने इस पर जवाब देते हुए कहा के कुछ दिनों तक टेक्निकल प्रॉब्लम की वजह से रेडी टू ईट की आपूर्ति बंद थी. अब सब जगह इसकी आपूर्ति सुचारू रूप से चल रही है. विपक्ष के सदस्यों ने विभागीय मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन कर दिया. प्रदेश की नई महिला व बाल विकास मंत्री सदस्यों के सवालों का जवाब दे रही थी तो आसंदी से स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह उन्हें प्रोत्साहित करते नजर आए. उन्होंने तो यह भी कहा आप अच्छा जवाब दे रहे हो, छोटा सा जवाब देकर खत्म कर दीजिए.
वरिष्ठ महिला सदस्य श्रीमती अनिला भेड़िया के साथ कुछ अन्य महिला सदस्यों ने इस मुद्दे को सदन में उठाया. श्रीमती भेड़िया ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ में रेडी टू ईट की व्यवस्था ठप्प हो गई है. महिलाओं और बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए यह व्यवस्था शुरू की गई है लेकिन रेडी टू ईट की सप्लाई बंद होने से महिलाये और बच्चे सुपोषित होने के बजाय कुपोषित होने लगे हैं. सरकार का वित्त विभाग ही इस काम में रोडा बन गया है.इसका मुख्य कारण महिला बाल विकास विभाग ने फ़ूड का भुगतान करने वाली एजेंसी बीज विकास निगम का 162 करोड रुपए का भुगतान रोक रखा है. इस कारण संबंधित कंपनियों ने सप्लाई बंद कर दी.
उन्होंने कहा कि सूरजपुर में एक माह से रेडी टू इसकी सप्लाई बंद है. कवर्धा के बोडला ब्लॉक अंतर्गत ग्राम तितरी में चार आंगनबाड़ी केदो में दो माह से रेडी टू ईट नहीं मिल रहा है.जगदलपुर के ग्राम घुषपाल आंगनबाड़ी केंद्र में जून माह से रेडी टू इट् सप्लाई बंद है. रेडी टू ईट के बजट मद की राशि बस्तर क्षेत्र में महतारी वंदन योजना में खर्च की जा रही है.बच्चों के कुपोषण रोकथाम जैसे संवेदनशील कार्य के प्रति विभाग द्वारा गंभीर लापरवाही किस दो माह से लगातार की जा रही है.जिसके कारण प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्र में दर्ज बच्चों के परिजनों में रोष एवं आक्रोश व्याप्त है.
भानु प्रतापपुर की विधायक ने वहीं इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में खून लगे सोयाबड़ी की आपूर्ति की गई है. यह अत्यंत गंभीर लापरवाही है. ऐसे में बच्चों का कुपोषण कैसे दूर होगा. वही सदस्य संगीता सिन्हा ने कहा कि प्रदेश में 50 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र हैं जहां रेडी टू ईट की आपूर्ति नहीं होने से महिलाएं और बच्चे कुपोषित हो रहे हैं. आखिर रेडी टू की आपूर्ति में देरी क्यों हुई.
इसका जवाब देते हुए विभागीय मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाडे ने बताया कि प्रदेश में सभी जगह रेडी टू की आपूर्ति नियमित रूप से हो रही है. विभागीय मंत्री ने इस बार जवाब देना शुरू किया तो आसंदी से स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह एक तरह से हेड मास्टर की भूमिका में नजर आए. उन्होंने पहली बार मंत्री बनी,विभागीय मंत्री को कहा कि आप पूरा वक्तव्य पढ दीजिए.इस सवाल पर कि क्षेत्र में रेडी टू की आपूर्ति बंद है के जवाब पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम थी जिसकी वजह से आपूर्ति बंद थी लेकिन रेडी टू ईट की आपूर्ति अभी सभी जगह सामान्य रूप से चल रही है. इस पर सदस्य संगीता सिन्हा ने पूछा कि यह टेक्निकल प्रॉब्लम क्या थी.
सदस्य भावना बोहरा इस पर खड़ी हो गई और बोलते हुए कहा कि वह इसी तरह का टेक्निकल प्रॉब्लम है जैसे पिछली सरकार ने.... इस पर आसानी से डॉ रमन सिंह ने उन्हें टोंकते हुए कहा की भावना जी... मंत्री जी सही जवाब दे रही हैं.. उन्हें बोलने दीजिए. विभागीय मंत्री ने कहा कि इसमें थोड़ा बहुत विलंब हुआ है इसको दूर कर दिया गया है.
एक अन्य सदस्य ने आरोप लगाते हुए कहा कि रेडी टू ईट में वित्त विभाग रोड़ा बन गया है.अभी तक 65 करोड रुपए का भुगतान रोक कर रखा गया है. वरिष्ठ सदस्य अनिला भेड़िया ने यह भी पूछा कि जब टेक्निकल प्रॉब्लम की वजह से रेडी टू ईट की आपूर्ति नहीं की गई तो इस समय का पैसा कहां गया? इस सवाल का जवाब विभागीय मंत्री देने लगी, तो विपक्ष के कई सारे सदस्य उठ खड़े हुए और नारेबाजी शुरू कर दी.
इस बीच सदस्य देवेंद्र यादव ने भी कुछ कहा. वहीं वरिष्ठ सदस्य पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नई सरकार में आज तक व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. पूरा काम अस्त-व्यस्त चल रहा है. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्य अजय चंद्राकर ने कहा कि धीरे-धीरे सारे निर्णय को बदला जा रहा है. अभी कुछ हो गया है और होगा. भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि विभागीय मंत्री को.... नहीं लगता कि कुपोषण दूर हुआ है.... तो विभागीय मंत्री कहा... कका.... तो सदन में ठहाके लगने लगे.. विभागीय मंत्री ने कहा 5 साल में आपने शायद कुछ ज्यादा ही खा लिया है इसलिए सुपोषण नहीं दिख रहा है.
सुपोषण कुपोषण के हल्के फुल्के क्षणों के बीच आदिम जाति कल्याण मंत्री राम विचार ने कहा कि.. सिर्फ 6 महीने में कुपोषित हो गए हैं... इतनी जल्दी कुपोषण...
विपक्ष के सदस्यों ने विभागीय मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन कर दिया