दुर्ग,भिलाई . असल बात न्यूज़. कहीं भी ऐसे मजबूत स्ट्रक्चर बनाना आसान नहीं होता. सड़क पर बनाए गए ऐसे स्ट्रक्चर की अपनी भारी उपयोगिता हो...
दुर्ग,भिलाई .
असल बात न्यूज़.
कहीं भी ऐसे मजबूत स्ट्रक्चर बनाना आसान नहीं होता. सड़क पर बनाए गए ऐसे स्ट्रक्चर की अपनी भारी उपयोगिता होती है. इन्हें बनाने में बड़ी लागत आती है,पैसा खर्च होता है और कई बार पैसे के अभाव में इस तरह के स्ट्रक्चर नहीं बनाए जा पातें. कहीं चैन लूट कर भाग रहे, चेन स्नेचर को यहां रोकने,पकड़ने में सफलता मिल सकती है.अवैध दारू ओवैसी की तस्करी कर रहे हैं वाहनों को यहांरोका जा सकता है. कोई वाहन,एक्सीडेंट कर भाग रहा हो तो उसका भी यहां से पता किया जा सकता है कि आखिर वह किस रास्ते से भागा है. किस रास्ते से क्या अवैध चीजे ले जाई जा रही है ली जाए जा सकती है पर्याप्त व्यवस्था करके उसकी यहां शिनाख्त की जा सकती है. जो शक हमेशा से रहा है कि नक्सलियों को हथियार और उनके जरूरत की दूसरी चीजों के आपूर्ति शहरी मार्ग से ही होती है,उसका भी ऐसे स्थान से पता चल सकता है. वाहनों को स्पीड देना एक अलग मुद्दा हो सकता है लेकिन कई सारे अपराधों को रोकने के लिए उनकी स्पीड को कहीं-कहीं नियंत्रित करना भी जरूरी है.
सुपेला टोल प्लाजा पर निर्धारित टोल की वसूली पूरी हो जाने के बाद अब टोल वसूली बंद हो गई है. इसके बाद संबंधित विभाग को इस टोल प्लाजा का स्ट्रक्चर अनुपयोगी समझ में आने लगा है. इसके बाद संभवत इसे तोड़े जाने, हटाने का निर्णय ले लिया गया है, और इसे तोड़ने की कार्रवाई तो इतनी तेज गति से ठीक की गई की एक तरफ का स्ट्रक्चर पूरी तरह से हटा दिया गया है. टोल प्लाजा के स्ट्रक्चर को हटाने का निर्णय पूरी तरह से आज अदूरदर्शितापूर्ण अविवेकपूर्ण और दुखद माना जा रहा है. शायद इसे समझ नहीं पाया गया कि इस स्ट्रक्चर का कितना भारी उपयोग है. यह स्ट्रक्चर हमारे लिए कितना फायदेमंद साबित हो सकता है और इसे समझ भी नहीं इसे हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई.
अभी तो स्ट्रक्चर को हटाने=तोड़ने का काम फिलहाल स्थगित जैसा नजर आना बताया जा रहा है और माना जा रहा है कि सुपेला टोल प्लाजा का स्ट्रक्चर सुरक्षित रह जाएगा और आने वाले समय में यहां सुरक्षा बल की एक चौकी बन जाएगी जोकि आने वाले समय में यहां से अवैध चीजों के परिवहन और आपराधिक गतिविधियों के रोकथाम के लिए काम करेगी.