भिलाई . असल बात न्यूज़. 0 अशोक त्रिपाठी यह सवाल वर्षों-वर्ष से उठता रहा है कि इतनी दूर इतनी घनघोर जंगल में नक्सलियों के पा...
भिलाई .
असल बात न्यूज़.
0 अशोक त्रिपाठी
यह सवाल वर्षों-वर्ष से उठता रहा है कि इतनी दूर इतनी घनघोर जंगल में नक्सलियों के पास इतने हथियार और दूसरे संसाधन कैसे पहुंच जाते हैं ? इस सवाल का उत्तर हमें कभी नहीं मिला है. इसका जवाब ही कभी नहीं मिला है कि ड्रग्स, गांजा जैसी चीजें,दूसरे राज्यों से यहां कैसे गली-गली में पहुंच जाती हैं और इसका हमें पता क्यों नहीं चलता. हमारी जो सुरक्षा टीम तैनात है वह इसे रोकने में सफल क्यों नहीं हो पाती ?यह भी कभी पता नहीं चलता है कि चोरी के तमाम सामान एक राज्य से दूसरे राज्य तक कैसे सुरक्षित तरीके से पहुंचा दिए जाते हैं. हम बात कर रहे थे,टोल प्लाजा के स्ट्रक्चर की तो आप सोच रहे होंगे कि इसमें नक्सलियों का हथियार, अवैध दारू का परिवहन, ड्रग्स,गांजा की सप्लाई, चोरी के समान के जैसे सब्जेक्ट कैसे आ गए? लेकिन वास्तव में यह सब चीजे टोल प्लाजा के स्ट्रक्चर से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई है.हमारे पास ऐसा कोई स्ट्रक्चर रहेगा, जिससे हम कहां किस चीज का परिवहन हो रहा है उसकी निगरानी रख सके, तभी तो इन चीजों को पता लगाया जा सकेगा.अभी लगभग सभी जगह ऐसे स्ट्रक्चर का अभाव नजर आता है. लेकिन शासन-प्रशासन के द्वारा इस गंभीर मुद्दे की ओर शायद ही कभी ध्यान दिया गया है. अब तो छत्तीसगढ़ सरकार, गोवंश की तस्करी के मुद्दे पर भी काफी गंभीर नजर आ रही है. लेकिन ऐसी तस्करी को रोकने के लिए हम उसकी निगरानी नहीं कर सकेंगे ?तो उसमें सफलता मिलना बहुत कठिन हो जाएगा. सुपेला में जब टोल प्लाजा के स्ट्रक्चर को हटाया जा रहा है तो कई लोगों को आशंका है कि कहीं यह गौ वंश की तस्करी को रोकने की दिशा में जब हम मजबूती के साथ आगे बढ़ रहे हैं तो इस तस्करी की निगरानी ना हो सके, और यह अभियान सफल न हो जाए,इसको रोकने की कहीं बड़ी साजिश तो नहीं हो रही है.अवैध दारू की तस्करी को रोकने के लिए भी हमें बड़े संसाधन की जरूरत है. जरूरत है कि उसकी किसी मार्ग पर निगरानी की जा सके. तो इस तरह के स्ट्रक्चर का उसके लिए उपयोग किया जा सकता है. टोल प्लाजा के स्ट्रक्चर को निगरानी रखने के बड़े स्तर के रूप में उपयोग किया जा सकता है. ऐसे में टोल प्लाजा का स्ट्रक्चर हमारे लिए महत्वपूर्ण चीज साबित हो सकती है लेकिन भिलाई में सुपेला में जो टोल प्लाजा का स्ट्रक्चर स्थित है उसे बेरहमी से हटाया जा रहा है. अविवेकपूर्ण, अदूरदर्शितापूर्ण निर्णय लेकर उसे हटाने का काम शुरू कर दिया गया है.एक तर्क यह दिया जा सकता है कि यह स्ट्रक्चर किसी दूसरे विभाग का है और सुरक्षा से संबंधित विभागों में उस विभाग की कोई भूमिका नहीं है. ऐसा तर्क दिया जाता है तो कहा जा सकता है कि शासन प्रशासन के विभागों में तालमेल की भारी कमी है. यह भी सही बात है कि अब टोल वसूली पूरी हो गई है और टोल वसूल नहीं किया जाना है. लेकिन मुख्य मार्ग पर इतना मजबूत स्ट्रक्चर बार-बार नहीं बनाया जा सकेगा. उसे स्ट्रक्चर का मुख्य मार्ग पर निगरानी के लिए निश्चित रूप से महत्वपूर्ण सदुपयोग किया जा सकता था.
किस जिले में किस तरह के काम होने चाहिए ?सुरक्षा की कैसी व्यवस्था होनी चाहिए, सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए किस तरह के संसाधन की व्यवस्था की जानी चाहिए, अपराधियों को नियंत्रित करने के लिए क्या चीज है जरूरी है? इनके साथ दूसरे जिले से संबंधित दूसरे तमाम मुद्दों पर निर्णय लेना जिला प्रशासन का काम है. टोल प्लाजा का स्ट्रक्चर, हो सकता है कि नेशनल पीडब्ल्यूडी विभाग के अंतर्गत आता होगा. लेकिन इसे हटाने के पहले इसका किस तरह का उपयोग किया जा सकता है?इसे तो एक बार तो जरूर समझ लेना चाहिए था. निश्चित रूप से यह है अत्यंत भारी मजबूत स्ट्रक्चर बना था उसे ट्रक भारी खर्चे से बनाया जा सकते हैं और इसे दोबारा बना पाना आसान नहीं है. मुख्य मार्ग पर ऐसे स्ट्रक्चर की बड़ी उपयोगिता साबित हो सकती है. आपको जिले में एक चेकिंग पोस्ट चाहिए. इस तरह के टोल प्लाजा से आपको वह जगह बिना कुछ किए मिल जाती है. सिर्फ इस सोच के साथ की स्ट्रक्चर को हटाने से वाहनों की स्पीड बढ़ जाएगी,उसके रहने से वाहनों को तेज परिवहन में बाधा पहुंचती है, टोल प्लाजा के स्ट्रक्चर को हटाने से पहले यह जरूर सोच लेना चाहिए था कि अपराधिक गतिविधियों की रोकथाम और तमाम प्रकरणों को उजागर करने में वह कितना मददगार साबित हुआ है. अभी भी जरूरत है कि उसका पॉजिटिव सदुपयोग करने की ओर कदम उठाया जाना चाहिए.
आप सभी को मालूम होगा कि कई आपराधिक प्रकरणों का खुलासा टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से ही पता चला है. आप इसके स्ट्रक्चर को उखाड़ दे रहे हैं तो निश्चित रूप से अपने एक संसाधन को खत्म कर रहे हैं जिससे ऐसे अपराधिक तत्वों को पता चलता था. आपराधिक मामलों का खुलासा हो जाता था. अभी भी वक्त है जिला प्रशासन स्ट्रक्चर को बचाने के लिए विवेकपूर्ण निर्णय ले सकता है.
टोल प्लाजा कैसे स्ट्रक्चर को हटा देने से हो सकता है कि इस मार्ग पर वाहनों की स्पीड बढ़ जाए. लेकिन इससे किस तरह का नुकसान होने वाला है इसे शायद कोई नहीं समझ रहा है. ऐसे स्ट्रक्चर से ही हम अपराधियों तक आसानी से पहुंच जाते रहे हैं हम उसे उसे संसाधन को खोद कर शायद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने ऐसा काम कर दे रहे हैं.
किसी भी चीज को नेस्टनाबूत कर देना तो बहुत आसान है, लेकिन हम उसे चीज का सदुपयोग कर लें तो शायद वह हमारे लिए अधिक लाभदायक साबित हो जाएगा. जब हम यहां यह लिख रहे हैं तब तक ऐसे टोल बज के एक मार्ग के स्ट्रक्चर को पूरी तरह से हटा दिया गया है. इस मार्ग पर वाहनों की स्पीड शायद अब तेज हो जाएगी. इस मार्ग से अवैध परिवहन करने वाले भी अब तेजी से पास हो जाएंगे.