कवर्धा कवर्धा, स्कुल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी कार्यक्रम प्रथम पालक-शिक्षक मेगा बैठक मंगलवार को जिले में चारो विकासखंडो के...
कवर्धा
कवर्धा, स्कुल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी कार्यक्रम प्रथम पालक-शिक्षक मेगा बैठक मंगलवार को जिले में चारो विकासखंडो के 150 संकुल में संकुल प्राचार्य एवं संकुल शैक्षिक समम्न्वायकों के संयोजकत्व में उत्सवपूर्ण सम्पन्न हुआ। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के निर्देश पर पालक-शिक्षक मेगा आयोजन की मानिटरिंग अधिकारी के रूप में जिले के विभिन्न जिला अधिकारियों के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग से जिला शिक्षा अधिकारी, समग्र शिक्षा के अधिकारीगण, सहायक संचालक, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा विकासखंड स्तर के शिक्षा अधिकारियों ने जिले के 150 संकुलों में पहुँचकर बैठक के दौरान छात्र व पालक हितैषी बिन्दुओं पर विभागीय चर्चा किया।
जिले के 150 संकुलों में बैठक के दौरान 2554 शिक्षक, 7895 पालक तथा 377 काउंसलर, डाक्टर एवं शिक्षाविद ने विभिन्न विद्यालयों में आयोजित पालक-शिक्षक मेगा उपस्थित रहकर अपनी बात रखते हुए आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किए। जिले के 150 संकुल संकुलों के शैक्षिक समन्वयकों व संकुल प्राचार्यों को राज्य शासन की महत्वाकांक्षी कार्यक्रम पालक शिक्षक मेगा बैठक पर सतत मार्गदर्शन के माध्यम से सहायक संचालक श्री एम.के.गुप्ता,श्री यू.आर.चन्द्राकर, श्री डी.जी.पात्रा, एम.आई.एस., प्रशासक सतीश यदु द्वारा कार्यक्रम की सफलता के लिए चर्चा किए जिससे पालको के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने, उन्हें बच्चे की प्रगति से अवगत कराने एवं बच्चों में भविष्य की सम्भावनाओं का आंकलन कर पालकों के साथ समन्वय साधते हुए संयुक्त रूप से परिणाम उन्मुख हो सके।
कबीरधाम जिला में पालक-शिक्षक मेगा बैठक मानिटरिंग हेतु राज्य स्टार से राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद् से श्री वी.के. तिवारी, संभागीय कार्यालय शिक्षा संभाग दुर्ग से श्री एस.एन. स्वामी सहायक संचालक विभिन्न बैठकों का निरीक्षण कर संबोधित किए। जिला शिक्षा अधिकारी श्री योग दास साहु, पालक-शिक्षक मेगा बैठक कार्यक्रम जिला नोडल अधिकारी यू.आर. चंद्राकर व सहायक संचालक द्वारा संकुल प्राचार्यों व संकुल समन्वयकों से समन्वय स्थापित कर बैठक कार्यवाही सम्बन्धी प्रगति से उच्च कार्यालय को प्रेषित किए जायेंगे।
विद्यालयों में आयोजित की जाने पालक-शिक्षक बैठक का उद्देश्य बच्चों के शारीरिक-मानसिक एवं सर्वांगीण विकास हेतु विद्यालय एवं पालको के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित करना बच्चों की सम्पूर्ण गतिविधियों से पालको को अवगत कराना जिससे कि बच्चों को सतत् प्रेरणा एवं उचित मार्गदर्शन मिल सके। शिक्षक एवं पालकों के संयुक्त प्रयास से बच्चों में पढ़ाई को प्रति सकारात्मक वातावरण बनाने, ड्राप आउट रोकने बच्चों की काउंसिलिंग के साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप के लिए पालकों की भूमिका सुनिश्चित करने कहा। विद्यालय संचालित रहे जहाँ अधिक संख्या विद्यालयों में न्यौता भोजन संचालित हुआ तथा बैठक के समापन पूर्व विद्यालय परिसर में वृहत वृक्षारोपण तथा उल्लास शपथ के माध्यम से शिक्षार्थियों को साक्षर बनाने संकल्प लिया गया।
बैठक में महत्वपूर्ण मुद्दे बच्चों की पढ़ाई के लिए उचित वातावरण हेतु घर में ही पढ़ाई का कोना या एक निश्चित स्थान तय करना है। इसमें घर के ऐसे स्थान का चुनाव किया जा सकता है जहां उचित प्रकाश एंव रोशनी हो जिससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि विकसित की जा सके। संभवतः यह स्थान घर को प्रवेश द्वार से दूर हो ताकि घर में आने-जाने वाले व्यक्तियों से बच्चों को पढ़ाई के समय कोई बाधा न हो। जहां छात्र पढ़ता है यहां पर समय सारणी चस्पा करें-ताकि बच्चा पढ़ाई के लिए अनुशासित हो। पालक को अपने बच्चों की दिनचर्या सुनिश्चित करने हेतु प्रेरित किया जाना होगा एवं इसके साथ ही पालकों को ध्यान रखना होगा की दिनचर्या का पालन कर रहे हैं या नहीं। सीखा बच्चे जब विद्यालय से घर पहुंचे, तब अभिभावक उनसे जरूर यह पूछे कि उन्होने आज विद्यालय में क्या पढ़ा और आज क्या सीखा इसकी जानकारी बच्चो से अनिवार्य रूप से प्राप्त करें। इससे अभिभावको की बच्चों की शिक्षा में सहभागिता बढ़ेगी एवं बच्चों के साथ बेहतर संवाद स्थापित हो पाएगा।
प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय में प्रतिदिन छात्र-छात्राओं की प्रार्थना के समय आगे आकर उन्हें बोलने का अवसर प्रदान किया जाना है. इससे छात्रों में सार्वजनिक रूप से अपने विचारों को व्यक्त करने का अवसर प्राप्त होगा है और उनके संकोच को दूर करने में मदद मिलेगी। समय-समय पर छात्रों के अकादमिक प्रगति के संबंध में एवं परीक्षा के समय अभिभावक बच्चों से चर्चा करें ताकि उनका परीक्षा संबंधी तनाय दूर हो सके और उन्हें बेहतर तैयारी कर अच्छे अंक लाने के लिए प्रोत्साहित करे। परीक्षा के समय में बच्चों को संतुलित आहार तथा पर्याप्त नींद लेने व परीक्षा का तनाव न लेने के लिए उनसे लगातार संवाद करें। निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण किया जाता है, पढ़ने लायक विभिन्न प्रकार के किताबों को भी दान करने अपील किया।
शनिवार को बच्चों को शाला में बिना बस्ता के उपस्थित होना तथा इस दिन विभिन्न गतिविधियों यथा कबाड़ से जुगाड, पानी बचाओ, धरती बचाओ, उर्जा संरक्षण, एकल प्लास्टिक कोना, पेड़ पौधों का सरंक्षण, प्राकृतिक संपदाओं का सद्धपयोग करना, नैतिक शिक्षा की जानकारी, योगा एवं शारीरिक क्रियाएं, स्वच्छता पर विशेष ध्यान, व्यक्तिगत साफ-सफाई, किचन गार्डन, खेल-कूद सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि विभिन्न आयोजन बिना बस्ता के स्कूल दिवस में किया जाना है। अभिभावकों को इससे अवगत कराना है। स्वास्थ्य परीक्षण एवं पोषण की जानकारी विभिन्न कक्षाओं के छात्रों का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयु अनुसार दवाई उपलब्ध कराई जाती है और आवश्यक निर्देश दिये जाते है। जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र, न्योता भोज की अवधारणा, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं, छात्रवृत्ति एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी पर चर्चा, विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से शिक्षा हेतु पालकों एवं छात्रों को अवगत कराने, दीक्षा एप, ई-जादुई पिटारा ऐलीमेन्ट्री लेवल के बच्चों में पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी एवं रुझान बढ़ाने के लिए एनीमेशन एवं कार्टुन चलचित्रों के माध्यम से शिक्षाप्रद कहानियां दिखाई जाती है। डिजिटल लाइब्रेरी ई-बुक के रूप में उपलब्ध ऑनलाईन पढ़ाई तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों और विद्यार्थी हितैषी योजनाओं की जानकारी दी गई