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40 प्रतिशत से अधिक कुपोषित 75 प्रतिशत से अधिक बौनापन वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों में चलेगा विशेष अभियान, आंगनबाड़ी केन्द्रों में शिक्षा के साथ बच्चों के शरीरिक और बौद्धिक विकास पर विशेष जोर देः- कलेक्टर

कवर्धा कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के कामकाज और पोषण माह की तैयारियों की समीक्षा की जिले के बैगा बाहुल 9 ग्रामों में आंगनबाड़ी केन्द...

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कवर्धा


कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के कामकाज और पोषण माह की तैयारियों की समीक्षा की

जिले के बैगा बाहुल 9 ग्रामों में आंगनबाड़ी केन्द्र की मिली स्वीकृति

कवर्धा,  कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों और सुपरवाइजरों की संयुक्त बैठक लेकर विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन तथा उनके प्रगति की गहन समीक्षा की। कलेक्टर ने विभागीय कामकाज और योजनोओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में कुपोषण की दरों में कमी लाने के निर्देश दिए। साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों के शारीरिक और उनके बौद्धिक विकास पर भी विशेष जोर देने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने जिले में तेजी से सुधार हो रहे कुपोषण दरों की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने पोषण ट्रेकर एप्स की समीक्षा करते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति, नास्ता,गरम पका भोजन, एवं क्रियात्मक गतिविधियों के सभी फोटो ग्राफ्स को पोषण ट्रेकर में उपलोड करने के सख्त निर्देश दिए। बैठक में महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री आंनद तिवारी सहित समस्त परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक उपस्थित थे।

कलेक्टर ने जिले के 1705 आंगनबाड़ी केन्द्रां में कुपोषण दरों की स्थिति की गहन समीक्षा की और जिले में 40 प्रतिशत से ज्यादा कुपोषण वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा 75 प्रतिशत से ज्यादा आंगनबाड़ी केन्द्रों में बौनापन की समीक्षा करते हुए ऐसे केन्द्रों को चिन्हांकित करने के निर्देश दिए। उन्हांने ऐसे केन्द्रों में कुपोषण की दरों में कमी लाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि जिले में 25 ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्रों को चिन्हांकित किया गया है, जहां बच्चों में बौनापन के लक्षण दिखाई दे रही है।

कलेक्टर ने समीक्षा बैठक में आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों की उपस्थिति कम होने पर सीडीपीओ, पर्यवेक्षकों के काम-काज पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होने आंगनबाड़ी केन्द्रों को निर्धारित समय पर खोलने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने समीक्षा बैठक में जिले के सभी नौ परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। दशरगंपुर परियोजना में बेहतर क्रियान्वयन नहीं होने पर कार्यों में सुधार लाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केन्द्रों को नियमित निरीक्षण करने के लिए परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षकों को सख्त निर्देश दिए।

कलेक्टर ने  माह सितम्बर में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय पोषण माह, वजन त्यौहार की तैयारियें की जानकारी ली। उन्होने वजन त्यौहार को थीम के अनुसार व तिथि वार निर्धारित गतिविधियों को प्रभावी रूप से आंगनबाड़ी केन्द्रों में आयोजित करने के निर्देश दिए।  

बैठक में बताया गया कि राज्य शासन के मंशानुरूप कबीरधाम में संचालित 1705 आंगनबाड़ी पोषण स्तर सुधारने और वहां अध्ययनरत बच्चों के शिक्षा के साथ उनके शरीरिक और बौद्धिक विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है। जिले में कुपोषण दरों में कमी लाने के लिए जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा बसाहवट 63 मजरा-टोले में आंगनबाड़ी केन्द्रों के सहायक के रूप में वहां के स्थानीय बच्चों को गरम-पका भोजन दिया जा रहा है। इस अभियान का नाम पुट-बारो सेरी बाढन नाम दिया गया है। इस अभियान में लगभग 15 सौ विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा परिवारों के बच्चों को गरम पका भोजन का सीधा लाभ मिल रहा है। पूट-बारो, सेरी बाढन संचालित 63 केन्द्रों में से 9 केन्दों को प्रधानमंत्री मनमन योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों स्वीकृति प्रदान की गई है।

कलेक्टर ने बैठक में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, नवनी आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण की स्थिति, शौचालय निर्माण की स्थिति सहित महतारी वंदन योजना एवं उनके प्रगति की समीक्षा की।