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युक्तियुक्तकरण नीति के विरुद्ध गर्म हो रहा है वातावरण, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर पर शैक्षिक संगठनों ने विरोध में तैयार की रणनीति

  शैक्षिक संगठनों की मेगा बैठक में हुई चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा  आगे 27 अगस्त  को मुख्य सचिव को ज्ञापन, 16 सितंबर  को नवा रायपुर में मेगा रैल...

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शैक्षिक संगठनों की मेगा बैठक में हुई चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा 

आगे 27 अगस्त  को मुख्य सचिव को ज्ञापन, 16 सितंबर  को नवा रायपुर में मेगा रैली

 छत्तीसगढ़.

असल बात news.  

स्कूलों में युक्तियुक्तकरण की नीति के खिलाफ वहां के कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ रहा है. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के नेतृत्व में यह कर्मचारी शीघ्र आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं. जानकारी दी गई है कि अपनी मांगों को लेकर आगामी 27 अगस्त को मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया जाएगा और मांगे पूरी नहीं हुई तो उसके बाद 16 सितंबर को नया रायपुर में मेगा रैली निकाली जाएगी.

 आंदोलनकारी संगठन की तरफ से बताया गया है कि सरकार के अधिकारियों द्वारा शुरुआत में युक्तियुक्तकरण के संदर्भ में यह बताया गया था कि अतिशेष शिक्षकों का शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय शालाओ में युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। लेकिन  02/08/24 को जारी युक्तियुक्तकरण निर्देश में प्राथमिक शाला को मिडिल स्कूल में ,मिडिल स्कूल को हाईस्कूल में मर्ज करने एवं 2008 के सेटअप में परिवर्तन करने के निर्देश से शिक्षक संघठनों में भारी आक्रोश ब्याप्त है।शिक्षक संघठन अपने- अपने बेनर तले इसका विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक श्री कमल वर्मा के प्रयास से इस गंभीर मुद्दे पर सभी शैक्षणिक संगठनों का मेगा बैठक आज रखा गया जिसमें उपस्थित समस्त प्रांतीय पदाधिकारियों ने यह निर्णय लिया है कि युक्तियुक्तकरण के विरोध में दिनाँक 27/08/24 को मंत्रालय में दोपहर 3 बजे मुख्य सचिव को ज्ञापन सौपा जायेगा।इसके पश्चात भी यदि शासन के अधिकारी 2008 के सेटअप में परिवर्तन का नीति जारी रखते है एवं स्कूलों को मर्ज करने का आदेश वापस नही लेते हैं तो दिनाँक 16/09/24 को शिक्षा,शिक्षार्थी एवं शिक्षक हित के रक्षा हेतु नवा रायपुर में एक दिवसीय धरना,प्रदर्शन एवं मेगा रैली किया जायेगा।तत्पश्चात आगे की रणनीति तय की जाएगी। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने अपना संबोघन में कहा कि युक्तियुक्तकरण की पॉलिसी शिक्षा ब्यवस्था और गुणवत्ता को चौपट करने वाली है।शैक्षिक संगठनों के माँग अनुसार छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन इसका पुरजोर विरोध करता है। विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण नीति-निर्देशों को वापस लेने तक, शिक्षक संघठनों के सहयोग से संघर्ष जारी रहेगा।उन्होंने कहा कि युक्तियुक्तकरण से शिक्षको को अनावश्यक परेशान किया जा रहा है।शिक्षकों की पदोन्नति के अवसर को कम किया जा रहा है। इसलिए सभी शैक्षणिक संगठनों को मिलकर लड़ना होगा।उन्होंने *युक्तियुक्तकरण नीति के विरुद्ध  प्रभावी आंदोलन के संचालन हेतु समस्त शैक्षिक संगठनों के साथ समन्वय स्थापित करने केदार जैन, राजनारायण द्विवेदी एवं  मनोज साहू को समन्वयक नियुक्त किया है।* 

  प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी,ओंकार सिंह,जी आर चंद्रा,चंद्रशेखर तिवारी,केदार जैन,मनोज साहू एवं राजनारायण द्विवेदी ने संयुक्त रूप से कहा है कि युक्तियुक्तकरण नीति शिक्षार्थी-शिक्षक हित पर कुठाराघात है।यह नई शिक्षा नीति के उद्देश्य के विपरीत है। कक्षाओं की संख्या के अनुपात में विषयवार शिक्षकों की पदस्थापना में कमी कर विद्यार्थियों को विषय ज्ञान से वंचित करने की नीति है।  *सबको शिक्षा सबको काम उपलब्ध कराना सरकार का राजधर्म है।* भविष्य में सरकारी स्कूलों का निजीकरण करने की दिशा में पहल है। *अतिथि शिक्षक पदस्थ हो तो नियमित शिक्षक अतिशेष होगा ?अथार्त किरायेदार काबिज रहेगा और मकान मालिक बेदखल होगा!* *ये कैसा नीति है?* सरकार पदोन्नति के सही मामले में केवियट नहीं लगाती है।लेकिन, युक्तियुक्तकरण नीति-निर्देश के गलत मामले में केवियट लगाती है।यह सरकार की मंशा पर प्रश्नचिन्ह है ।

           मेगा बैठक में श्री चंदूलाल चंद्राकर,दयालूराम साहू,चंद्रशेखर चंद्राकर,उमेश मुदलियार,राजीव वर्मा,पीताम्बर पटेल,सुरेश वर्मा, डॉ भूपेंद्र गिलहरे,कृष्ण कुमार नवरंग,जाकेश साहू,शिव सारथी, विक्रम राय,चेतन बघेल,शंकर साहू,ललित बिजौरा,सुमन शर्मा, कमलदास भुरचुले,सुखनंदन यादव,धरम दास बंजारे,राज कुमार नारंग,लुनिश चंद्र भोसले, कमलेश सिंह बिसेन,ईश्वर चंद्राकर,नवीन चंद्राकर,पवन सिंह,देवेंद्र साहू,अनिल टोप्पो, मुक्तेश्वर देवांगन,मोहम्मद फारुख कादिरी,तिलक यादव,मोहम्मद फिरोज सहित भारी संख्या में शैक्षिक संगठनों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।