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स्वरूपानंद महाविद्यालय में हरेली तिहार धूमधाम से मनाया गया

  भिलाई. असल बात news.    हरेली छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार, ग्रामीण क्षेत्रों में यह त्यौहार पारंपरिक रूप से उत्साह के साथ मनाया जाता है इस दि...

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भिलाई.

असल बात news.   

हरेली छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार, ग्रामीण क्षेत्रों में यह त्यौहार पारंपरिक रूप से उत्साह के साथ मनाया जाता है इस दिन किसान खेती किसानी में उपयोग आने वाले कृषि औजारों की पूजा करते है। बच्चे व युवा गेंड़ी का आनंद लेते है। इसी प्ररिप्रेक्ष्य में स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में हरेली तिहार का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. शमा ए बेग ने कहा कि महाविद्यालय परिसर में हरेली तिहार मनाने का उद्देश्य विद्यार्थियों को छतीसगढ़ की संस्कृति व परंपरा से अवगत करना है। आईक्यूएसी की संयोजिका डॉ. शिवानी शर्मा ने कहा कि हरेली का मतलब हरियाली ही है छतीसगढ़ में इस दिन कृषि यंत्रो की पूजा कर अच्छे फसल की कामना की जाती है तथा दुसरे दिन से किसान खेतो में काम शुरू करते है।

महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा व मोनिषा शर्मा ने कार्यक्रम आयोजन के लिए बधाई दी व कहा हरेली सावन के आने का संदेश है जिसके पीछे अच्छे फसल की कामना है। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने बताया छत्तीसगढ़ मुख्यतः कृषि आधारित प्रदेश है इसलिये छत्तीसगढ़ में इस त्यौहार का बहुत महत्व है। किसान अपने पशुधन की पूजा करते है। गेहूँ के आटे में अरंडी या खम्हार के पत्ते लपेट कर औषधी के रूप में खिलाते है। राउत व बैगा घर-घर में नीम की डाली लगाते है। लोहार जाती के लोग घर-घर लोहे की कील लगाते है ताकि घर बुरी नजर से बचा रहे। वस्तुतः यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का त्यौहार है। 

सभी प्राध्यापक हरे लिबास में नजर आये इस अवसर पर सर्वप्रथम रापा, कुदाल आदि औजारों की पूजा की गई व नारियल, मीठा भजिया भोग में चढ़ाया गया। इसके पश्चात् सभी प्राध्यापकों ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक भोजन गुलगुल, चीला, फरा, बेसन भजिया का आनंद उठाया। छात्र व प्राध्यापकों ने गेंड़ी का तो महिला प्राध्यापकों ने बिल्लस व पिट्ठूल खेल का आनंद उठाया वस्तुतः हरेली का त्यौहार हमें प्रकृति से जोड़ती है। 

महाविद्यालय परिसर में अनेक पारंपरिक खेल पिट्ठूल, बिल्लस आदि का आयोजन किया गया सभी प्राध्यापकों ने परंपरागत व्यंजन व खेलो का आनंद लिया व कहा ऐसा लगा हमारे बचपन के दिन लौट आये है। इसके आयोजन के लिए सभी शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्टॉफ ने महाविद्यालय प्रबंधन को धन्यवाद दिया।