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स्वर्ण जयंती पर कृषि विज्ञान केन्द्र में कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन

 कवर्धा कवर्धा । कृषि विज्ञान केन्द्र कवर्धा के लिए वर्ष 2024 स्वर्णिम जयंती का वर्ष है। इस वर्ष कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना के 50 वर्...

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कवर्धा । कृषि विज्ञान केन्द्र कवर्धा के लिए वर्ष 2024 स्वर्णिम जयंती का वर्ष है। इस वर्ष कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर देशभर में स्वर्ण जयंती समारोह मनाया जा रहा है। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा द्वारा 23 अगस्त 2024 को कृषि विज्ञान केन्द्र के स्वर्ण जयंती वर्ष पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ बी. पी. त्रिपाठी ने बताया कि वर्तमान में देश में 731 कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों के आय में वृद्धि के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। भारत में पहला कृषि विज्ञान केन्द्र भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा 21 मार्च 1974 को पडुचेरी में किया गया था। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में 27 कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित किए गए। कबीरधाम जिले में कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा की स्थापना वर्ष मार्च 2008 में हुई है। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा वर्ष 2008 से लगातार कृषकों की आय में वृद्धि के लिए विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन ग्रामीण स्तर पर किया जा रहा है। जिसके तहत कृषि विज्ञान केन्द्र की प्रमुख गतिविधियां जैसे प्रक्षेत्र परीक्षण, अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन कृषक एवं कृषक महिलाओं के लिए प्रशिक्षण का आयोजन, ग्रामीण युवाओं के रोजगार के लिए प्रशिक्षण कृषक सेमीनार, वैज्ञानिक द्वारा नैदानिक भ्रमण किसान सारथी पोर्टल, क्रॉप डाक्टर ऐप के माध्यम से कृषकों की समस्याओं का त्वरित निवारण, फेसबुक, वाट्सअप ग्रुप, के.वी.के. वेब पोर्टल आदि डिजिटल माध्यम से भी जिले के कृषकों को उन्नत तकनीकी की जानाकरी दी जा रही है।

वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री त्रिपाठी ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र कवर्धा द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता कार्यक्रम, प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं कृषकों के खेतों में प्रदर्शन का कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किया जा रहा है। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा समन्वित कृषि प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए मशरूम उत्पादन, पशुधन उत्पादन, कुक्कुट पालन, बटेर उत्पादन, मातृबगीचा की स्थापना कृषि विज्ञान केन्द्र में की गई है। जिसका उद्देश्य खेती के साथ-साथ कृषक दो से अधिक उद्यमों की स्थापना करें जो किसानों की आय दुगुनी करने में मील का पत्थर साबित होगा। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा दलहन एवं तिलहन के समूह प्रदर्शन के माध्यम से उन्नत किस्मों को बढ़ावा दिया जा रहा है। स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-कृषि विज्ञान केन्द्र स्वर्ण जयंती मशाल यात्रा सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों मे जाएगी। जिसके तहत 22 अगस्त को यह मशाल कृषि विज्ञान केन्द्र, राजनांदगांव से कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा लाया गया और आज स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में विधिवत कार्यक्रम आयोजित करके मशाल की यात्रा के अगले पड़ाव के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र, मुंगेली के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. आर. एल. शर्मा को सौपा गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा में कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. राजीव श्रीवास्तव, अधिष्ठाता, संत कबीर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कवर्धा द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित कृषकों एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा के वैज्ञानिकों को बधाई दी गई। कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. त्रिपाठी द्वारा बताया गया कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा कृषकों के हित में नित नए आयाम किये जा रहे है, जिसका लाभ सीधे किसानों को मिल रहा है। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के विषय वस्तु विशेषज्ञ, सस्य विज्ञान, श्री बी.एस. परिहार, क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्रीमती सविता भट्ट एवं कर्मचारी सहित किसानों ने भाग लिया