केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के रायपुर में छत्तीसगढ़ एवं पड़ोसी राज्यों के साथ वामपंथी उग्रवाद (LWE) पर ...
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के रायपुर में छत्तीसगढ़ एवं पड़ोसी राज्यों के साथ वामपंथी उग्रवाद (LWE) पर समीक्षा बैठक और अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता की
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभियान अब निर्णायक मोड़ पर है
वामपंथी उग्रवाद मानवीय व राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी समस्या है, जिसके खिलाफ दो गुना गति व तीव्रता से काम कर इसे पूरी तरह समाप्त करने की जरुरत है
राज्यों द्वारा वामपंथी उग्रवाद के कारण निरक्षर रह गए लोगों की पढ़ाई के लिए नीति बनाने की आवश्यकता
जब तक non-returnable point पर पहुंच चुके उग्रवादी को सजा नहीं दिलाएंगे, तब तक इस समस्या पर काबू नहीं पा सकते
वामपंथी उग्रवाद के वित्त पोषण, हथियारों की सप्लाई और उनकी मैन्युफैक्चरिंग पर कड़ाई के साथ रोकथाम जरुरी
राज्यों के मुख्य सचिव विकास कार्यों की सतत निगरानी करें, जिससे सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे
देश की मोदी सरकार, वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ विकास, प्रॉसीक्यूशन और ऑपरेशन के तीनों मोर्चों पर रणनीति के साथ एक सफल लड़ाई लड़ रही है और अब लग रहा है कि देश में वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए बड़ी तैयारी की जा रही है.केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के रायपुर में छत्तीसगढ़ एवं पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ वामपंथी उग्रवाद (LWE) पर समीक्षा बैठक और अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक से संदेश निकलकर आया है कि मार्च 2026 के पहले तक देश से वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह से समाप्त करने में सफलता मिल जाएगी.एक तारीख सामने आई है, हनुमान ऐसा काम ही होता है कि किसी तारीख पर इतनी बड़ी समस्या को समाप्त करने का दावा किया जाए. लेकिन इस बैठक के बाद यह बड़ा दावा किया गया है. इस बैठक में रुथलैस अप्रोच के साथ वामपंथी उग्रवाद के पूरे इकोसिस्टम को ध्वस्त करने पर जोर दिया गया है. मार्च 2026 सिर्फ दो साल बाद आ जाएगा. इतने कम समय में सरकार नक्सलवाद का पूरी तरह से खात्मा करने के लिए क्या प्लानिंग बनाएगी, इसका सभी को इंतजार रहेगा.
बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय, केन्द्रीय गृह सचिव श्री गोविंद मोहन, निदेशक, आसूचना ब्यूरो और राष्ट्रीय जांच ऐजेंसी (NIA), CRPF, BSF, SSB और ITBP के महानिदेशक शामिल हुए। बैठक में आंध्र प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक भी शामिल हुए।
बैठक में वामपंथी उग्रवाद से निपटने की रणनीति, अंतर्राज्यीय समन्वय, सुरक्षा बलों के क्षमता निर्माण, वामपंथी उग्रवाद मामलों की शीघ्र जांच और अभियोजन तथा वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के व्यापक विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
श्री अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभियान को और गति देने के लिए सभी पुलिस महानिदेशकों को अपने राज्यों में हर सप्ताह नक्सल ऑपरेशन में लगी टीम के साथ बैठक कर कार्ययोजना बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मुख्य सचिवों को हर 15 दिन में एक बार नक्सल अभियान से जुड़े विकास कार्यों की समीक्षा बैठक करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक नक्सल अभियान की सतत निगरानी नहीं होगी तब तक हम अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकेंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के सामने सबसे बड़ी चुनौती है और मोदी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद को चुनौती के रूप में लिया है और देश से इस समस्या के खात्मे के प्रति कटिबद्ध है। गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद में लिप्त युवाओं से हिंसा छोड़ कर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चलाए जा रहे देश के विकास के महायज्ञ में शामिल होने का आह्वान किया।उन्होंने कहा कि मार्च 2026 से पहले देश मेंवामपंथी उग्रवादपूरी तरह से समाप्त हो जायेगा।
श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा के स्थान पर लोगों में विकास के प्रति विश्वास जगाने का काम किया है।उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार वामपंथी उग्रवाद के पैदा हुई विकास के अभाव की खाई को पाटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। श्री शाह ने बताया कि मोदी सरकार की दृढ़ता के कारण, 2019 से 2024 के दौरान कई राज्य वामपंथी उग्रवाद से लगभग पूरी तरह मुक्त हुए हैं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 2022 में पहली बार 4 दशकों में वामपंथी हिंसा के कारण मृत्यु की संख्या 100 से कम हुई है। उन्होंने बताया कि 2022 से 2024 के बीच सबसे कम वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसक घटनाएं दर्ज की गई हैं। श्री शाह ने कहा कि वर्ष 2010 में जहां मृत्यु की संख्या सर्वाधिक 1005 दर्ज की गई थी, वहीं ये संख्या 2023 में घटकर 138 रह गई। उन्होंने कहा कि security vacuum को भरने से LWE के वित्तपोषण के ecosystem पर कड़ा प्रहारहुआ है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद को सीमित करना देश के सुरक्षाबलों और लोकतंत्र की विजय है।
श्री अमित शाह ने कहा कि बस्तरिया बटालियन का गठन 2017 में CRPF में किया गया था जिसमें सभी जवान बस्तर क्षेत्र के थे। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल से मंज़ूरी लेकर 2022 में एक विशेष अभियान के तहत दांतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर से 400 आदिवासी जवानों की इस बटालियन में भर्ती की गई थी।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबल इस समस्या से लड़ने के साथ-साथ विकास कार्यों की निगरानी भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पिछले 10 साल में छत्तीसगढ़ में कनेक्टिविटी, सड़क निर्माण और वित्तीय समायोजन की दिशा में बहुत काम हुआ है। श्री शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही नई आत्मसमर्पण नीति लाएगी जिससे युवा हथियार छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत सैचुरेशन करने के लिए मार्च, 2025 का लक्ष्य रखा है।श्री शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के कारण निरक्षर रह गये लोगों को शिक्षित करने के लिए गृह मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार मिलकर अभियान चलाएगी।