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वैशाली नगर विधानसभा अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों के 3200 उत्कृष्ट शिक्षकों का हुआ सम्मान, राज्यपाल ने कहा- "विद्यार्थियों के लिए मातृभाषा का ज्ञान भी जरूरी"

 भिलाई भिलाई नगर, भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस 5 सितंबर के उपलक्ष्य में आज वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र अ...

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भिलाई नगर, भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस 5 सितंबर के उपलक्ष्य में आज वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सभी शासकीय और निजी स्कूलों के लगभग 3 हजार 200 शिक्षकों को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया गया। यह समारोह महामहिम राज्यपाल रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने की।

वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन द्वारा आयोजित इस भव्य और गरिमामय समारोह में राज्यपाल ने कहा कि आज के दौर में जबकि शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच के रिश्ते में कई तरह की चुनौतियां और दरार की स्थिति है, ऐसे में इन दोनों के पवित्र रिश्ते को बरकरार रखना बेहद जरूरी है।

होटल इंपीरियल में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल रमेन डेका ने भिलाई शहर की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा यह इस्पात नगरी है, साथ ही एजुकेशन हब के रूप में भी प्रसिद्ध है। यहां के स्कूलों से निकले अनेक विद्यार्थी आज भारत सहित विदेशों में भी विशिष्ट पदों पर हैं। इस सफलता के पीछे यहां के शिक्षकों की अथक मेहनत और ज्ञान का विशिष्ट योगदान है। उन्होंने कहा कि इस दौर में शिक्षकों और विद्यार्थियों के रिश्ते को पहले जैसे फिर से मजबूत करने की जरूरत है। इस कार्य में शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। 

राज्यपाल ने कॉन्वेंट कल्चर को लेकर कहा कि सिर्फ अंग्रेजी में पढ़ाई जरूरी नहीं है। हमारी मातृभाषा में भी ज्ञान का विशाल भंडार है, विद्यार्थियों को अपनी भाषा में ही पढ़ाई करने प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। शिक्षकीय कार्य एक  नोबल प्रोफेशन है, इसे कॉमर्शियलाइज नहीं होने दें। 


*विधायक रिकेश की तारीफ*


राज्यपाल ने विधायक रिकेश सेन की तारीफ करते हुए कहा मैंने उनको लेकर सर्च किया है, वह जमीनी कार्यकर्ता हैं, वह मेरे छोटे भाई जैसे हैं, उनका मेरे दिल में बहुत सम्मान है। शिक्षकों के सम्मान में उनके द्वारा किया गया यह आयोजन प्रशंसनीय है। श्री डेका ने कहा कि शिक्षक सम्मान समारोह में उपस्थित होना मेरे लिये एक अद्वितीय अनुभव है। शिक्षक की भूमिका अब सिर्फ ज्ञान देने तक सीमित नहीं है, विद्यार्थियों को नैतिक मूल्यों और समाज की जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक भी बनाएं। यह गर्व की बात है कि शिक्षकों के मेहनत और समर्पण के कारण राज्य में शिक्षा का स्तर निरंतर ऊंचा हो रहा है। आप सभी ने जिस प्रकार से अब तक विद्यार्थियों को शिक्षित और सशक्त बनाया है, उसी समर्पण और निष्ठा से आगे भी अपने कर्तव्यों का पालन करें। आप केवल शिक्षा ही नहीं दे रहे हैं, बल्कि विद्याथियों को एक बेहतर नागरिक बनाने की दिशा में भी अग्रसर कर रहे हैं। शिक्षकों का योगदान समाज के निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण है।


उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि हमारे देश में पौराणिक काल से ही गुरुओं और शिक्षकों का विशिष्ट में स्थान और सम्मान रहा है। बड़े-बड़े राजा, महाराजा भी अपने बच्चों को विद्या अध्ययन के लिए गुरुकुल या गुरुओं के आश्रम में भेजते थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को आत्मनिर्भर और शक्तिशाली राष्ट्र बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं, उनके इस अभियान में शिक्षकों का दायित्व सबसे महत्वपूर्ण है। 

अपने स्वागत उद्बोधन में विधायक रिकेश सेन ने कहा कि त्यौहारों के कारण शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन दो दिन पूर्व किया गया है। आज शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच दूरी बढ़ रही है, इस दूरी को कम करने के लिए ऐसे आयोजन बेहद जरूरी हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को लेकर कहा कि इस अभियान में शिक्षकों का योगदान महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। 

इस अवसर पर नगर के गणमान्य नागरिक तथा संभाग आयुक्त एस एन राठौर, आईजी आर जी गर्ग, कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, एसपी जितेन्द्र शुक्ला, जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा सहित बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे