भिलाई कहा-किराये और प्रदूषण में आएगी कमी, स्मार्ट सिटी के लिए परिवहन प्रणालियाँ, स्वच्छ हवा, डीकार्बोनाइजेशन और जलवायु परिवर्तन से लड़ने के ...
भिलाई
कहा-किराये और प्रदूषण में आएगी कमी, स्मार्ट सिटी के लिए परिवहन प्रणालियाँ, स्वच्छ हवा, डीकार्बोनाइजेशन और जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए इलेक्ट्रिक सिटी बसें काफी उपयोगी
भिलाई नगर, । वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन के प्रयास से भिलाईवासियों को 50 सिटी बस की सौगात मिलने जा रही है। श्री सेन के इस प्रयास को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 7 करोड़ के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। अपने इस अभिनव प्रयास को तीज और पोला के अवसर पर क्षेत्र की तिजहारिन माताओं और बहनों को समर्पित करते हुए विधायक रिकेश सेन ने कहा कि अगले वर्ष तीज त्यौहारों की तैयारी को लेकर होने वाली मार्केटिंग और अत्यंत कम दर पर मायके आने जाने के लिए ये सिटी बसें माताओं बहनों के लिए आवागमन का बेहतर माध्यम साबित होंगी।
सुपेला बस स्टैंड पर खड़ी कबाड़ सिटी बसों को लेकर विधायक रिकेश सेन ने कहा कि करोड़ों रूपयों की लागत से शुरू की गईं सिटी बसों को कांग्रेस सरकार ने अपने शासनकाल में किस तरीके से बर्बाद और कंडम किया है यह दुर्ग भिलाई के लोग भलि भांति जानते हैं। जल्द ही पूर्व में संचालित सिटी बसों की व्यवस्था को बेहाल और बर्बाद करने वाले जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग वो करने जा रहे हैं। सिटी बस संचालन रोके जाने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इसलिए मैं चाहता हूं कि हमारे वैशाली नगर विधानसभा में और दुर्ग जिले में सिटी बस की फिर से शुरुआत हो जाए। इसके लिए मैंने परिवहन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरीजी को पत्र लिखा था और खुशी का विषय यह है कि पचास इलेक्ट्रिक बस हमारे भिलाई को मिली है। वैशाली नगर विधानसभा के अलग अलग वार्डों में भी इसका रूट तय होगा। तीज पर यह स्वीकृति आने से एक तरह से तिजहारिन माताओं बहनों के लिए यह खुशी की खबर मैं उन्हें गिफ्ट के रूप में दे रहा हूं।
श्री सेन ने इसके लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए बताया कि 7 करोड़ रुपये के लगभग का यह प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है। सभी 50 इलेक्ट्रिक सिटी बसों का किराया भी न्यूनतम होगा क्योंकि इनका संचालन पेट्रोल डीजल से नहीं बल्कि बिजली चार्ज से होना है। बस को चार्ज करने के लिए डी मार्ट के समीप एक चार्जिंग डिपो भी बनेगा। इस प्रोजेक्ट का कार्य जल्द प्रारंभ किया जाएगा और पूरे सेटअप को तैयार करने में लगभग 6 से 8 महीने का समय लगेगा।
विधायक रिकेश सेन ने आगे बताया कि इलेक्ट्रिक सिटी बसों के संचालन से जहां भिलाई वासियों को मार्केट, अस्पताल, निगम, जिला प्रशासन कार्यालय सहित समीपस्थ स्थानों पर सुलभ आवागमन अत्यंत कम किराया पर सुनिश्चित होगा वहीं शहर के प्रदूषण को कम करने में भी हम कामयाब होंगे। हम लोग अधिकतर देखते हैं कि खासकर महिलाओं को डीजल के धुएं की वजह से वोमिटिंग होती है, इलेक्ट्रिक बस से यह समस्या भी दूर हो जाएगी।
श्री सेन ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसें आने से प्रदूषण से भी काफी राहत मिलेगी। पेट्रोल व डीजल के बढ़ते दाम को देखते हुए यह बस काफी किफायती रहने वाली हैं। बहुत जल्द पूरे प्रोजेक्ट की रूपरेखा जमीन पर दिखेगी, सिटी बस संचालन कंपनी और इसमें लगने वाले ड्राइवर, चार्जिंग स्टेशन, इलेक्ट्रिक रिपेयर मैनेजमेंट और बिजली खर्च आदि के लिए स्थानीय भर्तियां भी होंगी। इलेक्ट्रिक बसें चलने में काफी आराम दायक होती हैं। बसों में बैठने की सीट काफी आरामदायक होगी जिससे सिटी बस खासकर बुजुर्गों के लिए भी वरदान साबित होगी। आज के दौर में 45 साल के उपर लगभग 70 प्रतिशत लोगों को कमर दर्द की दिक्कत है। उनके लिए यह सीट काफी अच्छी रहने वाली है। लोग अपने रोजमर्रा के काम को लेकर निगम, जिला कार्यालय, स्कूल, कालेज, बाजार आदि आते जाते हैं, इलेक्ट्रिक सिटी बसों का रूट बेहतर तरीके से तय किया जाएगा ताकि शहर के हर आम लोगों की पहुंच तक ये आवागमन का बेहतर साधन बनेंगी। चूंकि इलेक्ट्रिक बस पावर ग्रिड से बिजली खींचती हैं और उसे बैटरी में स्टोर करती हैं जिसे बिजली खत्म होने के बाद रिचार्ज किया जा सकता है। सिटी बसों का रिचार्ज डिपो डी मार्ट के समीप बनाया जाएगा।
विधायक रिकेश सेन ने कहा कि प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन करने वाली ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने और शोर के स्तर को न्यूनतम रखने की अपनी क्षमता के कारण इलेक्ट्रिक बसों से पर्यावरणीय लाभ भी होगा। अमूमन डीजल बसों का धुआँ स्वास्थ्य के लिए ख़तरा है। इलेक्ट्रिक बसों में शून्य टेलपाइप उत्सर्जन होता है। हम सभी जानते हैं कि भिलाई को स्मार्ट शहर के रूप में ले जाने के लिए परिवहन प्रणालियाँ स्वच्छ हवा, डीकार्बोनाइजेशन और जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए ये इलेक्ट्रिक सिटी बसें काफी उपयोगी होंगी क्योंकि वायु प्रदूषण जनसंख्या के मृत्यु दर के जोखिम को काफी हद तक बढ़ा रहा है