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“हमारी प्राचीन शिक्षा पद्धति ज्यादा वैज्ञानिक है” आईक्यूएसी की मीटिंग में निकला निष्कर्ष

  ^भारतीय ज्ञान प्रणाली से विद्यार्थियों में होगा कौशल विकास राष्ट्रीय शिक्षा नीति से भारतीय प्राचीन वैज्ञानिक शिक्षा पद्धति को जान पायेगें ...

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^भारतीय ज्ञान प्रणाली से विद्यार्थियों में होगा कौशल विकास

राष्ट्रीय शिक्षा नीति से भारतीय प्राचीन वैज्ञानिक शिक्षा पद्धति को जान पायेगें विद्यार्थी और होगा उनमें उनका कौशल विकास

भिलाई.

असल बात news.   

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) स्टैक होल्डर की मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें अकादमी विशेषज्ञ के रूप में डॉ. अवधेष श्रीवास्तव प्रो. वनस्पत्ति शास्त्र शासकीय महाविद्यालय उतई डॉ. प्रीति शर्मा मिश्रा समाज सेविका तथा एल्यूमिनाई, विद्यार्थी व पालक उपस्थित हुए।

डॉ. शिवानी शर्मा आईक्यूएसी प्रभारी ने पूर्व मीटिंग की सलाह व उसमें हुए क्रियान्वयन का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए मीटिंग के एजेण्डे पर प्रकाश डाला व बताया महाविद्यालय में क्ले की ज्वेलरी सिखाने का वर्कशॉप का आयोजन किया गया व विद्यार्थियों की बनाई ज्वेलरी की बिक्री के लिए प्रदर्शनी का आयोजन किया गया विद्यार्थियों ने पानी का सैंपल ले उसकी गुणवत्ता की जांच की, हर हफ्ते मिलेट कैफे का आयोजन महाविद्यालय में किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने स्वाद व पोषण से भरपूर भोजन बनाया। मीटिंग में नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन मूल्य आधारित शिक्षा, इंडस्ट्री के साथ अनुबंध व रैगिंग रोकने के उपाय आदि एजेंडो पर चर्चा की गई।

महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने आने वाले वर्षो में औद्योगिक लिंकेज पर अधिक ध्यान केंद्रित करने पर बल देते हुये प्लेसमेंट की बात कही। प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने बताया रैगिंग रोकने के लिए विद्यार्थियों से पोस्टर व स्लोग्न प्रतियोगिता का आयोजन किया गया साथ ही नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए फ्रेशर व “फेस टू फेस” परिचय का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान देने के लिये मशरूम प्रशिक्षण का प्रारंभ किया गया है उन्होंने महाविद्यालय द्वारा किये गये कार्यों को उल्लेखित किया।

डॉ. अवधेश श्रीवास्तव ने बताया हमारे पूर्वज वैज्ञानिक थे हमें उसी ज्ञान परंपरा को मूल्य आधारित शिक्षा प्रणाली के माध्यम से आगे बढ़ाना है, उन्होंने कहा सेमीनार, वर्कशॉप, कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वैदिक गणित, हमारे ग्रह नक्षत्र उनकी पूजा क्यों की जाती है? प्रत्येक राशि व नक्षत्र के अनुसार फूल होते है उनका क्या वैज्ञानिक महत्व है? पर चर्चा की जानी चाहिये उन्होंने बताया दही जब पंचामृत बनता है उसकी पोषण वैल्यू दस गुना बढ़ जाता है, उन्होंने फल, सब्जियों व खाद्य पदार्थों पर होने वाली मिलावटों के कारण स्वास्थ्य पर पढ़ने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी व कहा इन मिलावटों की जांच कैसे करनी चाहिये विशेषतः दूध में होने वाली मिलावटों की। इस पर कार्यशाला आयोजित करने की बात कही। राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) में 2020-21  तक के विद्यार्थियों को जोड़ने की बात कही व बताया (एनएटीएस) भारत सरकार का भारतीय युवाओं को कुशल बनाने का कार्यक्रम है जिसमें विद्यार्थियों को केंद्र, राज्य और निजी संगठनों में प्रशिक्षण दिया जाता है। विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र मिलता है जो उनके प्लेसमेंट में सहायक होता है।

डॉ. प्रीति शर्मा मिश्रा ने विद्यार्थियों को एनजीओ से जोड़ने की बात कही जिससे वे अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों को पूरा कर सकें।

कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन स.प्रा. श्रीलथा कम्प्यूटर साईंस ने किया। कार्यक्रम में डॉ. रजनी मुदलियार विभागाध्यक्ष रसायनशास्त्र, डॉ. सुनीता वर्मा विभागाध्यक्ष हिंदी, डॉ. मीना मिश्रा विभागाध्यक्ष गणित, एन बबीता विभागाध्यक्ष भौतिकी, पालक एल्मूनाई व विद्यार्थी शामिल हुए।