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छत्तीसगढ़ पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग को धरदबोचा, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना पुलिस भी थी तलाश में, जानिए कैसे की डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी

  मुंगेली।  एक शातिर साइबर ठग, जिसे गिरफ्तार करने आंध्रप्रदेश और तेलंगाना पुलिस तलाश कर रही थी, मगर कामयाबी छत्तीसगढ़ पुलिस को मिली। आरोपी अं...

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 मुंगेली। एक शातिर साइबर ठग, जिसे गिरफ्तार करने आंध्रप्रदेश और तेलंगाना पुलिस तलाश कर रही थी, मगर कामयाबी छत्तीसगढ़ पुलिस को मिली। आरोपी अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का सदस्य भी निकला है। इसका साथी दुबई में रहता है और कथित तौर पर वहीं से क्राइम स्टोरी की स्क्रिप्ट लिखी गई थी। यही नहीं इसके साथी के खिलाफ दुबई में भी अपराध दर्ज है और इसके वीजा को भी ब्लॉक किया गया है। यह बात भी सामने आई है की पकड़ा गया शातिर आरोपी दुबई जाने वाला था, उससे पहले मुंगेली पुलिस ने धरदबोचा।



जानिए कैसे डिजिटल अरेस्ट हुए डॉक्टर

मुंगेली जिला के लोरमी निवासी सेवानिवृत बीएमओ ने शिकायत की थी कि 6 सितम्बर 2024 को कुछ लोगों व्हॉटस्अप वीडियो कॉल कर स्वयं को मुंबई काइम ब्रांच अधिकारी बताकर डरा धमका कर डिजिटल अरेस्ट कर 7 लाख 36 हजार रूपऐ का ठगी कर लिए है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुंगेली गिरिजा शंकर जायसवाल ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुंगेली पंकज पटेल के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन कर तत्काल आरोपी के पतासाजी के लिए निर्देश दिया।

पुलिस ने ऐसे दबोचा

एसएसपी गिरिजा शंकर जायसवाल के निर्देशन में टीम तत्काल सक्रिय हो गई। बैंक डिटेल और मोबाइल लोकेशन के आधार पर केरल रवाना हुई। केरल के संभावित स्थानों पर मुंगेली पुलिस की टीम ने स्थानीय पुलिस को साथ लेकर दबिश दी। 1 दिन के प्रयास से टीम को केरल के मल्लापुरम् जिले के चेरुकापल्ली वेल्लुवागड से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई। आरोपी से पूछताछ में पता चला कि उसका एक अन्य साथी जिलशाद निवासी कालीकट भी इसके गिरोह में शामिल है, जिसके गिरफ्तारी के लिए टीम प्रयासरत् है। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी फवाज दुबई भागने के फिराक में था किन्तु मुंगेली पुलिस की तत्परता और सक्रियता से विदेश भागने में असफल रहा।

डरा धमका कर करीब साढ़े 7 लाख की ठगी

प्रार्थी रिटार्यड बीएमओ डॉ. दीपक को डिजिटल अरेस्ट के दौरान आरोपियों ने डराया कि आपकी ओर से जो पार्सल दुबई भेजने के लिए मुंबई भेजा गया है उसमें आर्मी का ड्रेस, आई कार्डस् और प्रतिबंधित ड्रग्स पाया गया है। इसलिए आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है। इस प्रकार भयादोहन कर लगातार कॉल में उपलब्ध रहने और फोन डिस्कनेक्ट न करने धमकी देकर बैंक खाते में उपलब्ध रकम में से 7 लाख 36 हजार अपने एक्सीस बैंक के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर करा लिया गया। इस घटना में थाना लोरमी में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 314/2024 धारा 318 (4) बीएनएस 66 (डी) आईटी एक्ट दर्ज किया गया था।

अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का सदस्य

गिरफ्तार आरोपी अंतर्राष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का सदस्य है। गिरफ्तार आरोपी फवाज पिता मोहम्मद के विरूद्ध आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में भी इसी प्रकार के कई साइबर अपराध दर्ज है। इस शातिर अपराधी की तलाश आंध्रप्रदेश और तेलंगाना की पुलिस भी कर रही थी। इसके साथी जिलशाद के विरूद्ध दुबई में भी अपराध दर्ज है और इसके वीजा को ब्लॉक किया गया है।