Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय फाउंडेशन फॉर रूरल टेक्नोलॉजी एंड एंटरप्रेन्योरशिप के प्रतिनिधियों की माननीय राज्यपाल से मुलाकात

असल बात न्यूज  छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय फाउंडेशन फॉर रूरल टेक्नोलॉजी एंड एंटरप्रेन्योरशिप के प्रतिनिधियों की माननीय रा...

Also Read

असल बात न्यूज 

छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय फाउंडेशन फॉर रूरल टेक्नोलॉजी एंड एंटरप्रेन्योरशिप के प्रतिनिधियों की माननीय राज्यपाल से मुलाकात




छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय फाउंडेशन फॉर रूरल टेक्नोलॉजी एंड एंटरप्रेन्योरशिप के प्रतिनिधियों की माननीय राज्यपाल से मुलाकात।दुर्ग, छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ एम.के. वर्मा के निर्देश एवं  मार्गदर्शन में  सेक्शन 8 कंपनी फाउंडेशन फॉर रूरल टेक्नोलॉजी एंड एंटरप्रेन्योरशिप का सफल संचालन किया जा रहा है। सीएसवीटीयू फोर्ट का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को टेक्नोलॉजी एवं उद्यमिता के माध्यम से सशक्त बनाकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में  प्रदेश  को आगे ले जाना है। आज फोर्ट के प्रतिनिधियों और स्टार्टअप्स के द्वारा माननीय राज्यपाल से मुलाकात की गई। इस बैठक की शुरुआत सीएसवीटीयू फोर्ट के सीईओ श्री अग्रांशु द्विवेदी द्वारा फाउंडेशन और इसके द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं के परिचय से हुई, जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ में स्टार्टअप इकोसिस्टम को विकसित करना है।

बैठक में फोर्ट से जुड़े 6 प्रमुख स्टार्टअप्स ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। पहली प्रस्तुति विनिता पटेल के नेतृत्व में आरुग नामक स्टार्टअप द्वारा दी गई, जो जनजातीय महिलाओं के लिए पुनरू प्रयोज्य सैनिटरी नैपकिन तैयार करता है। राज्यपाल महोदय इस महिला-केंद्रित स्टार्टअप के प्रभाव रिपोर्ट और उपलब्धियों से बहुत प्रभावित हुए और भविष्य में विनिता पटेल के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का दौरा करने की इच्छा जताई। दूसरा स्टार्टअप आत्मनिर्भर गांव था, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए सौर ऊर्जा आधारित उपकरण विकसित कर रहा है। इस स्टार्टअप का नेतृत्व सीएसवीटीयू फोर्ट के निदेशक, डॉ. आर.एन. पटेल और राहुल बघेल कर रहे हैं। राज्यपाल ने इस विचार को बहुत रोचक पाया और समाधान की लागत प्रभावशीलता और विस्तार क्षमता पर ध्यान देने का सुझाव दिया। तीसरी प्रस्तुति करण चंद्राकर द्वारा दी गई, जो केले के अपशिष्ट का उपयोग कर कपड़ा, उर्वरक और ईंटें बना रहे हैं। राज्यपाल ने ईंटों की मजबूती के बारे में जानकारी ली और प्रोटोटाइप परिणामों से संतुष्ट हुए। चौथा स्टार्टअप वॉबल लैब्स था, जो ड्रोन तकनीक पर आधारित है। राज्यपाल और उनके एडीसी श्री सुनील शर्मा ने संस्थापकों को उनके स्टार्टअप के विस्तार के लिए कई सुझाव और समर्थन का आश्वासन दिया। राज्यपाल ने यह भी सुझाव दिया कि तकनीकी विश्वविद्यालय ड्रोन क्लब स्थापित करे, ताकि छात्रों को ड्रोन तकनीक से सुसज्जित किया जा सके। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि सीएसवीटीयू ने छत्तीसगढ़ में पहला आरटीपीओ स्थापित किया है और ड्रोन दीदी योजना पर भी काम कर रहा है। पांचवां स्टार्टअप कोशल आर्ट्स था, जिसका संचालन अंकित बंजारे कर रहे हैं। यह स्टार्टअप छत्तीसगढ़ की जनजातीय कला को पुनर्जीवित करने और इसे वैश्विक बाजार तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है। राज्यपाल ने इसे ग्रामीण आजीविका सुधारने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण पाया और किफायती उत्पादों के लिए फाइबर ग्लास का उपयोग करने का सुझाव दिया। अंतिम प्रस्तुति छत्तीसगढ़ इंस्टेंट मिलेट फूड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की गई, जो एनीमिया और कुपोषण से लड़ने वाले रेडी-टू-ईट उत्पाद विकसित कर रही है। राज्यपाल महोदय इस स्टार्टअप से बहुत प्रभावित हुए। 

माननीय राज्यपाल ने सीएसवीटीयू फाउंडेशन के इन होनहार उद्यमियों के साथ पर्याप्त समय बिताया और उन्हें आश्वस्त किया कि राजभवन से हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। फोर्ट के प्रतिनिधियों के साथ सहकार भारती के अध्यक्ष, डॉ. लक्ष्मीकांत द्विवेदी भी उपस्थित थे। सहकार भारती और फोर्ट के सहयोग को ग्रामीण समुदाय की आजीविका के लिए एक बड़ा कदम बताया गया, जिसकी राज्यपाल महोदय ने सराहना की। फोर्ट तथा  सहकार भारती के समन्वय  से  चलने  वाले  प्रोग्राम्स  तथा  उनके  सकारात्मक  परिणाम पर  भी जानकारी राज्यपाल  जी को दी  गई। फोर्ट के प्रतिनिधि तथा स्टार्टअप में आज की इस मुलाकात के पाश्चात् अपने आप मे एक अत्यंत सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार दिखा। राज्यपाल द्वारा दिए गए सलाहों से सभी स्टार्टअप को अत्यधिक प्रेरणा मिली है और इस बहुमूल्य मार्गदर्शन के लिए सभी ने राज्यपाल महोदय को धन्यवाद ज्ञापन किया ।