भिलाई भिलाई नगर,। छत्तीसगढ़ में इन दिनों त्यौहारी सीजन चल रहा है, पति की दीर्घायु जीवन और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना का पर्व हरितालिका क...
भिलाई
भिलाई नगर,। छत्तीसगढ़ में इन दिनों त्यौहारी सीजन चल रहा है, पति की दीर्घायु जीवन और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना का पर्व हरितालिका के बाद अब तीजा मनाने महिलाएं रात में करू भात खाकर अपना व्रत शुरू करेंगी।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ी में कड़वा मतलब ‘करू‘ होता है और पके हुए चावल को ‘भात‘ कहा जाता है। इस व्रत पूजा से एक दिन पहले महिलाएं शाम के समय भोजन में करेला की सब्जी भात का भोग लगाएंगी और खीरा खाकर सोएंगी ताकि अन्न की डकार न आए। इसके बाद कुछ भी नहीं खाती हैं। इस दिन छत्तीसगढ़ के हर घर में करेले की सब्जी खासतौर पर बनाई जाती है। तीजा व्रत रखने के एक दिन पहले करू भात खाया जाता है और दूसरे दिन जब निर्जला व्रत रखा जाता है उस दिन कड़वा करेला शरीर में एक प्रकार से तरल पदार्थ को उत्सर्जित करती है, इससे प्यास नहीं लगती है, इसलिए छत्तीसगढ़ में परंपरा है कि बहन-बेटियों को करेला सब्जी बना करके भोजन कराया जाता है जो कि करू भात के नाम से प्रचलित है।
वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन जब से पार्षद हुए हर तीज त्यौहार में अपने वार्ड में त्यौहार के लिए जरूरी खाद्य और ऐसी वस्तुओं का वितरण करते रहे हैं जो अमूमन मार्केट में या तो जल्दी मिलती नहीं या फिर उसके दाम आसमान छूने लगते हैं। सभी जरूरी वस्तुएं वार्डवासियों को सहज उपलब्ध हों, इस मंशा से रिकेश सेन ऐसी आवश्यक चीजों को बड़ी मात्रा में मंगवा कर उसका नि:शुल्क वितरण करते हैं। पहले ऐसा प्रयास एक वार्ड तक सीमित होता था लेकिन विधायक बनने के बाद अब विधानसभा स्तर पर ऐसी सामग्रियों की उपलब्धता का प्रयास विधायक रिकेश सेन जन सहयोग से करते हैं। हाल ही में उन्होंने पसहर चावल का वितरण हरितालिका तीज के लिए किया था और आज विधायक रिकेश हर साल की तरह इस साल भी करेला बांट रहे हैं।
आपको बता दें कि पार्षद रहते उन्होंने पिछले वर्ष तीज पर एक हजार किलो करेला मंगवाया था मगर इस वर्ष वैशाली नगर विधानसभा में 20 हजार किलो करेला आ चुका है जिसका वितरण तीज व्रत पूर्व करू भात के लिए महिलाओं को किया जा रहा है। विधायक बनने के बाद रिकेश के करेला बांटने का यह पहला आयोजन है। वैशालीनगर विधायक कार्यालय शांति नगर कार्यालय से करेला का नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है ताकि करू भात खाकर माताएं बहनें उपवास रख सकें