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आज गृह मंत्री शाह लेंगे नक्सल प्रभावित राज्यों की बैठक, छत्तीसगढ़ समेत 8 राज्यों के मुख्यमंत्री भी होंगे शामिल

  नई दिल्ली।   केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह  आज  नई दिल्ली के विज्ञान भवन में वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित राज्यों के मुख्यमं...

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 नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह  आज  नई दिल्ली के विज्ञान भवन में वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भाग लेंगे। साथ ही वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने में राज्यों का सहयोग कर रहे केन्द्रीय मंत्रालयों के 5 केन्द्रीय मंत्री और उच्चाधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में भाग लेंगे।



बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में केन्द्र सरकार मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के प्रति कटिबद्ध है। केन्द्र सरकार वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित सभी राज्यों को इस समस्या से निपटने में हरसंभव सहायता दे रही है।

गृह मंत्री शाह साल भर बाद लेंगे राज्यों की समीक्षा बैठक

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ इस तरह की पिछली समीक्षा बैठक की अध्यक्षता 6 अक्टूबर 2023 को की थी। उस बैठक में गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद को जड़ से खत्म करने के लिए व्यापक दिशा निर्देश दिये थे।

अपनी अंतिम लड़ाई लड़ रहा वामपंथी उग्रवाद

गौरतलब है कि मोदी सरकार की रणनीति से वर्ष 2010 के मुक़ाबले 2023 में हिंसा में 72% और मृत्यु में 86% कमी आई है और आज वामपंथी उग्रवाद अपनी अंतिम लड़ाई लड़ रहा है। वर्ष 2024 में सुरक्षाबलों को नक्सलियों के विरुद्ध आशातीत सफलता मिली है। इस वर्ष अब तक 202 नक्सली मारे गए हैं और 2024 के शुरूआती 09 महीनों में 723 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इसके साथ ही, 2024 में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या मात्र 38 रह गयी है।

केन्द्र सरकार ने वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों के दूरदराज़ के इलाकों तक विकास योजनाएं पहुंचाने के लिए भी ठोस कदम उठाए हैं। इन क्षेत्रों में सड़क और मोबाइल कनेक्टिविटी पर विशेष बल दिया जा रहा है। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 14,400 किलोमीटर सड़क निर्माण हो चुका है और करीब 6000 मोबाइल टावर लगाए जा चुके हैं।