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नगर निगम के ठेकेदारों ने एक महीने के भीतर दूसरी बार दी चेतावनी, चार महीने की लंबित राशि का भुगतान नहीं किया गया तो कर्मचारी कर देंगे बंद

  रायपुर।  नगर निगम के ठेकेदारों ने एक महीने के भीतर दूसरी बार चेतावनी दी है कि अगर चार महीने की लंबित राशि का भुगतान नहीं किया गया तो लगभग ...

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 रायपुर। नगर निगम के ठेकेदारों ने एक महीने के भीतर दूसरी बार चेतावनी दी है कि अगर चार महीने की लंबित राशि का भुगतान नहीं किया गया तो लगभग 3800 कर्मचारी काम बंद कर देंगे। आज निगम के उपनेताप्रतिपक्ष मनोज वर्मा के साथ ठेकेदारों ने अधिकारियों से मुलाकात की, जहां दोनों पक्षों के बीच जमकर विवाद हुआ। ठेकेदारों ने वित्त विभाग की अधिकारी कृष्णा खटिक से चर्चा करते समय लंबित भुगतान को लेकर सवाल उठाए, लेकिन खटिक ने सभी ठेकेदारों से बिल नहीं लगाने की बात कही। जब ठेकेदारों ने विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के बिलों के भुगतान की शिकायत की, तो अधिकारी ने इससे किनारा कर लिया।



बता दें कि निगम के 40 से अधिक ठेकेदारों को चार महीने की 15 करोड़ की राशि का भुगतान नहीं किया गया है, जिसमें 3800 सफाई कर्मचारी शामिल हैं। दिवाली के दौरान कर्मचारियों को अतिरिक्त पैसे का भुगतान भी करना है, लेकिन ठेकेदारों के पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं। इस स्थिति को देखते हुए ठेकेदारों ने दो दिन के भीतर पैसे जारी करने की मांग की है, अन्यथा काम बंद करने की चेतावनी दी है।

अधिकारियों पर लापरवाही से हुआ भुगतान लंबित – मनोज वर्मा

उपनेताप्रतिपक्ष मनोज वर्मा ने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जिन पर शहर की व्यवस्था के संचालन की जिम्मेदारी है, उन्हें ही पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर लंबित भुगतान की राशि जारी नहीं की जाती, तो सभी सफाई कर्मचारी निगम का घेराव करने पर मजबूर होंगे।

बिल न लगाने के कारण भुगतान नहीं किया गया होगा – अपर आयुक्त

इस मामले में अपर आयुक्त एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि जोन ही सफाई कर्मचारियों का ठेका लेता है, इसलिए जोन स्तर पर निष्ठा सत्यापन किया जाता है। पूरा प्रोसेस होने के बाद फाइल निगम पहुंचती है, जिसके बाद भुगतान की प्रक्रिया शुरू होती है। उन्होंने बताया कि बिल न लगाने के कारण भुगतान नहीं किया गया होगा।

इस पूरे मामले में अधिकारियों का दोहरा रवैया स्पष्ट दिखाई देता है। एक ओर जहां बिल न लगने को भुगतान लंबित होने का कारण बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर लगे हुए बिल का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। अगर ठेकेदारों का काम बंद करने का निर्णय लागू होता है, तो शहर की व्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।