भिलाई. असल बात news. सेंट थॉमस कॉलेज भिलाई , पी.जी. मनोविज्ञान विभाग ने सिम्हांस,देवदा, राजनांदगांव का क्षेत्रीय दौरा आयोजित किया।पीजी म...
भिलाई.
असल बात news.
सेंट थॉमस कॉलेज भिलाई , पी.जी. मनोविज्ञान विभाग ने सिम्हांस,देवदा, राजनांदगांव का क्षेत्रीय दौरा आयोजित किया।पीजी मनोविज्ञान विभाग ने साइको मेट्रिकियन के तत्वावधान में सेंट्रल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज, देवदा , राजनांदगांव का फील्ड विजिट आयोजित किया।
कार्यक्रम की थीम का लक्ष्य साइकोपैथोलॉजी और थेरेपीज था। यह सत्र बहुत ही आकर्षक था, जहाँप्रशि क्षण वि भि न्न सैद्धांतिक दृष्टि कोणों,साइकोपैथोलॉजी मेंवि भि न्न उपचारों के प्रशि क्षण और गैर-लाभकारी संगठन की स्थापना के व्यावहारिक ज्ञान पर केंद्रि त था। इस सत्र के पीछेमुख्य वि चार सिम्हांस के अनुभवी संकायों द्वारा ज्ञान साझा करना था ।
छात्रों नेसमाज की उभरती ज़रूरतों के कारण संगठन के महत्व को समझा । छात्रों नेनैदानि क रोगि यों परडॉ. सुमि ता सि ंह नेवि द्यार्थि यों को प्रोत्साहि त कि या कि वेउन्हेंदि ए गए प्रशि क्षण का पूरा लाभ उठाएं। डॉ.अंकि ता देशमुख और डॉ. निम्मी वर्गी स नेकार्यक्रम का आयोजन कि या और इसकेसुचारू क्रियान्वयन में मदद
साइकोमेट्रिक परीक्षण और संबंधित उपचारों के बारे में सीखा।कार्यक्रम के वक्ता डॉ. नि शि केरकेट्टा , सिम्हांस के संकायशि क्षक थे। कॉलेज के छात्रों को नि दान और इसके प्रभाव के बारेमेंभी बताया गया। कॉलेज केपीजी छात्रों नेरोर्शा र्च और स्टैंडफोर्ट बि नेट साइकोमेट्रि क परीक्षण के माध्यम से निदान की तकनीकों केबारेमेंसीखा। वक्ता नेमानसि क स्वास्थ्य पर यूस्ट्रेस और डी-स्ट्रेस के महत्वपर भी जोर दि या। वक्ता नेमति भ्रम, भ्रम और भ्रांति के बीच अंतर के बारेमेंवि स्तार सेबताया। उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि रोगि यों केउपचार मेंनैदानि क मनोवैज्ञानि क की भूमि का बहुत महत्वपूर्ण होती है। छात्रों ने निदान को प्रभावित करने वाली सह-रुग्णताओं के बारे में सीखा ।फादर डॉ. पीएस वर्गी स नेवि भाग को छात्रों केलि ए इस तरह के व्यावहारि क प्रशि क्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया। जब तक छात्रों को उचित फील्ड एक्सपोजर नहीं दिया जाता, तब तक कोई भी शिक्षा पूरी नहीं हो सकती। प्रि ंसि पल डॉ. एमजी रॉयमन नेकार्यक्रम की सराहना की और कहा कि मुख्य शिक्षा ज्ञान साझा करने के माध्यम से होती हैऔर यह इंटरैक्टि व सत्र इसी अवधारणा को लक्षि त करता है।
विभागाध्यक्ष डॉ . मुखर्जी ने इस अवसर पर अपनेवि चार व्यक्त कि ए और वि द्यार्थि यों को अनुभवी वक्ताओं से विभिन्न उपचारों पर ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।डॉ. सुमि ता सिह ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया कि वेउन्हेंदि ए गए प्रशि क्षण का पूरा लाभ उठाएं। डॉ.अंकिता देशमुख और डॉ. नि म्मी वर्गी स नेकार्यक्रम का आयोजन कि या और इसकेसुचारू क्रियान्वयन में मदद की.