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ई.पी.एस 95 के उच्च पेंशन मे ही रहे विलम्ब को सांसद विजय बघेल ने गंभीरता से लिया, सुधार लाने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री को भेजा पत्र

भिलाई. असल बात news.    भिलाई इस्पात संयंत्र के EPS-95 पेंशन पीड़ितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सुनील चौरसिया के नेतृत्व मे  सांसद श्री विजय बघे...

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भिलाई.

असल बात news.   

भिलाई इस्पात संयंत्र के EPS-95 पेंशन पीड़ितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सुनील चौरसिया के नेतृत्व मे  सांसद श्री विजय बघेल से मिल कर EPFO रायपुर कार्यालय के मनमानीपूर्ण रवइये की शिकायत करते हुए मदद की गुहार लगाई है। प्रतिनिधि मंडल ने सांसद श्री बघेल को बताया कि इस मामले में मानवीय उच्चतम न्यायालय ने पूर्व कर्मचारियों के पक्ष में फैसला दिया है लेकिन इसके बाजू से पीड़ित कर्मचारी उच्च पेंशन पाने से वंचित हैं.

 उन्होंने सांसद को बताया कि इसके कारण भिलाई इस्पात संयंत्र के लगभग 16 हजार पूर्व कर्मी माननीय उच्चतम न्यायालय के 04 नवम्बर 2022 के आदेश के बावजूद उच्च पेंशन से आज तक वंचित है जबकि सेल के ही अन्य इकाई इस्को बर्नपुर आदि मे उच्च पेंशन का भुगतान आरम्भ  भी  हो चुका है । EPFO रायपुर कार्यालय का हिलाहवाली रवैया वरिष्ठ नागरिकों के साथ गैरजिम्मेदाराना व्यवहार है जो कि अत्यंत चिंतजानक व गंभीर मामला है जिसका जल्द निराकरण कराने  सांसद महोदय से हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया । *माननीय सांसद ने इसे गंभीरता से लेते हुए सम्बन्धित मंत्री से चर्चा कर पत्र प्रेषित किये है, तथा दिल्ली जाने पर केंद्रीय श्रम मंत्री से मिल भी मुद्दे को उठाने की बात कही कि* ।


        सुनील चौरसिया ने EPFO रायपुर की शिकायत करते हुए बताया कि, मा. सुप्रीम कोर्ट के 04 नवम्बर 2022 के आदेश जिसमे की EPS-95 पेंशन की गणना हेतु वेतन रु 15000/- की सीमा को समाप्त कर अंतिम वेतन को आधार बनाया गया था और इसी आधार पर EPFO, Raipur Office द्वारा अंतिम उच्च वेतन पर स्वंय गणना कर भिलाई इस्पात संयंत्र के पात्र सैकड़ो पूर्व कर्मियों से रु.15 लाख से रु.30 लाख रुपए अंतर राशि के रूप मे जमा करवाया गया, जिसे पूर्व कर्मियों ने उधार लेकर तथा अपने FD को तोड़ कर जमा किया था। परंतु लगभग एक माह बाद ही मार्च’24 मे उक्त जमा किए गए अंतर राशि को वापस करते हुए पेंशन देने से यह कहते हुये इंकार कर दिया कि, भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के ट्रस्ट के नियमो मे वेतन सीमा रु 6500/- का ही उल्लेख है तथा इस सम्बन्ध मे वह अपने उच्च कार्यालय से  स्पष्टीकरण मांगने की बात कही । EPFO रायपुर के इस कथन पर प्रश्न उठता है कि क्या EPFO रायपुर द्वारा बिना अपने उच्च अधिकारियों के अनुमोदन के ही अंतर राशि के लिए डिमांड पत्र जारी कर राशि जमा किया जा रहा था? अथवा EPFO रायपुर द्वारा गुमराह किया जा रहा है।  इस प्रकार की स्थिति वरिष्ठ नागरिकों के लिए अत्यंत चिंता का विषय है, और इसके तत्काल समाधान की आवश्यकता है । गौरतलब है कि, माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वेतन सीमा से संबन्धित सभी पूर्व प्रावधानों तथा  भिलाई स्टील प्लांट के ट्रस्ट मे इंगित वैधानिक वेतन सीमा स्वत: ही निरस्त/शून्य हो जाना चाहिए, फिर भी भिलाई इस्पात संयंत्र के ट्रस्ट मे वेतन सीमा का मुद्दा उठाना तकनीकी रूप से अनुचित व मा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है।

   सांसद श्री विजय बघेल ने अपने पत्र मे EPFO रायपुर कार्यालय के गैरजिम्मेदाराणा रवइये की विभागीय जाँच का अनुरोध किये । प्रतिनिधि मंडल मे आर वी सिंह, सुधीर अवधिया, भारत साव, के एन दिवाकर, एस एल वर्मा, सुरेश बन्छोड़ आदि शामिल थे ।