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 विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर "कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य" विषय पर स्वरूपानंद महाविद्यालय में चर्चा स्वामी श्री स्वरूपानंद सर...

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 विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर "कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य" विषय पर स्वरूपानंद महाविद्यालय में चर्चा

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में "कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य" विषय पर एक महत्वपूर्ण चर्चा का आयोजन किया गया। इस चर्चा में विभिन्न वक्ताओं द्वारा कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने के उपायों और महत्त्वपूर्ण सुझावों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

चर्चा की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्या डॉ. हंसा शुक्ला द्वारा की गई, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और इसे बनाए रखने के विभिन्न तरीकों पर प्रकाश डाला गया। कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जिन प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया गया, उनमें तनाव प्रबंधन, कार्य-जीवन संतुलन, संवाद कौशल का विकास, सकारात्मक दृष्टिकोण और समय प्रबंधन शामिल थे।

महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा और डॉ. मोनिषा शर्मा ने इस कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इस प्रकार के और कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए उन्होंने इस कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बताया और इसके सकारात्मक प्रभावों पर जोर दिया, जिससे मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों में समझ और जागरूकता बढ़ाई जा सके।

श्रीमती टी. बबिता विभागाध्यक्ष भौतिकी ने आत्म-देखभाल की आवश्यकता पर बल दिया उन्होंने सुझाव दिया कि व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद हमें खुद के लिए थोड़ा समय निकालना चाहिए ताकि हम तरोताजा और प्रेरित महसूस कर सकें यह छोटा कदम अधिक उत्पादकता और मानसिक स्पष्टता की ओर ले जाता है।

श्रीमती ज्योति मिश्रा, स.प्रा. अर्थशास्त्र ने अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने विभाग काम से पूरी तरह से डिस्कनेक्ट करें। टीम को सूचित कर दें और नोटिफिकेशन बंद कर दें ताकि कोई काम का तनाव न हो। फिर स्वयं की देखभाल पर ध्यान दें—अच्छी नींद लें, आराम करें, और पौष्टिक भोजन खाएं।

माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शमा ए. बेग ने कार्यस्थल और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया, खासकर कामकाजी महिलाओं के संदर्भ में। उन्होंने महिलाओं के लिए कार्य और व्यक्तिगत जीवन के बीच तालमेल बैठाने के कई उपयोगी तरीके साझा किए। कामकाजी महिलाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य दिवस लेना बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि वे अक्सर पेशेवर और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों को संभालती हैं। 

डॉ. शर्मिला सामल विभागाध्यक्ष, वाणिज्य ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर अपने विचार साझा किए उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के बीच खुला संवाद अत्यंत आवश्यक है, चाहे वे जूनियर हों या सीनियर। इस बातचीत के माध्यम से वे अपनी समस्याओं और चिंताओं को स्पष्ट कर सकते हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है उन्होंने सुझाव दिया कि नियमित संवाद और सहानुभूति से कार्यस्थल पर सकारात्मक माहौल का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने कर्मचारियों को एक-दूसरे की सुनने और समझने के लिए प्रेरित किया, जिससे तनाव को कम किया जा सके।

श्री एम.एम. तिवारी क्रीड़ा अधिकारी ने सुझाव दिया शारीरिक गतिविधि करें जैसे योग, चलना या हल्का व्यायाम, जिससे तनाव कम हो और मूड बेहतर हो यह मानसिक शांति लाने में मदद करता है।

श्रीमती रुपाली खर्चे विभागाध्यक्ष कंप्यूटर साइंस ने सभी को याद दिलाया कि हर व्यक्ति के भीतर ईश्वर का वास होता है उन्होंने हमें अपने शब्दों और कार्यों के प्रति सचेत रहने का आग्रह किया क्योंकि नकारात्मक बोलने या दूसरों को आहत करने से न केवल दूसरों की बल्कि हमारी अपनी भी आंतरिक शांति भंग हो सकती है उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें किसी की आंतरिक शांति को आहत करने का अधिकार नहीं है जो ईश्वर को आहत करने के समान है।

डॉ. मीना मिश्रा विभागाध्यक्ष गणित ने सलाह दी कि जबकि दूसरों को सुनना महत्वपूर्ण है हमें हमेशा अपनी बुद्धिमत्ता और अंतर्ज्ञान के अनुसार ही कार्य करना चाहिए उन्होंने ऐसे निर्णय लेने को प्रोत्साहित किया जो हमारे दिल और दिमाग दोनों के अनुकूल हों ताकि हम तनाव का प्रभावी ढंग से सामना कर सकें।

श्री विजय मिश्रा, वाणिज्य विभाग ने सुझाव दिया कि कर्मचारियों को अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए, ताकि मानसिक थकान को कम किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यस्थल पर सकारात्मकता और सहयोग से न केवल कर्मचारियों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि इससे संगठन की समग्र सफलता भी बढ़ती है।


श्रीमती संयुक्ता पाढ़ी, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष ने दिन की शुरुआत प्रार्थना से करने के महत्व पर जोर दिया, क्योंकि इससे मन शांत होता है और जीवन में शांति आती है उन्होंने सभी को अपने दैनिक जीवन में इस अभ्यास को शामिल करने की सलाह दी ताकि आंतरिक शांति प्राप्त की जा सके।

इस अवसर पर प्रतिभागियों ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझाते हुए बताया कि आज के व्यस्त जीवन में कार्यस्थल पर मानसिक तनाव एक सामान्य समस्या बन गई है, जिससे व्यक्ति की कार्यक्षमता और व्यक्तिगत जीवन प्रभावित होते हैं उन्होंने यह भी बताया कि कैसे नियमित ध्यान, योग और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने से इस तनाव को कम किया जा सकता है। वक्ताओं ने सुझाव दिया कि संस्थानों को अपने कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए और इसके लिए मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए। साथ ही काम के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेना, सहकर्मियों के साथ संवाद स्थापित करना और अपनी प्राथमिकताओं को सही ढंग से प्रबंधित करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है।

कार्यक्रम के दौरान, सभी सदस्यों ने मिलकर आनंददायक अंताक्षरी खेला, जिसमें उन्होंने विभिन्न गानों के बोल गाए और एक-दूसरे के साथ समय बिताया। इस खेल ने न केवल सभी के चेहरे पर मुस्कान लाई, बल्कि एक सामूहिक वातावरण भी बनाया जिसमें सभी ने अपनी चिंता और तनाव को भुलाकर एक-दूसरे के साथ खुशनुमा समय बिताया इस कार्यक्रम के बाद, सभी सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि हर शनिवार को कुछ खेल खेले जाएंगे। इन खेलों का उद्देश्य मानसिक ताजगी और कार्यस्थल पर तनाव से राहत प्राप्त करना है। ये गतिविधियाँ सदस्यों को एकजुट करेंगी और उन्हें एक नए उत्साह के साथ कार्य में संलग्न होने का अवसर देंगी।

हम सभी को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझने और इसे प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल हमारे मानसिक स्वास्थ्य को सशक्त बनाती हैं, बल्कि एक स्वस्थ और सहयोगात्मक कार्य वातावरण भी बनाती हैं। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर हमारे संस्थान के सभी प्राध्यापकों ने दैनिक जीवन के दबावों के बीच मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए।

कार्यक्रम का आयोजन माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा किया गया था और इसे सहायक प्राध्यापिकाओं, सुश्री योगिता लोखंडे और सुश्री समीक्षा मिश्रा ने सफलतापूर्वक संचालित किया। इस चर्चा में छात्रों और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और कार्यक्रम को बेहद सफल बनाया। सभी ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और इसे बेहतर बनाने के उपायों पर चर्चा की।

इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल हुए डॉ. शर्मिला सामल विभागाध्यक्ष वाणिज्य, डॉ. रजनी मुदलियार विभागाध्यक्ष रसायन विज्ञान, डॉ. शिवानी शर्मा विभागाध्यक्ष जैव प्रौद्योगिकी, डॉ. मीना मिश्रा विभागाध्यक्ष गणित, श्रीमती संयुक्ताउ पाढ़ी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी, श्रीमती रुपाली खर्चे, विभागाध्यक्ष कंप्यूटर साथ ही स.प्रा. में शामिल थे श्री विजय मिश्रा वाणिज्य विभाग, सुश्री श्रुति कानोजिया वाणिज्य विभाग, श्रीमती रश्मि बनाज वाणिज्य विभाग, श्री अमरजीत वाणिज्य विभाग, श्रीमती टी. बबीता  स.प्रा.भौतिकी, श्रीमती कामिनी वर्मा विभाग गणित, सुश्री मधु पटवा गणित विभाग, श्री हितेश, अंग्रेजी विभाग, श्रीमती ज्योति मिश्रा, शिक्षा विभाग, श्रीमती मोनिका और सुश्री सीमा, रसायन विज्ञान विभाग सभी ने इस महत्वपूर्ण चर्चा में भाग लिया और कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए। इस कार्यक्रम से सभी ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और इसे बनाए रखने के उपायों पर गहन विचार-विमर्श किया।