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राज्यपाल डेका, प्रथम राज्य स्तरीय जूनियर रेडक्रॉस मीट के समापन समारोह में हुए शामिल

असल बात न्युज  राज्यपाल डेका, प्रथम राज्य स्तरीय जूनियर रेडक्रॉस मीट के समापन समारोह में हुए शामिल युवाओं में सेवा और मानवता की भावना जागृत ...

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असल बात न्युज 

राज्यपाल डेका, प्रथम राज्य स्तरीय जूनियर रेडक्रॉस मीट के समापन समारोह में हुए शामिल

युवाओं में सेवा और मानवता की भावना जागृत करना है, जिससे वे समाज की बेहतरी में योगदान दे सकें - राज्यपाल डेका

नारायणपुर जिले से जूनियर बालिका कु. नीलिमा मण्डावी एवं कोरिया जिले से जूनियर बालक रमेश कुमार को सर्वश्रेष्ठ कैडेट से किया गया सम्मानित

रेडक्रॉस के बच्चों ने राज्यपाल को खुमरी, पोट्रेट एवं एक तारा भेंट की

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ जूनियर रेडक्रॉस प्रशिक्षण सह सदभावना शिविर का समापन

















दुर्ग, छत्तीसगढ़ प्रदेश के महामहिम राज्यपाल रमेन डेका आज भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी दुर्ग द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय जूनियर रेडक्रॉस प्रशिक्षण सह सदभावना शिविर के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। रेडक्रॉस सोसायटी के पांच दिवसीय कार्यक्रम में 33 जिलों से आए छात्र-छात्राओं के बीच विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। ओवर ऑल बेहतर प्रदर्शन के लिए दुर्ग जिले को प्रथम एवं बालोद जिले को द्वितीय स्थान और नारायणपुर जिले से जूनियर बालिका कु. नीलिमा मण्डावी व कोरिया जिले से जूनियर बालक श्री रमेश कुमार को सर्वश्रेष्ठ कैडेट से सम्मानित किया।  

इस अवसर पर रेडक्रॉस सोसायटी सीईओ एम.के.राउत, चेयरमेन अशोक कुमार अग्रवाल, संभागायुक्त सत्यनारायण राठौर, पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग, जिला रेडक्रॉस समिति की अध्यक्ष कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी सम्मलित हुए। 

समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल डेका ने छत्तीसगढ़ में पहली बार राज्य स्तरीय जूनियर रेडक्रॉस मीट 2024 कार्यक्रम के लिए प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने रेडक्रास के इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम का हिस्सा बनकर युवा स्वयंसेवकों के समर्पण और सेवा भावना को नमन किया जो देश के भविष्य हैं और समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों को समझते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि जूनियर रेडक्रास का मुख्य उद्देश्य युवाओं में सेवा और मानवता की भावना जागृत करना है, जिससे वे समाज की बेहतरी में योगदान दे सकें। रेडक्रॉस न केवल आप सभी को चिकित्सा सेवाओं और आपातकालीन परिस्थितियों में मदद करने के गुर सिखाता है, बल्कि यह मानवता के प्रति आपकी संवेदनशीलता और सेवा भावना को भी प्रबल करता है। यह प्रशिक्षण शिविर आपको न केवल कौशल प्रदान करेगा, बल्कि जीवन के उन आदर्शों को भी सिखाएगा, जिनसे समाज में शांति, सद्भावना और एकता को बढ़ावा मिलता है। आज, पूरी दुनिया विभिन्न चुनौतियों से जूझ रही है। प्राकृतिक आपदाओं, महामारी या सामाजिक असमानताओं में मानव सेवा का यह पवित्र कार्य और भी अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाता है। आप सभी रेडक्रास के इस मंच से सीखकर न केवल अपनी क्षमताओं को विकसित कर रहे हैं, बल्कि समाज के प्रति एक सशक्त योगदान दे रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा कि प्रशिक्षण सह सद्भावना शिविर में न केवल आपातकालीन सहायता, प्राथमिक चिकित्सा और आपदा प्रबंधन के संबंध में प्रशिक्षण दिया जा रहा है, बल्कि समाज में मानवता, शांति और सहयोग की भावना को बढ़ावा देना, सामुदायिक विकास, सामाजिक समरसता, और नैतिक मूल्यों पर भी विशेष ध्यान दिया गया। यह शिविर सभी को एक बेहतर नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि आप यहां से जो भी सीखकर जाएंगे अपने परिजनों को, मित्रों को भी अवश्य सीखाएं और बताएं ताकि आपाल कालीन परिस्थितियों में वे भी अन्य लोगों की सहायता कर सकें। 

राज्यपाल डेका ने कहा कि हमारे देश की युवा शक्ति में असीम संभावनाएँ हैं। आप सभी वे युवा हैं जो कल की चुनौतियों का सामना करेंगे और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य करेंगे। इस शिविर के माध्यम से आप सेवा, सद्भावना और नैतिकता के गुणों को अपने जीवन में उतारेंगे और समाज को एक नई दिशा देंगे।

राज्यपाल ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को भी उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन और भारतीय रेडक्रॉस समिति दुर्ग को इस सफल आयोजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। राज्यपाल डेका ने सभी से आग्रह किया कि जो आपने यहाँ सीखा है, उसे जीवन में उतारें और समाज को अपनी सेवाओं से गौरवान्वित करें।

चेयरमेन अशोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि रेडक्रॉस एक ऐच्छिक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो 1863 में हेनरी ड्युनॉट द्वारा युद्धभूमि पर जख्मी और पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया। आज यह रेडक्रॉस 191 देशों में काम कर रही है। किसी भी बड़े आयोजन का केन्द्र सूक्ष्म ही होता है वैसे ही रेडक्रॉस् जैसे अंतर्राष्टीय संस्थान का केन्द्र भी जुनियर रेडक्रॉस है। जो आज जेआरसी के सदस्य है कल बड़े होकर रेडक्रॉस मुखिया होंगे।

अग्रवाल ने कहा कि राज्य जूनियर्स में रेडक्रॉस के प्रति जागरुकता और इसके सिद्धांतों से अवगत कराने के लिए मनोरंजन एवं ज्ञानवर्धक शिविर “जूनियर रेडक्रॉस जम्बुरी 2024“ का आयोजन किया गया। इस आयोजन में राज्य के समस्त जिला से 354 बालक, 445 बालिका, काउंसलर एवं दल प्रभारी 107 कुल 906 सहभागी रहे। पाँच दिनों में इस शिविर में प्राथमिक सहायता, सिकल सेल, नशा उन्मूलन, साईबर क्राईम से बचाव, रक्त अल्पता, किशोरावस्था में शारीरिक बदलाव पर व्याख्यान, मानसिक स्वास्थ्य, सायकोलॉजी, बीएसपी द्वारा फायर फाइटिंग प्रदर्शन जैसे विषयों पर ख्याति प्राप्त विषय विशेषज्ञों द्वारा अत्यंत रोचक एवं प्रभावशाली ढंग से व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।

अग्रवाल ने कहा कि खेल-खेल में पढाई को ध्यान में रखते हुए मनोरंजक साहसिक गतिविधियां, खेलकूद, योग एवं व्यायाम, मार्चपास्ट, लोक गीत, लोक नृत्य, निबंध, पेंटिंग, अंताक्षरी, क्वीज, झांकी, फूड एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनी, फिजिकल डिस्प्ले तथा 27 प्रकार के मनोरंजक खेल से बच्चों के मन में रेडक्रॉस का स्वयं सेवक बनने की इच्छा जागृत हुई है। उन्होंने दुर्ग रेडक्रॉस के समस्त स्वयंसेवक विशेष कर कलेक्ट ऋचा प्रकाश चौधरी का साधुवाद किया। भारती विश्वविद्यालय के कुलपति सुशील चन्द्राकर को बधाई दी, जिन्होंने इस आयोजन की सफलता के लिये राज्य शाखा के प्रयासों में कदम से कदम मिलाकर सहयोग प्रदान किया। जूनियर्स को जिला दुर्ग के प्रमुख स्थलों भिलाई स्टील प्लांट, भिलाई, मैत्री बाग, जैन मंदिर का भ्रमण कराया गया।

सीईओ एम.के.राउत ने कहा कि जिले में प्रथम बार राज्य स्तरीय जूनियर रेडक्रॉस मीट 2024 कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। जूनियर रेडक्रॉस में 33 जिलों के बच्चे शामिल हुए। इस संगठन का उद्देश्य मानव सेवा और स्वास्थ्य सेवा के प्रति जागरूक करना है। जूनियर रेडक्रॉस में 9 से 12 साले के बच्चों को शामिल किया गया है। आज का बच्चा कल का नागरिक होगा। आज सभी 33 जिलों से आए बच्चे एक-दूसरे के साथ मिलकर रह रहे हैं। एक दूसरे में भावना और ज्ञान का आदान प्रदान हो रहा है, जिस स्थान में बैठकर आप प्रशिक्षण एवं ज्ञान ले रहे हैं वह शिक्षा का मंदिर है। 

समापन समारोह के अंत में जिला रेडक्रॉस समिति की अध्यक्ष कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने प्रथम राज्य स्तरीय जूनियर रेडक्रॉस मीट कार्यक्रम के लिए सम्मानीय अतिथियों का आभार व्यक्त किया । 

इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं मलखम्भ का भी प्रदर्शन किया गया। राज्यपाल ने मार्चपास्ट, लोक गीत, लोक नृत्य, निबंध, पेंटिंग, अंताक्षरी, एवं क्वीज, झांकी, फूड एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनी, फिजिकल डिस्प्ले में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्रओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर बच्चों ने राज्यपाल को खुमरी पहनाया व राज्यपाल की पोट्रेट, चिरई चुगनी एवं एक तारा भेंट की।