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कृषक महिलाओं की सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम-इंद्राणी दिनेश चंद्रवंशी, कृषि विज्ञान केन्द्र में पीएम कुसुम योजनांतर्गत एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन

 कवर्धा,असल बात कवर्धा, पीएम कुसुम योजनांतर्गत एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन पीएम-कुसुम (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान...

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 कवर्धा,असल बात


कवर्धा, पीएम कुसुम योजनांतर्गत एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन पीएम-कुसुम (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) घटक, भारत शासन द्वारा संचालित एक महत्वकांक्षी योजना है। इस योजना के व्यापक प्रचार प्रसार एवं जागरूकता के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र में बुधवार को एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जागरूकता कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रूप में कवर्धा जनपद अध्यक्ष श्रीमती इंद्राणी दिनेश चंद्रवंशी शामिल हुए।

कवर्धा जनपद अध्यक्ष श्रीमती इंद्राणी दिनेश चंद्रवंशी ने अपने उद्बोधन में कृषक महिलाओं को संगठित होकर शासन की योजनाओं का लाभ लेते हुए अपने आय में वृद्धि करने की बात कही तथा कृषि कार्यों में अधिक से अधिक भागीदारी करने एवं महिला सशक्तीकरण के लिए निर्णयों में भी अपनी हिस्सेदारी निभाने हेतु प्रेरित किया। सांसद प्रतिनिधि श्री दिनेश चंद्रवंशी ने अपने उद्बोधन में कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को सिंचाई और गैर नवनीकृत ऊर्जा के स्त्रोत का उपयोग कम करने के लिए भारत सरकार द्वारा मार्च 2019 में प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना शुरू की गई थी। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को खेती के लिए सोलर सिंचाई पंप लगाना होगा।  कृषि विज्ञान केन्द्र, के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बी.पी. त्रिपाठी द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया एवं वर्तमान परिदृष्य में कृषि के क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण के महत्व एवं स्वच्छ एवं नवनीकरण ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कृषकों को प्रेरित किया।

कार्यक्रम में भारत का राष्ट्रीय कौशल फाउण्डेशन से श्री संतोष पांडा का तकनीकी सत्र हुआ जिसमें उन्होने कृषकों को इस योजना केबारे में बताया, जिसमें किसान बंजर, परती या कृषि भूमि पर 2 मेगावाट क्षमता तक के विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं। इससे किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी एवं देश की ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके लिये भूमि को सब स्टेशन से 5 किलोमीटर की परिधि में होना आवश्यक है। इसमें लगने वाले कुल लागत का लगभग 30 प्रतिशत कृषक को वहन करना होगा एवं लगभग 70 प्रतिशत बैंक फाईनेंस प्राप्त होगा। इसमें किसान विभिन्न प्रकार के डिजाइन अपनी सुविधा एवं आवश्यता के अनुसार तय कर सकेंगे एवं उपलब्ध भूमि में ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के साथ-साथ खेती करके दोहरा लाभ प्राप्त कर सकते है। कार्यक्रम में श्री अंकित कुमार पटेल, सलाहकार ग्रामीण विकास परिवर्तन, कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा के वैज्ञानिक गण एवं जिले के विभन्न गांवों से आये 50 कृषक ने भाग लिया,कृषक महिलाओं की सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम-इंद्राणी दिनेश चंद्रवंशी,    कृषि विज्ञान केन्द्र में पीएम कुसुम योजनांतर्गत एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन

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