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सामुदायिक पुलिसिंग के तहत नक्सल प्रभावित गांव मटियाडोगरी में क्रिकेट प्रतियोगिता का शुभारंभ,SP ने किया शुभारंभ

 कबीरधाम,असल बात मटियाडोगरी (कबीरधाम, छग) और मालूमझोला (बालाघाट, म.प्र.) की सीमा पर आयोजित इस प्रतियोगिता में क्षेत्र के 10 राष्ट्रीय खिलाड़...

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 कबीरधाम,असल बात





मटियाडोगरी (कबीरधाम, छग) और मालूमझोला (बालाघाट, म.प्र.) की सीमा पर आयोजित इस प्रतियोगिता में क्षेत्र के 10 राष्ट्रीय खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया गया, जो पुलिस विभाग के सहयोग एवं कोच के अथक प्रयासों से राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे हैं

सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पारंपरिक रूप से पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेंद्र सिंह(IPS), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पुष्पेंद्र बघेल, उप पुलिस अधीक्षक (नक्सल ऑपरेशन) श्री संजय धुर्वे, और थाना प्रभारी रोशन बघेल का स्वागत करने पहुंचे

नक्सल प्रभावित वनांचल क्षेत्र में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत ग्राम मटियाडोगरी (थाना झलमला) में 26 अक्टूबर 2024 से भव्य क्रिकेट प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ। जिला मुख्यालय से 71 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में पिछले 25 वर्षों से इस आयोजन की परंपरा चली आ रही है, जिसमें कबीरधाम और बालाघाट के सीमावर्ती 36 गांवों की टीमों ने पंजीयन कराया।  


प्रतियोगिता के उद्घाटन अवसर पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेंद्र सिंह (IPS), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पुष्पेंद्र बघेल, और उप पुलिस अधीक्षक (नक्सल ऑपरेशन) श्री संजय धुर्वे, ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया और टॉस कराकर खेल का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति एवं भाईचारे को बढ़ावा देना, युवाओं को सकारात्मक दिशा में प्रेरित करना, और पुलिस तथा ग्रामीणों के बीच आपसी विश्वास को मजबूत करना था।  

सामुदायिक पुलिसिंग: नक्सलवाद से मुक्ति की ओर एक कदम

कबीरधाम पुलिस द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित करने और विकास कार्यों को गति देने के लिए सामुदायिक पुलिसिंग एक महत्वपूर्ण रणनीति बन चुकी है। पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेंद्र सिंह (आईपीएस) के नेतृत्व में, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पुष्पेंद्र बघेल और श्री पंकज पटेल के पर्यवेक्षण में उप पुलिस अधीक्षक श्री संजय धुर्वे, श्री सतीश धुर्वे, श्री कृष्ण कुमार चंद्राकर, रक्षित निरीक्षक महेश्वर सिंह, और थाना प्रभारी झलमला श्री रोशन बघेल, उप निरीक्षक किसन तिलगाम, जिला विशेष शाखा के प्रधान आर. घनाराम सिन्हा, अभिजीत सिंह, रेखूराम धुर्वे, आर. कृपाराम मरावी, नव राजूलाल यादव, दिवाकर, मगलु, तीजु की टीम ने मिलकर इस प्रतियोगिता को सफल बनाया।  


कुमान पुलिस बेस कैंप: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भय मुक्त वातावरण

कभी नक्सलियों के लिए सुरक्षित माने जाने वाले इस क्षेत्र में कुमान पुलिस बेस कैंप खुलने के बाद ग्रामीणों में भय कम हुआ है और अब वे शासन की योजनाओं का लाभ खुलकर ले रहे हैं। सामुदायिक पुलिसिंग का मुख्य उद्देश्य न केवल अपराध और नक्सलवाद का मुकाबला करना है, बल्कि ग्रामीणों के बीच पुलिस की सकारात्मक छवि बनाना और उनके साथ संवाद स्थापित करना भी है। यह प्रतियोगिता इसी प्रयास का एक हिस्सा थी, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवा खेलों में रुचि लें और उन्हें मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर मिले।  


ग्रामीणों और खिलाड़ियों में उत्साह

ग्राम मटियाडोगरी और आस-पास के गांवों में यह प्रतियोगिता एक उत्सव के रूप में मनाई गई। आयोजन के दौरान ग्रामीणों में गजब का उत्साह देखने को मिला। इस मौके पर सरपंच पुष्पा छुरे, प्रकाश टेकाम, उमेंद्र सिंह महावीर, ग्राम खेल समिति से समारू बैगा, संत कुमार, गिरवर, कोप सिंह, राजू छुरे, लक्ष्मण, ग्राम पटेल सहित सैकड़ों की संख्या में स्थानीय ग्रामीण, महिलाएं, पुरुष और खिलाड़ी उपस्थित थे।  


प्रतियोगिता के दौरान पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल था। ग्रामीणों ने न केवल खेल का आनंद लिया बल्कि पुलिस और प्रशासन के प्रति अपनी कृतज्ञता भी व्यक्त की। इस आयोजन ने यह साबित किया कि पुलिस और ग्रामीणों के बीच आपसी सहयोग से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास की राह संभव है।  


नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक विकास की दिशा  


कबड्डी और क्रिकेट जैसी प्रतियोगिताओं के माध्यम से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक विकास को बढ़ावा देना कबीरधाम पुलिस का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल युवाओं को रचनात्मक गतिविधियों में शामिल किया जा सकता है बल्कि उन्हें नक्सलवाद से दूर रखने के लिए भी प्रेरणा मिलती है।  


कबीरधाम पुलिस ने यह पहल कर साबित किया है कि सामुदायिक पुलिसिंग से नक्सलवाद से निपटने में काफी मदद मिल सकती है। ऐसे आयोजन न केवल खेल प्रतिभाओं को उभारते हैं बल्कि ग्रामीणों को मुख्यधारा से जोड़ने में भी सहायक होते हैं। इस प्रतियोगिता के माध्यम से पुलिस ने यह संदेश दिया कि नक्सलवाद का समाधान केवल बल प्रयोग से नहीं बल्कि विकास, संवाद और आपसी सहयोग से भी संभव है।