भिलाई. असल बात news. हुडको, भिलाई स्थित स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा युवा महोत्सव के अंतर्गत वाद-व...
भिलाई.
असल बात news.
हुडको, भिलाई स्थित स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा युवा महोत्सव के अंतर्गत वाद-विवाद और तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में छात्रों ने न केवल सक्रिय भागीदारी की, बल्कि अपने विचारों की गहराई और ज्ञान को भी प्रदर्शित किया। प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में तार्किक और प्रभावी संवाद कौशल को बढ़ावा देना था, जिससे वे समाज और जीवन के विभिन्न आयामों पर अपनी सोच को और व्यापक बना सकें।
वाद-विवाद प्रतियोगिता का विषय "क्या एक अच्छी नौकरी पाने के लिए कॉलेज की डिग्री आवश्यक है?" था। इस रोचक और समसामयिक विषय पर छात्रों ने अपने विचार मजबूती से प्रस्तुत किए, जिनमें से कुछ ने डिग्री को नौकरी के लिए अनिवार्य माना, तो कुछ ने इसे केवल एक साधन के रूप में देखा। खुषी (बीसीए प्रथम सेमेस्टर) ने अपने तर्कों से निर्णायकों का दिल जीतकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। मोहन नाग (बीबीए प्रथम सेमेस्टर) ने अपने संतुलित दृष्टिकोण के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि जाह्नवी ठाकुर (बीसीए प्रथम सेमेस्टर) ने प्रभावशाली प्रस्तुति देकर तीसरा स्थान हासिल किया।
तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता का विषय "सोशल मीडिया: जागरूकता या ध्यान भटकाने वाला साधन?" था। इस विषय पर विद्यार्थियों ने अपनी राय बेबाकी से रखी। वंदना राव (बीसीए प्रथम सेमेस्टर) ने अपने सटीक तर्क और गहन ज्ञान के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया। गुनगुन ठाकुर (बीसीए प्रथम सेमेस्टर) ने दूसरा स्थान और अमन दत्ता (बीसीए प्रथम सेमेस्टर) ने तीसरा स्थान हासिल किया।
इस प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल में डॉ. जया तिवारी (विभागाध्यक्ष - जीव विज्ञान) और श्रीमती श्रीलता के. नायर (सहायक प्राध्यापक - कंप्यूटर साइंस) शामिल रहीं, जिन्होंने छात्रों के विचारों, प्रस्तुति शैली और तर्क शक्ति का मूल्यांकन किया। निर्णायकों ने छात्रों के प्रयासों की सराहना की और उनके भाषण-कौशल को निखारने के लिए उपयोगी सुझाव भी दिए।
कार्यक्रम के समन्वयक श्री हितेश सोनवानी और सह-समन्वयक श्री विजय मिश्रा ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन छात्रों में आत्मविश्वास और संचार कौशल को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व विकास में सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि वाद-विवाद और तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता जैसी गतिविधियां छात्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता की भावना और समाज में योगदान देने की जिम्मेदारी को भी प्रोत्साहित करती हैं।
महाविद्यालय के सीईओ डॉ. दीपक शर्मा ने भी इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि महाविद्यालय छात्रों को शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ ऐसी सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेने के अवसर प्रदान करता है, जो उनकी सोच को प्रगतिशील बनाती हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय स्तर पर भी छात्रों के उज्जवल प्रदर्शन की आशा व्यक्त की और उनके सफल भविष्य की कामना की।
प्राचार्या डॉ. हंसा शुक्ला ने इस उपलब्धि पर सभी विजेता छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता उनके व्यक्तित्व विकास का एक अहम हिस्सा है, जो भविष्य में उनकी सफलता के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए उन्हें और भी ऊँचाइयों तक पहुँचने के लिए प्रेरित किया।प्रतियोगिता में स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं के विधार्थियो ने भाग लिया ।